दिल्ली और उसके आस पास पिछले कुछ अरसे से चोरनी गैंग ने ऐसे नाक में दम कर रखा था, कि दुकान हो या फैक्ट्री, हर जगह चोरनी का ये गैंग अपने हाथों का कमाल दिखाकर गायब हो जाता था. रह जाती थी तो बस सीसीटीवी में कैद उनकी हरकतों की तस्वीरें. लेकिन एक समझदार दुकानदार की सूझबूझ ने इस शातिर गैंग का तिलिस्म आखिरकार तोड़ ही दिया.
तारीख: 05 नवंबर 2014
दोपहर के करीब दो बजे
मादीपुर इलाके में एक साड़ी की दुकान
रोज की तरह साड़ी और सूट की इस दुकान पर ग्राहकों का आना जाना लगा हुआ था. दोपहर के वक्त तीन महिला ग्राहक दुकान में दाखिल होती हैं. उनमें से दो महिलाएं तो दुकान में दाखिल होते ही दुकान के मालिक और उसके स्टाफ को साड़ी और सूट के दाम पूछने के बहाने बातों में उलझा लेती हैं. जबकि तीसरी महिला दुकान में रखी साड़ियों पर नज़रें गड़ा देती है.
थोड़ी देर तक साड़ियां देखने के बाद वो तीनों बगैर कुछ खरीदें दुकान से जाने के लिए जैसे ही दरवाजे की तरफ मुड़ती हैं तो दुकान के मालिक का माथा ठनकता है. दुकान का मालिक पहले तो काउंटर पर रखी साड़ियों को देखता है और फिर उन्हीं महिलाओं के सामने दुकान में लगे सीसीटीवी की फुटेज खंगालने बैठ जाता है.
सीसीटीवी ने पकड़वाईं चोरनियां
सीसीटीवी में उसे वही सब कुछ दिखाई देने लगता है जिसकी आशंका उसे थी.
सीसीटीवी देखकर उसे ये समझते देर नहीं लगती कि उसके सामने जो औरतें खड़ी
हैं वो दरअसल राजधानी में सक्रिय चोरनी गैंग की सदस्य हैं. तभी दुकान का
मालिक बगैर वक्त गवाएं आस पड़ोस की दुकान के लोगों को भी बुला लेता है और
जैसे ही सभी को सीसीटीवी के जरिए चोरनी गैंग के लोगों का सच पता चलता है
तो बस हंगामा खड़ा हो जाता है.
दुकानदारों की भीड़ पहले तो पकड़ी गई तीनों औरतों को सबक सिखाती है और फिर उन्हें पुलिस के हवाले कर देती है.
बच्चे की आड़ में चुराती थीं सामान
दरअसल ये चोरनियों का ये वो गैंग था जिसने पूरी राजधानी के दुकानदारों की
नींद चुरा रखी थी. ये गैंग बहुत ही शातिर तरीके से किसी ऐसी दुकान को अपना
निशाना बनाता था, जहां महिला ग्राहकों की आमद सबसे ज्यादा होती है. दुकान
के आस पास ये गैंग बड़े ही शातिर तरीके से फील्डिंग सेट करता है. यानी सबके
काम बंटे हुए रहते हैं. तीन औरतें तो दुकान के भीतर जाती हैं. जबकि उनकी तीन
साथी दुकान के बाहर रहती हैं. दुकान के भीतर गई तीनो में से दो औरतें
दुकानदार और उसके स्टफ को बातों में उलझाती हैं. जबकि तीसरी पूरी आजादी
के साथ दुकान में अपने काम की चीजों की तलाश में जुट जाती है. जैसे ही इन्हें
काम की चीज नज़र आती है, बातों में उलझाने वाली महिलाएं दुकानदार की
नज़रों के सामने किसी भी बहाने से पर्दा बनाती हैं और उसी मौके पर तीसरी
महिला सामान उठाकर दुकान के बाहर खड़ी महिला के हवाले कर देती है.
खुद को दूसरों की नज़रों से बचाने और दुकान से सामान को आसानी से छुपाकर ले जाने के लिए ये गैंग दुधमुंहे बच्चों की भी आड़ लेता है. लेकिन मादीपुर की इस दुकान में आकर इस शातिर गैंग की सारी कारस्तानी धरी की धरी रह गई और दुकानदार की मुस्तैदी से तीन तो पकड़ी गईं, जबकि उनकी तीन साथी भागने में कामयाब हो गईं.
पुलिस काफी दिनों से किसी ऐसे सुराग की तलाश में थी. अब ये तीन पकड़ी गईं हैं. जाहिर है पुलिस इनके जरिए उस गैंग की तलाश में निकलेगी, जिसने घूम घूमकर दिल्ली के दुकानदारों की नींदे चुराईं हैं.