हवा में उड़ता हुआ एक बोइंग विमान आखिर कहां हवा हो गया. 12 दिन बाद भी किसी को उस विमान की हवा तक ढंग से नहीं मिल पा रही. सेटेलाइट ने कुछ तस्वीरें देखी हैं और आशंका जाहिर की है कि हो सकता है ये वही विमान हो जिसकी तलाश में समंदर से आसमान तक पूरी दुनिया के लोग नजरें गड़ाए बैठे हैं. 239 मुसाफिरों वाला वो विमान आखिर कैसे अचानक गायब हो गया, ये बात अब पहेली बन चुकी है. तो ऐसी 13 पहेलियां हैं जिसमें से किसी एक पहेली में, वो सच छुपा हुआ है. जिसे पूरी दुनिया जानना चाहती है.
फ्लाइट संख्या MH 370 के लापता होने का क्या राज़ है. दुनिया भर के लोगों के लिए ये एक ऐसी पहेली है जो फिलहाल सुलझती नहीं दिखाई दे रही. 12 दिन से मलेशियाई बोइंग विमान की तलाश में लगे 26 मुल्कों को कुछ ऐसी पहेलियां जरूर मिली हैं जिनमें से किसी एक का सच विमान के रहस्यमय तरीके से लापता होने के सच के एकदम करीब हो सकता है. यानी किसी एक पहेली में विमान से जुड़ा वो सच छुपा हुआ है जिसे जानने के लिए पूरी दुनिया बेताब है.
एक उड़ता हुआ विमान दूसरे उड़ते हुए विमान की आड़ में छुप जाए. क्या ऐसा मुमकिन है. जी हां बिल्कुल मुमकिन है. एविएशन में ऐसा हो सकता है. लेकिन यही वो पहेली भी है जिसने उन लोगों को उलझा दिया जो फ्लाइट संख्या MH 370 के लापता होने की पहेली सुलझाने की तलाश में दिन रात एक कर रहे हैं. तकनीक की भाषा में इसे सिंगल ब्लिप कहा जाता है. आशंका यही है कि मलेशिया का बोइंग विमान उस रोज कुछ इसी तरह से पूरी दुनिया की नज़र से बचाकर गुप्त स्थान पर ले जाया गया. इसमें होता ये है कि हवा में उड़ता विमान उसी आकार और दिशा में उड़ते हुए दूसरे विमान की आड़ में आ जाता है और उस सूरत में जमीन पर लगे रडार या सेटेलाइट दोनों विमानों में अंतर नहीं कर पाते. नतीजा ये होता है कि उस तमाम रास्ते में एक विमान रडार की नज़र में नहीं आता जब तक दोनों विमान अलग अलग नहीं हो जाते. उड़ते हुए विमान को इस तरह दूसरे विमान की आड़ में छुपाने के लिए बड़े हुनर और तजुर्बे की जरूरत होती है.
क्या अमेरिकी नौ सेना के कब्जे में है फ्लाइट नंबर MH 370?
खुलासा चौंकाने वाला है. रूसी एक्सपर्ट ने जब इसे जमाने के सामने रखा तो पूरी दुनिया हैरान रह गई. क्योंकि लापता विमान को तलाश करने वाले देशों में अमेरिका भी शामिल है. रुसी एक्सपर्ट की आशंका थी कि कुआलालाम्पुर से बीजिंग के रास्ते पर निकले बोइंग विमान ने जैसे ही रास्ता बदला तो प्रशांत महासागर में तैनात अमेरिकी नौ सेना के रडार ने उसे पकड़ लिया. चेतावनी के बावजूद जब विमान अपने तय रास्ते पर नहीं लौटा तो अमेरिकी नौ सेना के विमानों ने उसे अपने कब्जे में कर लिया.
इनके अलावा एक ऐसी भी पहेली है जिस पर लोग सबसे ज्यादा यकीन करते दिखाई दे रहे हैं.
क्या विमान किसी एलियन की गिरफ्त में है?
जितने मुंह उतनी बातें. 8 मार्च को लापता हुए मलेशियाई विमान को लेकर सोशल साइट्स पर बहस जोरों पर है. इस तर्क के साथ कि आसमान में उड़ने वाली उड़नतश्तरियों ही मलेशियाई विमान के लापता होने की वजह हैं. इस तर्क को इसलिए भी तवज्जो मिल रही है क्योंकि 11 दिन की तलाश में बोइंग विमान का न तो कोई मलबा मिला और न ही विमान के हादसे का शिकार होने का कोई और सबूत.
क्या पायलट ने खुदकुशी कर ली?
इस शख्स पर तभी से दुनिया भर की नज़र है जब से विमान लापता हुआ। आशंका इसलिए क्योंकि 53 साल का कैप्टन ज़हारी अहमद शाह 8 मार्च की फ्लाइट MH 370 का मुख्य पायलट था और ज़हारी अहमद जिस सियासी पार्टी का समर्थक था. अनवर इब्राहिम को सुडोमी के मामले में 7 मार्च को 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. जांच एजेंसियों के मुताबिक जहारी अहमद उस दिन कोर्ट में भी मौजूद था. अदालत के इस फैसले से ज़हारी बेहद दुखी था. माना जा रहा है कि अपने नेता की सज़ा से दुखी होकर ज़हारी ने ही विमान का संपर्क रडार से खत्म किया और फिर खुदकुशी कर ली.
अजीब से लगने वाले इस आसमानी रहस्य को अगर कोई सुलझा सकता है तो वही 13 पहेलियां जो अब तक सामने आई हैं और माना यही जा रहा कि उनमें से ही किसी एक पहेली की आड़ में उड़ता हुआ विमान अचानक बीच हवा से लापता हो गया.
बात अभी यहीं नहीं खत्म हो जाती. क्योंकि फ्लाइट संख्या MH 370 जिन हालात में लापता हुई उसको लेकर बेहिसाब किस्से कहे जा रहे हैं. शक कभी किसी आतंकवादी संगठन पर जाता है तो कभी पायलट को लेकर सवाल उठने लगते हैं. उस विमान की तलाश में मलेशिया से लेकर दक्षिण ऑस्ट्रेलिया तक का करीब 70 लाख 68 हजार वर्ग किलोमीटर का दायरा खंगाला जा रहा है. लेकिन लापता विमान की पहेली सुलझने के बजाये और उलझती जा रही है.
फ्लाइट संख्या MH 370 की तलाश के लिए 70 लाख 68 हजार वर्ग किलोमीटर का दायरा खंगाला जा रहा है. साथ ही उन पहेलियां को भी समझने की कोशिश की कोशिश हो रही है...जिसने दुनिया भर के सामने आए अब तक के सबसे बड़े हवाई सस्पेंस को दूर करने में कामयाबी मिल सके.
अधिक ऊंचाई से जहाज में तकनीकी खराबी आना
उड़ते वक्त बोइंग विमान जमीन से करीब 40 हजार फुट की ऊंचाई पर होते हैं. इससे ज्यादा ऊंचाई पर अगर यात्री ने ऑक्सीजन मास्क न पहना हो, कुछ ही सेकंड में वो बेहोश हो सकता है. आशंका यही है कि कुछ देर उसी ऊंचाई पर रहने के बाद जैसे ही पायलट विमान को सामान्य ऊंचाई पर लाया हो किसी तकनीकी खराबी से एटीसी के रडार का विमान से संपर्क टूट गया हो और विमान लापता हो गया.
क्या विमान पायरेसी का शिकार हुआ?
फ्लाइट संख्या MH 370 ने रात 12 बज कर 41 मिनट पर क्वालाल्मपुर से उड़ान भरी थी. और ठीक 49 मिनट बाद विमान का ट्रांसपॉन्डर ऑफ हो गया. एटीसी उसी ट्रांसपॉन्डर के जरिए विमान और उसके रूट को जमीन से कंट्रोल करती है. जिस किसी ने भी विमान का ट्रांसपोंडर बंद किया वो जानता था कि ट्रांसपॉन्डर के बंद होते ही विमान रडार की नजरों से ओझल हो जाएगा. एविएशन रेडियो टेक्नॉलॉजी में इसे पायरेसी भी कहा जाता है.
विमान को गुप्त जगह पर उतारा गया?
कुआलालम्पुर के इंटरनेशनल हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही विमान का एटीसी से संपर्क टूट गया था. उसके बाद भी विमान में करीब सात घंटे उड़ने लायक ईंधन मौजूद था. आशंका है कि क्लालालम्पुर से दक्षिण पश्चिम की तरफ जिस जगह विमान सेटेलाइट के साथ आखिर बार संपर्क में था. वहां समंदर में कई ऐसे टापू हैं.जहां आबादी भी नहीं है और द्वितीय विश्व युद्ध के समय की वहां गुप्त हवाई पट्टियां हैं और बोइंग 777 के पहिये कमजोर रनवे पर भी आसानी से उतारने लायक भी हैं. मुमकिन है कि विमान को रडार की नजर से बचाकर ऐसे ही किसी गुप्त स्थान पर ले जाया गया हो.
आपराधिक साजिश का शिकार?
कुआलालंपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के घंटे भर बाद ही विमान का संपर्क एटीसी से टूट गया था. जांचकर्ता कई बार कह चुके हैं कि विमान का संपर्क खुद नहीं टूटा बल्कि उसे तोड़ा गया. तो क्या विमान किसी आपराधिक साजिश का शिकार हुआ. क्या विमान के मुसाफिरों में कोई ऐसा भी था जिसने विमान पर कब्जा कर लिया और उसे गुप्त स्थान पर ले गया.
विमान का अपहरण?
ये भी आशंका है. लेकिन इतने दिनों बाद ये बात गले नहीं उतर रही कि विमान का अपहरण हुआ. वजह साफ है. जिन लोगों ने विमान का अपहरण किया आखिर वो चाहते क्या हैं. उनकी मांगें क्या क्या हैं..क्यों अभी तक अपहर्ता दुनिया के सामने नहीं आए?
विमान में बम धमाका
आशंका ये भी है कि विमान किसी बम धमाके का शिकार हुआ है. लेकिन ये बात इसलिए गले नहीं उतर रही क्योंकि इतने बड़े इलाके में विमान के मलबे का एक भी टुकड़ा नज़र नहीं आया. साफ है. अगर ऐसा कोई हादसा होता तो किसी न किसी की नज़र में तो जरूर आता.
विमान में कोई संदिग्ध मुसाफिर भी था?
लापता विमान की तलाश में लगे जांच कर्ताओं को एक मलेशियाई नागरिक पर भी शक है. नाम है मोहम्मद खैरुल आमिरी सलामत। 29 साल का ये मुसाफिर एविएशन इंजीनियर है और चीन में किसी विमान कंपनी में तैनात था..शक यही है कि सलामत विमान को रडार की नजरों से बचाने का हुनर जानता है.
विमान के लापता होने में तालिबान का हाथ?
विमान की तलाश में जुटे देश इस आशंका को नज़रअंदाज नहीं कर रहे कि विमान के लापता होने में किसी तालिबानी संगठन का हाथ न हो. और कहीं इस विमान को गुप्त तरीके से आतंकवादियों ने रडार की नज़रों से बचाकर अफगानिस्तान के ठिकाने तक न पहुंचा दिया हो.
आतंक की साजिश?
मलेशियाई विमान के लापता होने के बाद सबसे पहले इसी आशंका ने दुनिया को डरा दिया था कि कहीं 9/11 की तरह कोई बड़ी आतंकी साजिश अंजाम न दी जा रही हो. लेकिन गुजरते वक्त के साथ ये थ्योरी कमजोर पड़ने लगी.
सेटेलाइट की तस्वीरों को पढ़ने वालों ने जो ताजा सच दुनिया को बताया है. वो वाकई खौफनाक है. इशारा ये है कि हिन्द महासागर में.. ऑस्ट्रेलिया से भी हजारों किलोमीटर दूर गहरे समंदर की लहरों पर. एक जगह टूटे हुए विमान के कुछ टुकड़े नज़र आए हैं. इस खुलासे के साथ ही कई सवाल भी सामने आ गए. और सबसे बड़ा सवाल यही कि क्या वो विमान इतनी दूर पहुंच भी सकता था. और अगर नहीं, तो वो मलबा किसका है?
क्या लापता विमान का पता मिल गया? क्या वाकई फ्लाइट संख्या MH 370 किसी हादसे का शिकार हुई है? क्या समंदर में मिला वो अनजाना टुकड़ा उसी बोइंग का है जो 12 रोज पहले लापता हुआ था?
अगर ये खबर सच है... अगर सेटेलाइट को वो तस्वीरें झूठ नहीं बोल रही.. अगर विमान की तलाश में लगी दुनिया भर की टीमों की तमाम आशंकाएं सही हैं... और अगर हिन्दमहासागर के गहरे समंदर की लहरों पर बहता वो टुकड़ा वाकई उसी विमान का है जो 12 रोज पहले गायब हुआ था, तो इससे ज्यादा दर्दनाक सच हाल के वक्त में दुनिया के सामने शायद ही आया हो. सेटेलाइट से मिली तस्वीरों को पढ़ने वालों ने तो इसी खौफनाक सच की तरफ इशारा किया है. यानी मलेशिया का वो लापता विमान किसी हादसे का शिकार होकर समंदर में गिर गया और विमान पर सवार तमाम मुसाफिर मौत के घाट उतर गए.
पिछले 12 दिनों से उस लापता विमान की तलाश में दुनिया भर के 26 मुल्कों के 18 शिप, 19 एयरक्राफ्ट और 6 हेलीकॉप्टर लगे हुए थे. लेकिन गुरुवार को जैसे ही एक सेटेलाइट की तस्वीर का खुलासा हुआ तो पूरे मलेशिया में चीख पुकार तेज हो गई. क्योंकि इस अकेली खबर के साथ ही उनकी तमाम उम्मीदें भी गहरे समंदर में समा गईं थीं.
बताया यही जा रहा है कि सेटेलाइट के कैमरे ने हिन्द महासागर में एक ऐसा टुकड़ा बहता हुआ देखा है, जो किसी विमान का टूटा हुआ हिस्सा महसूस हो रहा है. जिस जगह वो टुकड़ा नज़र आया वो जगह दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर से दक्षिण में करीब 1460 मील दूर यानी 2260 किलोमीटर दूर बताई जा रही है. और सेटेलाइट की तस्वीरों का सच अगर सही है तो उस जगह 24 मील के दायरे में विमान के टुकड़े बिखरे हुए हैं.
मलेशिया के रक्षा मंत्री की मानें तो उनके लिए हर वो खबर जरूरी है जिसका ताल्लुक फ्लाइट संख्या MH 370 है. हो सकता है कि सेटेलाइट से मिली तस्वीर सच बोल रही हो. हो सकता है कि तस्वीरों का पढ़ने वालों का अनुमान सही हो. लेकिन कुछ सवाल तो फिर भी हैं. जिनके जवाब की जरूरत हर किसी को महसूस हो रही है. कम से कम विमान का मलबा पाये जाने की इत्तेला मिलने के बाद. मसलन - जिस जगह विमान का मलवा मिला वहां तक आखिर वो विमान पहुंचा कैसे. जबकि एटीसी के साथ उसका संपर्क तो टूट गया था? क्या विमान को पायलट ने ही समंदर में डुबोया है? क्या ईधन खत्म होने के बाद विमान समंदर में गिर गया? क्या एटीसी से संपर्क टूटने के बाद विमान में इतना ईधन बचा था कि वो इतनी दूरी तय कर सके? या फिर वो मलबा किसी और का है? इन सवालों के जवाब के बिना विमान के लापता होने की पहेली सुलझ नहीं सकती?