Madhu Sharma Murder Case Conspiracy: तीन मुकदमें और तीन मौत. इनमें से एक मामला है कत्ल का और दो खुदकुशी के. कहानी के तीनों किरदार तो अलग हैं, उनकी जिंदगी भी अलग. लेकिन एक बात है जो इन तीनों को जोड़ती है, वो पत्नियों के अत्याचार. इत्तेफाक से इस कहानी की आगाज़ कोर्ट रूम से होता है, लेकिन अंजाम मौत पर. तीन में से एक किरदार की कहानी बेहद हैरान करने वाली है.
तीन किरदार और मौत की कहानी
अतुल सुभाष, पीटर और वीरेंद्र. इन तीनों के नाम अलग हैं, चेहरे अलग और शहर भी अलग. लेकिन एक चीज है, जो इन तीनों को एक कर देती है. ये तीनों ही अपनी बीवीयों के सताए हुए थे. तीनों पर ही इनकी बीवियों ने मुआवजे के लिए मुकदमा ठोक रखा था. मगर एक चीज है, जो अतुल और पीटर से वीरेंद्र को अलग कर देती है. अतुल और पीटर दोनों ने ही खुदकुशी कर ली थी, जबकि वीरेंद्र ने खुदकुशी करने की बजाय अपनी बीवी को ही ठिकाने लगा दिया. अतुल ने बेंगलुरु में खुदकुशी, पीटर ने भी बेंगलुरु में ही खुदकुशी की, जबकि वीरेंद्र ने दिल्ली से सटे गाजियाबाद में अपनी बीवी की जान ले ली.
अतुल और पीटर से अलग है विरेंद्र का किस्सा
अतुल सुभाष ने खुदकुशी से पहले एक घंटा 21 मिनट 46 सेकंड का वीडियो बना कर अपनी बीवी के जुल्मों की कहानी सुनाई थी, पीटर ने अपने ही ताबूत पर अपनी मौत की वजह लिखवा दी. लेकिन वीरेंद्र ने ऐसा कुछ नहीं किया. वो अपनी बीवी को पहले किडनैप करता है, फिर दर्शन के लिए मंदिर लेकर जाता है और इसके बाद अपने ही हाथों उसकी जान लेता है.
21 जनवरी को गायब हो गई मधु शर्मा
39 साल की ड्रेस डिजाइनर मधु शर्मा 21 जनवरी को काम पर जाने की बात कह कर घर से निकली और गायब हो गईं. देर शाम तक जब मधु घर नहीं लौटी और ना ही उसने फोन किया तो घर वालों ने ही उसे ढूंढना शुरु किया. लेकिन दिक्कत ये थी कि उसका मोबाइल फोन भी लगातार स्विच्ड ऑफ आ रहा था.
शादी के 10 साल बाद तलाक
मधु की शादी साल 2002 में हुई थी. लेकिन शादी के दो साल के अंदर ही दोनों के बीच विवाद हो गया और मधु अपने पति वीरेंद्र से अलग रहने लगी. बाद में करीब 10 साल बाद उसका तलाक भी हो गया. तब तक मधु अपने मायके में यानी गाजियाबाद की ब्रह्मपुरी कॉलोनी में ही रहने लगी थी. लेकिन इसके बाद एकाएक वो जिस तरह से गायब हो गई, वो अपने आप में एक रहस्यमयी बात थी.
घरवालों ने पूर्व पति पर जताया शक
घर वालों ने दो दिनों तक अपने तौर पर मधु की तलाश की और फिर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट मोदीनगर थाने में दर्ज करवाई. घरवालों ने पहले ही दिन इस मामले में मधु के पूर्व पति वीरेंद्र शर्मा पर शक जताया था, क्योंकि तलाक हो जाने के बावजूद वीरेंद्र इन दिनों लगातार मधु से फोन पर बातें करने लगा था. ऐसे में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने वीरेंद्र को ढूंढना शुरू कर दिया और जल्द ही उसे हिरासत में ले लिया गया. लेकिन वीरेंद्र लगातार मधु की गुमशुदगी से खुद को अंजान बता रहा था. उसका कहना था कि ना तो वो अपनी पत्नी से मिला और ना ही उसे कहीं लेकर गया, ऐसे में अपनी पूर्व पत्नी की गुमशुदगी से आखिर उसका क्या लेना-देना हो सकता है?
मोबाइल सर्विलांस ने खोला राज
लेकिन जब पुलिस ने उसके दावों को वैरीफाई करने के लिए टेक्निकल इनवेस्टिगेशन की शुरुआत की, तो एक नई कहानी सामने आ गई. पुलिस को ना सिर्फ उसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल से ये साफ हो गया कि मधु की गुमशुदगी के दिन यानी 21 जनवरी को भी वीरेंद्र ने ना सिर्फ उससे फोन पर बात की थी, बल्कि उससे मिला भी था. और तो और दोनों के मोबाइल फोन की लोकेशन भी साथ-साथ दिख रही थी. लेकिन ये तो बस शुरुआत थी, तभी आगे बढ़ी तो पता चला कि दोनों साथ-साथ एक ही कार में गाजियाबाद से हरिद्वार भी गए थे.
पुलिस को तलाश करने थे इन सवालों के जवाब
अब पुलिस ने वीरेंद्र के साथ सख्ती करनी शुरू कर दी और वीरेंद्र ने अपना मुंह खोलना शुरू कर दिया. मधु सिर्फ गायब ही नहीं हुई थी, बल्कि उसका क़त्ल हो चुका था. और कत्ल करने वाला भी कोई और नहीं बल्कि उसका पूर्व वीरेंद्र ही था. लेकिन सवाल ये था कि आखिर वीरेंद्र उसका क़त्ल क्यों किया? उसकी जान कैसे ली? मधु की लाश उसके कहां छुपाई? तो आगे की छानबीन में इन सवालों का भी जवाब सामने आ गए.
अदालत के फैसले से नाराज था वीरेंद्र
तफ्तीश में पता चला कि तलाक हो जाने के बाद मधु ने अपने लिए एल्यूमिनी यानी गुजारा भत्ता मांगते हुए अदालत में अर्जी दाखिल की थी. जिस मुकदमे का फैसला मधु के हक में हुआ था. और अदालत ने वीरेंद्र को जहां 6 लाख रुपये की रकम एक मुश्त मधु को चुकाने का हुक्म दिया था, वहीं हर महीने गुजारा भत्ता के तौर पर उसे 6000 रुपये सौंपने की भी बात कही थी. और वीरेंद्र इस चीज से खासा ही नाराज था. असल में इस बीच वीरेंद्र ने दूसरी शादी कर ली थी और वो किसी भी कीमत पर अपनी पूर्व पत्नी पर इतने रुपये खर्च नहीं करना चाहता था.
वीरेंद्र ने रची थी खौफनाक साजिश
लेकिन अपनी बीवी को रुपये देने से बचने के लिए वीरेंद्र इतनी खौफनाक साजिश रच सकता है, ये किसी ने भी नहीं सोचा था. खुद मधु ने भी नहीं. तभी वो वीरेंद्र उससे नए सिरे से बात करने लगा, उससे मिलने जुलने के लिए बुलाने लगा, लेकिन मधु को उसके दिमाग में चल रही साजिश की भनक नहीं लगी.
पहले मंदिर में दर्शन, फिर रास्ते में कत्ल
पुलिस की मानें तो वीरेंद्र ने मधु को अपनी मारुति स्विफ्ट कार से ही हरिद्वार घुमाने के बहाने अगवा किया और उसे गाजियाबाद से हरिद्वार लेकर भी गया. अजीब बात ये रही कि वहां चंडी मंदिर में दोनों ने साथ-साथ दर्शन भी किए. यानी जो अपनी पूर्व पत्नी का कत्ल करने जा रहा था, वो उसके साथ-साथ कत्ल से ठीक पहले मंदिर भी जा रहा था और दर्शन भी कर रहा था. और आखिरकार चंडी मंदिर से लौटते वक्त सुनसान जंगल के रास्ते में वो अचानक अपनी असलियत पर उतर आया और उसने दुपट्टे से गला घोंट कर अपनी मधु की जान ले ली.
ऐसे ठिकाने लगाई थी लाश
वीरेंद्र इसके बाद भी नहीं रुका. उसने कत्ल की साजिश जितनी भयानक तरीके से रची, कत्ल के बाद मधु की लाश को ठिकाने लगाने की साजिश भी उतने ही शातिराना तरीके से. वीरेंद्र ने कत्ल के बाद मधु की लाश पहाड़ के ऊपर से नीचे फेंक दी. ताकि किसी को दूर-दूर तक कत्ल का कोई सबूत ना मिले. लेकिन ऊपर से लाश फेंकने के बाद जब उसने देखा कि लाश नीचे नजर आ रही है, तो फिर इसने सबूत मिटाने के लिए नए सिरे से दिमाग दौड़ाया. वो कई फीट गहरी खाई में खतरा उठा कर नीचे उतरा. और लोगों की नजर बचा कर बड़े-बड़े पत्थरों से इसने मधु की लाश को दबा दिया. यानी पत्थरों के नीचे लाश छुपा दी.
पुलिस ने बरामद की डेड बॉडी
ऐसा करने से वहां से आने जाने वाले लोगों को मधु की लाश तो नजर नहीं आई और ना ही किसी को इस कत्ल का पता चला, लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने अपनी तफ्तीश की बदौलत पहले ही राज़ खोल दिया और वीरेंद्र की निशानदेही पर खाई से मधु की लाश भी बरामद कर ली.
वीरेंद्र पर बेटी के कत्ल का इल्जाम
वैसे अब मधु शर्मा के कत्ल के बाद उसके घरवालों ने अपने पूर्व दामाद को लेकर एक और रौंगटे खड़े करनेवाला खुलासा किया है. मधु के घर वालों का कहना है कि वीरेंद्र और मधु को शादी के बाद एक बच्ची भी थी, लेकिन उसके पति वीरेंद्र ने अपनी बच्ची की सालों पहले हत्या कर दी थी, जिसके बारे में किसी को पता नहीं चला.
दो राज्य, दो शहर और एक कत्ल
बहरहाल, गाजियाबाद से लेकर हरिद्वार तक बिखरे इस कत्ल के मामले को पुलिस ने सुलझा तो लिया है, आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है. लेकिन जिस तरह से पति-पत्नी के बीच होने वाले विवाद और विवाद के बाद खुदकुशी या क़त्ल के तौर पर उसके नतीजे सामने आ रहे हैं, वो दहेज उत्पी़ड़न और घरेलू हिंसा से जुड़े कानूनों के बारे में नए सिरे से सोचने पर मजबूर करते हैं.