एक शख्स अपने मोबाइल में खुद अपना वीडियो शूट करता है. वो कहता है कि उसका कत्ल हो सकता है. इतना ही नहीं, वो बाकायदा अपने कातिलों के नाम भी बताता है. फिर इसके कुछ दिन बाद ही सचमुच उसे गोलियों से शूट कर दिया जाता है.
क्या आसान था पुलिस के लिए यह केस?
कत्ल के बाद जब पुलिस की तफ्तीश शुरू होती है, तब सामने आता है वो सच, जिसमें पहले शूट और फिर शूट की एक सनसनीखेज कहानी छुपी थी. मर्डर का यह केस बिल्कुल ओपन एंड शट केस था क्योंकि मरने वाला ना सिर्फ अपने कत्ल की बात बल्कि कत्ल का मकसद और कातिलों के नाम तक बता गया था. पुलिस के लिए इससे आसान केस शायद ही कोई होगा, लेकिन कहानी यहीं नहीं खत्म हुई.
शराब के नशे में बनाया वीडियो
कहते हैं कि मरता हुआ इंसान कभी झूठ नहीं बोलता, मगर इस शख्स ने झूठ बोला. इसकी जान को खतरा था, ये तो सच है मगर कौन इसे मारेगा इसे ये नहीं पता था. इसीलिए इसने कातिलों के नाम गलत ले लिए यानी इस वीडियो में इसने आधा सच कहा और आधा झूठ. जिस वक्त ये वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था, उस वक्त इसने अच्छी खासी शराब पी रखी थी या यूं कहें कि उसे पिला दी गई थी और फिर उसी नशे में इससे उसके कातिलों के नाम बुलवाए गए.
तीन लोगों ने मिलकर रची कत्ल की साजिश
प्लानिंग जबरदस्त थी. मौत से पहले खुद के ही कत्ल की गवाही भी दिलवा दी गई और कातिलों के नाम भी बुलवा दिए गए. शक की तो कोई गुंजाइश नहीं बची थी, मगर इस वीडियो के बाहर का जब असली सच सामने आया, तो खुद मकतूल के ही घर में भूचाल आ गया. मकतूल धीरज की पत्नी प्रीति, धीरज का ममेरा भाई वरुण है और दिल्ली पुलिस का पूर्व सिपाही जयदीप इन तीनों ने ही कत्ल की साजिश रची थी. यही वो तीन हैं, जिन्होंने पहले धीरज से उसी के मोबाइल पर उसी के कत्ल की उसी से वीडियो रिकॉर्डिंग कराई. कातिलों के नाम बुलवाए और फिर खुद ही कत्ल कर दिया.
हत्या की साजिश में शामिल शख्स की पत्नी
कत्ल की इस कहानी का एक सिरा रिश्तों से जुड़ता था, तो दूसरा दौलत से. बीवी अपने पति के हर राज से वाकिफ थी. उसे अपने पति के दोस्त और दुश्मन सबकी जानकारी थी. बस इसी जानकारी को जोड़ कर उसने साजिश का ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पति फिर कभी उससे बाहर ही नहीं निकल पाया.
ऑफिस में किया गया धीरज का कत्ल
शहर के प्रॉपर्टी डीलर और फाइनेंस का धंधा करने वाले धीरज की उन्हीं के ऑफिस में गोली मार कर हत्या कर दी जाती है. हेलमेट पहने दो हमलावर ऑफिस में आते हैं और कुल पांच फायर करते हैं. तीन गोली धीरज को लगती है, जबकि दो धीरज के पिता जगवीर को. तीन गोली खाने के बाद भी धीरज लड़खड़ा कर भागने की कोशिश करता है, मगर फिर गिर पड़ता है और उसकी मौत हो जाती है, जबकि धीरज के पिता की जान बच जाती है.
कत्ल के बाद पत्नी ने पुलिस को दिया मोबाइल
इस सनसनीखेज वारदात के फौरन बाद धीरज की पत्नी प्रीति पुलिस को ये बताती है कि पैसों के लेन-देन को लेकर धीरज की कई लोगों से दुश्मनी थी और वो उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहे थे. प्रीति पुलिस को धीरज का वो मोबाइल भी देती है, जिसमें धीरज ने खुद के कत्ल और कातिलों के बारे में बताया था.
पति के ममेरे भाई से प्रीति का संबंध
शुरुआती जांच में ही पुलिस को कुछ ऐसी बातें पता चलती हैं, जिससे उसे प्रीति पर शक होता है. दरअसल, छानबीन के दौरान पुलिस को जानकारी मिलती है कि प्रीति का धीरज के ममेरे भाई वरुण के साथ संबंध था और ये संबध पिछले साल तब बना जब धीरज हत्या की कोशिश के मामले में आठ महीने तक जेल में रहा.
आखिरकार पुलिस के सामने कबूला सच
इसी के बाद पुलिस जब प्रीति और वरुण से सख्ती से पूछताछ करती है, तो दोनों टूट जाते हैं और फिर सारी कहानी बता देते हैं. दरअसल प्रापर्टी के धंधे के अलावा धीरज फाइनेंस का भी काम करता था. वो पीछे तीन परसेंट पर पैसे उठा कर आगे लोगों को आठ परसेंट पर उधार दिया करता था.
दिल्ली पुलिस का पूर्व सिपाही भी शामिल
दिल्ली पुलिस के पूर्व सिपाही जयदीप को भी धीरज ने करीब डेढ़ करोड़ रुपए दिए थे, मगर जयदीप तय वक्त पर पैसे नहीं लौटा पाया. इसको लेकर धीरज और जयदीप में झगड़ा भी हुआ. इसी बीच जयदीप को प्रीति और वरुण के रिश्तों के बारे में भी पता चल गया क्योंकि वरुण धीरज का ममेरा भाई होने के साथ-साथ उसके साथ काम भी करता था.
सिपाही के कहने पर प्रीति ने धीरज को पिलाई शराब
इसी के बाद जयदीप ने वरुण और प्रीति के साथ एक समझौता किया. उसने कहा कि अगर तीनों मिल कर धीरज को रास्ते से हटा दें, तो वो दोनों शादी भी कर लेंगे और तीनों उसकी जायदाद को आधा-आधा बांट लेंगे. जयदीप के कहने पर प्रीति ने एक रात धीरज को शराब पिला कर उससे मोबाइल पर उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग करा ली. रिकार्डिंग के दौरान कातिलों के तौर पर जो नाम धीरज से बुलवाए गए, वो लोग भी दरअसल धीरज से पैसे का लेन-देन करते थे.
पूर्व सिपाही की तलाश में है पुलिस
फिर 26 जून को प्रीति ने ही फोन कर वरुण और जयदीप को ऑफिस बुलवाया. इसी के बाद वरुण और मोनू ऑफिस के अंदर धीरज को गोली मारते हैं, जबकि जयदीप खुद बाहर खड़ा होता है. पुलिस ने प्रीति और वरुण को गिरफ्तार कर लिया है. अब पुलिस इस साजिश के तीसरे सूत्रधार यानी दिल्ली पुलिस के पूर्व सिपाही जयदीप और मोनू की तलाश कर रही है.