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पहली बार कैमरे पर सामने आए मुरथल कांड के चश्मदीद, बोले- भीड़ ने किया था रेप

जाट आंदोलन के दौरान हुए मुरथल गैंगरेप मामले में भले ही पुलिस लापरवाही बरत रही हो लेकिन इस शर्मनाककांड का एक चश्मदीद सामने आया है. जिसने आज तक को उस काली रात का सच बताया.

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चश्मदीद की आंखों के सामने आंदोलनकारी महिलाओं को उठाकर ले गए थे
चश्मदीद की आंखों के सामने आंदोलनकारी महिलाओं को उठाकर ले गए थे

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हरियाणा के मुरथल में जाट आंदोलन के दौरान गैंगरेप किए जाने की ख़बर ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. इस मामले में पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लग रहे हैं. मामले की दबाने की कोशिश भी हो रही है. लेकिन मामला सुर्खियों में आ जाने के बाद हरियाणा हाई कोर्ट ने इस पर संज्ञान ले लिया. महिला आयोग हरकत में आ गया. और अब एक चश्मदीद ने सामने आकर उस रात का काला सच भी उजागर कर दिया है.

उस काली रात का सच
21 फरवरी की रात मुरथल में हाइवे पर जो हुआ उसके बारे में सुनकर पूरा देश शर्मसार हो रहा है. लेकिन पुलिस यह कहकर बच रही है कि अभी तक किसी ने आकर गैंगरेप जैसी कोई शिकायत नहीं की है. जबकि आरोप है कि पुलिस ने ही पीडितों को लोकलाज और आत्मसम्मान का हवाला देकर वापल लौटा दिया था. और उनकी शिकायत दर्ज नहीं की थी.

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सामने आया चश्मदीद
मगर अब एक ऐसा शख्स सामने आया है, जिसने उस रात आंदोलन के नाम पर होने वाला हुड़दंग देखा. जाट आंदोलनकारियों की गुंडागर्दी देखी. उनका वो वहशी रूप देखा जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. यह वो चश्मदीद है जिसकी कार को आग लगा दी गई. जो अपनी एक रिश्तेदार को एयरपोर्ट छोड़ने दिल्ली जा रहा था. इस चश्मदीद ने पहली बार उस काली रात का मंजर बयां किया.

दिल्ली जाने के लिए पकड़ा था हाइवे
यह चश्मदीद जालंधर के आदमपुर का रहने वाला है. 21 फरवरी की रात वह अमेरिका से आई अपनी मौसी को छोड़ने दिल्ली जा रहा था. वहां उसे एयरपोर्ट जाना था. पहले वो उन्हें लेकर चंडीगढ़ गया था लेकिन जब वहां से दिल्ली के लिए कोई फ्लाइट नहीं मिली तो वह कार से ही अपनी मौसी को छोड़ने के लिए दिल्ली की तरफ रवाना हो गया. पहले वो अंबाला तक गए और फिर वहां से वे पानीपत के लिए रवाना हो गए.

मुरथल में हुआ हमला
वो मुरथल के पास टोल पर पहुंच चुके थे. वहां टोल टैक्स देने के बाद वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए. चश्मदीद के मुताबिक करीब 200 गाड़ियां एक साथ चल रही थी. जैसे ही वे हाइवे पर थोड़ा आगे बढ़े. सुखदेव ढाबे के करीह पहले से छिपे जाट आंदोलनकारियों ने गाड़ियों के काफिले पर हमला बोल दिया. वे पत्थरों और डंडों से हमला करने लगे. गाड़ियों में सवार लोग बड़ी मुश्किल से जान बचा कर भागे.

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महिलाओं को उठाकर ले गए थे गुंडे
उनके भागते ही चश्मदीद की मारुती अरटिगा कार समेत कई वाहनों को उन गुंडों ने आग लगा दी. चश्मदीद ने आज तक को बताया कि उसी दौरान आंदोलनकारी पीछे रह गई कुछ महिलाओं को उठा कर ले गए. महिलाओं को ले जाने वाले लोग चिल्ला रहे थे कि इनके साथ बलात्कार करेंगे, और उन्होंने बलात्कार किया भी. चश्मदीद का कहना है कि यह अलग बात है कि अब कोई महिला सामने नहीं आएगी.

जला दी थीं सारी गाड़ियां
चश्मदीद ने बताया कि वे लोग रात एक बजे से लेकर सुबह साढ़े पांच तक छिप कर बैठे रहे. उसके बाद वहां एक एसडीएम आई और उसने कहा कि सब अपनी अपनी गाड़ियां ले लो. जब हम गाड़ियों के पास गए तो अधिकतर गाड़ियां जल चुकी थी. उनसे धुआं निकल रहा था.

जली हुई कारें

वो कभी भारत नहीं आंएगी
चश्मदीद के मुताबिक वह अपनी मौसी को लेकर बामुश्किल वहां से भागा. लेकिन वह इस हादसे से सदमे में आ गई. सारी रात वो भी लोगों की चीख चित्कार सुन रही थी, उन्होंने गाड़ियों के शीशे टूटते देखे, टायर फटते देखे. यह सब देखकर वह बार बार कह रही थी कि वो कभी भारत नहीं आएंगी.

एनआरआई ने कहा, कभी नहीं आना इंडिया
चश्मदीद ने बताया कि वहां दो और महिलाएं सुबह उन्हें मिली जिनके गले में चुनरी भी नहीं थीं. वो बदहवास थी. वो कह रही थीं कि उनके पासपोर्ट वहीं रह गए. उन्होंने बोला कि अब वो कभी इंडिया नहीं आएंगी. एक और लड़की थी जो कनाडा से पहली बार भारत अपना गांव देखने आई थी वो भी कह रही थी कि वो कभी दोबारा इंडिया नहीं आएगी.

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पुलिस ने खानापूर्ति की

ढ़ाबे वाले ने की मदद
चश्मदीद ने बताया कि वह ढाबे वाला अच्छा इंसान था उसने सबकी मदद की. कई परिवार वहां शरण लिए हुए थे. उसने कहा कि जिनके साथ उस रात वो वारदात हुई है उन्हें सामने आना होगा. तब तक कुछ नहीं होगा. उसने बताया कि हमारे देश में क्या होता है. अगर वह बोलेगा तो उसे भी डराया जाएगा. भारत में सच बोलने वालों को तो सजा मिलती है.

एक गवाह ने कहा, उन्हे पहचान लूंगा
मुरथलकांड का एक और चश्मदीद गवाह सामने आया है. उसने आज तक से कहा कि उस रात बहुत ज्यादती हुई थी. महिलाओं के साथ बुरा काम किया गया. उसका दावा है कि वह उस रात के आरोपियों को पहचान लेगा. यह चश्मदीद एक ट्रक ड्राइवर है, जो उस शर्मनाक वारदात के वक्त मुरथल हाइवे पर था. उसने अपनी आंखों से जाट आंदोलनकारियों का नंगा नाच देखा था.

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