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इस रेड लाइट एरिया में कैद हैं 400 लड़कियां, नर्क से भी बदतर है जिंदगी

इलाहाबाद के बराव से मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर यहां लाई गईं लड़कियों ने छत्तीसगढ़ के बलोद में कई खुलासे किए हैं. बराव में देश के विभिन्न क्षेत्रों सहित कई देशों की 400 से अधिक लड़कियां मानव तस्करों के चंगुल में हैं. खुलासा हुआ है कि तस्करों का मुख्य अड्डा बराव ही है. इसका सरगना शेरू सहित ज्यादातर लोग यहीं के रहने वाले हैं.

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मानव तस्करों के चंगुल में 400 से अधिक लड़कियां
मानव तस्करों के चंगुल में 400 से अधिक लड़कियां

इलाहाबाद के बराव से मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर यहां लाई गईं लड़कियों ने छत्तीसगढ़ के बलोद में कई खुलासे किए हैं. बराव में देश के विभिन्न क्षेत्रों सहित कई देशों की 400 से अधिक लड़कियां मानव तस्करों के चंगुल में हैं. खुलासा हुआ है कि तस्करों का मुख्य अड्डा बराव ही है. इसका सरगना शेरू सहित ज्यादातर लोग यहीं के रहने वाले हैं.

बालोद के पुलिस अधीक्षक शेख आरिफ हुसैन ने कहा कि बराव में एक संवेदनशील रेड लाइट एरिया है, जहां सरगना शेरू की बहुत पहुंच है. हमने राज्य के सभी 14 लड़कियों को इसके चंगुल से बाहर तो निकाल लिया है, लेकिन अभी उनके पास अन्य राज्यों के 400 से अधिक लड़किया हैं, जिन्हें शेरू ने रेड लाइट एरिया में लाकर देह व्यापार के धंधे में उतार दिया है.

उन्होंने बताया कि छुड़ाई गईं लड़कियों से शेरू के कारोबार के बारे में कॉल डिटेल खंगाले जा जा रहे हैं. उसकी गिरफ्तारी भी करनी है. इस दौरान कोशिश रहेगी कि अन्य राज्यों की लड़कियों को भी सही सलामत ले आएं. पुलिस ने राज्य की 14 लड़कियों को बिकने से बचा लिया है. मानव तस्करी के बड़े मामले का खुलासा राज्य में हुआ है.

दो दिन पहले इलाहाबाद के बराव से छुड़ाकर लाई गईं छह लड़कियों को रविवार रात एसपी के दफ्तर में उनके परिजनों से मिलवाया गया. बरामद की गई लड़कियों से शेरू के ठिकाने और उसके कारोबार के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है. पुलिस ने लड़कियों से पूछताछ की, जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं, जिसे सुनकर पुलिस भी दंग है.

बताया गया कि देश के विभिन्न राज्यों के साथ पड़ोसी देश नेपाल की लड़कियां भी बराव में हैं. इन 6 लड़कियों को जहां से बरामद किया गया, वहां असल में एक रेड लाइट एरिया था. मुख्य सरगना ने मासूम बच्चियों को जिस्म के कारोबार में उतार दिया था. इन लड़कियों को बिकने से पहले ही पुलिस ने वहां रेड मारी और लड़कियों को छुड़ा लिया गया.

लड़कियों ने बताया कि गिरोह द्वारा आर्केस्ट्रा में ले जाना तो एक बहाना था. इनका मुख्य कारोबार देह व्यापार ही है. इस धंधे में लड़कियों को ये एक-एक कर झोंकते हैं. पहले लड़कियों को दिखावे के लिए रात एक से पांच बजे के बीच डांस कराने ले जाते हैं. इसके बाद वहां डांस देखने आने वाले अय्याश लड़के उनका सौदा किया करते थे.

गिरोह के लोगों द्वारा कम पढ़ी लिखी और डांस की शौकीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाते थे. बराव शेरू का प्रमुख अड्डा है. वह वहीं का निवासी है. इसलिए वहां के स्थानीय पुलिस वालों से उसके अच्छे संबंध हैं. पुलिस वालों का वह उनका हफ्ता उनके खाते में डलवाता है. यहां छह महीने पहले लाई गईं लड़कियां भी मौजूद हैं.

पहले से लाई गईं कई लड़कियां जिस्म के कारोबार में धकेले जाने के बाद गर्भवती भी हैं. कुछ लड़कियों के छोटे छोटे बच्चे भी हैं, जो अब बच्चों के खातिर उस दलदल से निकल नहीं पा रही हैं. घुटघुट कर जीवन जी रही हैं. कुछ लड़कियां ऐसी भी हैं, जिनके गलत कार्यो के बारे में जानने के बाद उनके परिजन भी उनसे रिश्ता तोड़ दिए हैं. उनसे कोई संपर्क नहीं रखते.

इलाहाबाद उत्तरी भारत क्षेत्र में है. इस गिरोह ने उत्तर प्रदेश राज्य और इसके आसपास की गरीब लड़कियों को ही शिकार बनाया है. ज्यादातर इस अड्डे में उतराखंड, बिहार, उतरांचल, भोपाल, नेपाल, पुणे, आगरा, दिल्ली सहित अन्य राज्य से लाई गई लड़कियां रखी गई हैं. इन्हें एक एक कर नीलाम किया जाता है. नाबालिग लड़कियों की डिमांड ज्यादा है.

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