केरल के एर्नाकुलम स्थित एक कन्वेंशन सेंटर में ईसाइयों की प्रार्थना सभा के दौरान जोरदार बम धमाके हुए हैं. इन धमाकों में एक शख्स की मौत हो गई, जबकि 40 लोग घायल बताए जा रहे हैं. बम धमाकों की जानकारी होते ही एनआईए और केरल पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई. इस घटना की शुरुआती जांच में पता चला है कि धमाकों के लिए 'इंसेंडियरी डिवाइस' और 'इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस' यानी आईईडी का इस्तेमाल हुआ है. एक्सप्लोसिव को टिफिन बॉक्स में छुपाया गया था, ताकि किसी को पता न चल सके. पुलिस के मुताबिक, पहला धमाका सुबह 9.30 के करीब हुआ है. उसके बाद एक के बाद एक तीन धमाकों से पूरा कन्वेंशन सेंटर दहल गया.
जानकारी के मुताबिक, एर्नाकुलम में कलामसेरी स्थित कन्वेंशन सेंटर में यहोवा के साक्षियों की प्रार्थना चल रही थी. इस तीन दिवसीय सम्मेलन में वहां सैकड़ों लोग मौजूद थे. तभी एक जोरदार धमाका हुआ, जिसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए हैं. तीन लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है. सभी घायलों का एर्नाकुलम के मेडिकल कॉलेज में इलाज कराया जा रहा है. बचाव और राहत कार्य तेजी से जारी है. केरल पुलिस, एनआईए की टीम इस मामले की जांच में लग गई है. एनएसजी की एक टीम भी दिल्ली से घटनास्थल पर पहुंचने वाली है. पूरे हालात पर केरल के सीएम पिनाराई विजयन और गृहमंत्री अमित शाह नजर बनाए हुए हैं.
क्या होती है इंसेंडियरी डिवाइस?
इंसेंडियरी का मतलब आग लगाने वाला या विस्फोटक होता है, जबकि डिवाइस उपकरण को कहते हैं. इस तरह इंसेंडियरी डिवाइस आग लगाने वाले हथियार या आग लगाने वाले बम होते हैं. इनका इस्तेमाल आग शुरू करने या आग का इस्तेमाल करके संवेदनशील उपकरणों को नष्ट करने के लिए किया जाता है. कभी-कभी इन्हें एंटी-पर्सनल हथियार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इंसेंडियरी डिवाइस में नेपलम, थर्माइट, मैग्नीशियम पाउडर और क्लोरीन ट्राइफ्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता है. इसका पहली बार पहले वर्ल्ड वॉर में इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद दूसरे वर्ल्ड वॉर में भी इसका इस्तेमाल हुआ. इस तरह के हथियार ज्यादातर छोटे हमलों में इस्तेमाल होते हैं.
कितना खतरनाक होता है आईईडी?
आईईडी यानी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस ऐसे बम होते हैं, जो मिलिट्री बमों से अलग होते हैं. इनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर नुकसान के लिए किया जाता है. आईडी ब्लास्ट के वक्त घटनास्थल पर आग लग जाती है, क्योंकि इसमें घातक और आग लगाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. इन बमों के ऊपर दबाव पड़ने पर तेज आग और धुएं के साथ धमाका होता है. इसको ट्रिगर करने के लिए आतंकी और नक्सली रिमोट कंट्रोल, इंफ्रारेड या मैग्नेटिक ट्रिगर्स, प्रेशर-सेंसिटिव बार्स या ट्रिप वायर जैसे तरीकों का इस्तेमाल करता हैं. कई बार इन्हें सड़क के किनारे तार की मदद से बिछाया जाता है. भारत में नक्सलियों द्वारा कई वारदातों को आईईडी के द्वारा अंजाम दिया जाता है.
वीडियो में दिखी धमाकों की धमक
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें अफरा-तफरी का माहौल दिखाई दे रहा है. लोग इधर से उधर भाग रहे हैं. कुर्सियां आग की लपटों में घिरी हुई हैं. कुछ लोग वहां से कुर्सियों को हटा रहे हैं ताकि आग ज्यादा भीषण न हो जाए. इस आग को देखकर इतना समझ आ रहा है कि ये ब्लास्ट कम डेन्सिटी का नहीं था, नहीं तो आग की लपटें इतनी ऊंची नहीं उठतीं. ऐसा लगता है कि बम धमाका करने वालों को मालूम था कि यहां कितने लोग शामिल हैं. इन धमाकों के पहले उस जगह की पूरी रेकी की गई है. एक्सप्लोसिव डिवाइस को भीड़ में अलग-अलग जगह पर रखा गया था, ताकि अफरा-तफरी मचने पर ज्यादा से ज्यादा लोग इन धमाकों की जद में आ जाएं.
रेलवे-बस स्टेशनों पर सुरक्षा सख्त
एर्नाकुलम में हुए धमाकों के बाद पूरे केरल में अलर्ट जारी किया गया है. खासकर 14 जिलों के पुलिस कप्तानों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. हर जगह बस और रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा गया है. केरल के डीजीपी डॉ. शेख दरवेश साहब ने बताया, ''सुबह लगभग 9:40 बजे जमरा इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एग्जीबिशन सेंटर में विस्फोट हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 36 लोगों का इलाज चल रहा है. कन्वेंशन सेंटर में एक धर्म विशेष का सम्मेलन हो रहा था. हमारे सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं. एडिशनल डीजीपी भी वहां जा रहे हैं. हम पूरी जांच कर रहे हैं, पता लगाएंगे कि इसके पीछे कौन है. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.''
जारी किया गया था खुफिया अलर्ट
सूत्रों के मुताबिक, इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध के मद्देनजर भारतीय खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था. इसमें बताया गया था कि भारत में यहूदी स्थान आतंकवादियों के निशाने पर हो सकते हैं. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए दो आईएसआईएस आतंकवादियों ने मुंबई के एक महत्वपूर्ण यहूदी स्थल चावाड़ हाउस की रेकी की थी. वहां का वीडियो विदेश में बैठे आतंकवादियों के पास भेजे थे. सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने मध्य प्रदेश के रतलाम में आतंकी संगठन अल सुफा के नेटवर्क का पर्दाफाश किया था, उनके निशाने पर भी भारत में यहूदियों के ठिकाने थे. केंद्रीय एजेंसी को हाल ही में ऐसे कई इनपुट मिले हैं, जिसके बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है.