गिरफ्तारी के बाद जब रविंद्र ने अपना मुंह खोला तो गिनती 12 तक थी. पर अब जैसे-जैसे वो और मुंह खोल रहा है गिनती बढ़ती जा रही है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक अब तक की पूछताछ में अकेले 12 मामले तो दिल्ली के ही सामने आ रहे हैं. जबकि यूपी के मामले अलग हैं. बकौल पुलिस गिनती 30 के भी बहुत आगे जा सकती है.
यानी निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली से वहशीपन में कहीं आगे निकल गया दिल्ली का सीरियल किलर रविंद्र.
बच्चों के शव के साथ करता था रेप
छह साल तक रविंद्र दिल्ली और यूपी में बच्चों को निशाना बनाता रहा. छह साल तक ये बच्चों को मारता रहा.
पर कभी पकड़ा नहीं गया. इसने बच्चों के साथ श्मशान तक में ज्यादती की. श्मशान में उन्हें मारा फिर श्मशान
में ही लाश के साथ जबरदस्ती की. हद तो ये है कि अब पकड़े जाने के बाद भी इसे अपने किए पर जरा भी
पछतावा नहीं है.
'मौका मिला तो फिर कर सकता हूं...'
रविंद्र रेप और कत्ल की बात खुद कबूल कर चुका है. पुलिस की गिरफ्त में खड़ा है. हैवानियत की कहानी आम
हो चुकी है. पर फिर भी वहशीपन देखिए कि अपने किए पर पछतावा तो छोड़िए ये भी नहीं कह रहा कि अब
ऐसा नहीं करूंगा. हालांकि इसने जो किया है फांसी से कम सजा तो बनती नहीं. यानी खुली हवा में सांस लेना
अब मुश्किल है. पर फिर भी ये नहीं कह रहा कि 'अब नहीं करूंगा' बल्कि ये कह रहा है कि 'कुछ कह नहीं
सकता. मौका मिला तो फिर कर सकता हूं...'
रविंद्र की ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट की तैयारी
इसके इसी वहशीपन को समझने और उसे जानने के लिए पुलिस इसके दिल और दिमाग में झांकना चाहती है.
दिल्ली पुलिस रविंद्र की ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट कराने का सोच रही है.
आखिर जुग्गियों में रहने वाले बच्चों को क्यों बनाता था शिकार?
अब तक की पूछताछ में जो कुछ सामने आया है उसके मुताबिक रविंद्र शराब के साथ-साथ गांजा भी पीता था.
इसी के बाद नशें में वो रात को घर से बिहर निकलता. उसके निशाने पर तीन से आठ साल की उम्र के गरीब
घर के बच्चे होते. क्योंकि उसे पता था कि गरीब मां-बाप पलिस-कानून के ज्यादा चक्कर नहीं काटते.
सबसे पहले वो बस्ती में घर के बाहर सो रहे बच्चे की तलाश करता. मौका मिलते ही उन्हें उठा लेता. शोर ना करे इसके लिए वो उन्हें चॉकलेट या पैसे देता. फिर किसी सुनसान जगह पर ले जाकर सबसे पहले गला दबा कर उसकी हत्या कर देता. इसके बाद लाश के साथ दुष्कर्म करता. कुछ लाश को उसने दफना दिया, तो कुछ को पानी के टैंक या नाले में डाल दिया.
1990 में यूपी से दिल्ली शिफ्ट हुआ रविंद्र का परिवार
रविंद्र का परिवार 1990 तक यूपी के इसी कासगंज के गजडुंडवारा गांव में रहता था. 90 में उसका पिता परिवार
के साथ दिल्ली आ गया. तभी से रविंद्र दिल्ली में ही रहने लगा. पुलिस के मुताबिक पूछताछ में उसने बताया
कि 2013 में आखिरी बार वो अपने गांव गया था और तब वो वहां दो महीने बुआ के घर रहा था. इस दौरान
भी उसने कासगंज और उसके आसपास चार बच्चों को अपना निशाना बनाया था.
ये है रविंद्र के कुकर्मों की 'अधूरी लिस्ट'...
2008
माजरी कराला, 6-7 साल की लड़की, कोई एफआईआर नहीं.
मां के साथ सो रही एक बच्ची को अगवा किया और उसके साथ बलात्कार के बाद हत्या कर दी.
22 जून 2009
राजीव नगर, विजय विहार, 7 साल का बच्चा...
मां के साथ सो रहे बच्चे को अगवा किया और फिर उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी जान ले ली.
25 जुलाई 2011
शिव विहार, कंझावला, 3 साल की बच्ची...
मां के साथ सो रही थी, उसे अगवा कर मारा और फिर दुष्कर्म किया.
3 दिसंबर 2011
बाबा हरिदास कॉलोनी, मुंडका, 2 साल की बच्ची.
घर के बाहर खेल रही थी, अगवा किया, रेप किया, मार दिया.
2011
नूरपुर बदायूं, यूपी, गंजडुडवारा, 10-11 साल की बच्ची...
घर से बाहर जा रही लड़की को रास्ते से अगवा कर मर्डर और फिर रेप
2012
महावीर कॉलोनी, कंझावला, 3-4 साल की लड़की...
मां के साथ सो रही बच्ची को अगवा किया, रेप और तब मर्डर किया...
2013
जंगली नंगली चंदन, सिकंदरा राव, अलीगढ़, 5-6 साल की बच्ची...
घर से बाहर निकली लड़की को रास्ते से किया अगवा और फिर रेप के बाद जान ले ली...
2013
सेक्टर 74, नोएडा, यूपी, 8-9 साल की लड़की...
घर के बाहर से आगवा कर रेप किया और उसकी जान ले ली...
2013
सेक्टर 76, नोएडा, यूपी, 8-9 साल की बच्ची...
घर के बाहर से अगवा किया और फिर रेप के बाद हत्या कर दी...
13 अप्रैल 2014
टीपीटी नगर, बादली, 5-6 साल की लड़की...
मां के साथ सो रही बच्ची को अगवा किया, रेप किया, मार डाला...
4 जून 2014
जैन नगर, बेगमपुर, दिल्ली, 6 साल का बच्चा...
मां के साथ सोते हुएं अगवा किया, गला रेत कर सेप्टिक टैंक में फेंका, मगर वो बच गया. अगले दिन पकड़ा
गया. एक साल बाद 5 मई 2015 को जमानत मिली.
14 जुलाई 2015
जैन नगर, बेगमपुर, 6 साल की लड़की...
घर से बाहर गई थी, अगवा कर रेप, फिर कत्ल. अगले दिन पकड़ा गया.
रविंद्र के जुर्म की लिस्ट अधूरी है. क्योंकि अब जो वो खुलासे कर रहा है उसकी गिनती 30 के पार जा रही है.