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11 दिन की कस्टडी, 7 दिनों तक पूछताछ और अब जेल... कत्ल का मोटिव और सूचना का कबूलनामा चाहती है पुलिस

Killer Mother: इस मामले का खुलासा होने के साथ ही पुलिस ने सूचना को लाश के साथ पकड़ लिया था. फिस उससे पूछताछ भी शुरू कर दी गई थी, लेकिन शुरू से लेकर अब तक सूचना ने एक बार भी ये बात मानी ही नहीं कि उसने अपने बेटे का कत्ल किया है.

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पुलिस ने अब सूचना को रिमांड पर नहीं लिया और कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया
पुलिस ने अब सूचना को रिमांड पर नहीं लिया और कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया

Killer Mother Soochna Seth: अपने मासूम बेटे का कत्ल करने वाली सूचना सेठ से पुलिस ने कम से कम 7 दिनों तक गहन पूछताछ की. फिर मनोवैज्ञानिकों ने 4 दिनों तक अलग से उसकी काउंसिलिंग की. किसी ने उसके दिमाग में घुसने की कोशिश की, तो किसी ने उसके दिल को टटोलना चाहा. सब इंस्पेक्टर से लेकर डीसीपी और यहां तक कि सूबे के डीजीपी तक ने अपने दिमाग के सारे घोड़े दौड़ा लिए, लेकिन सूचना सेठ ने पहले दिन जो कहा था. 11 दिनों की पुलिस रिमांड के बाद भी उसकी जुबान पर बस वही अल्फाज थे कि उसने अपने बेटे का क़त्ल नहीं किया. रात को वो उसके साथ ही सोया था, लेकिन फिर वो नहीं से जागा नहीं. उसकी मौत कैसे हो गई, मुझे पता नहीं.

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अब जेल भेजी गई कातिल मां
असल में इस मामले का खुलासा होने के साथ ही पुलिस ने सूचना को लाश के साथ पकड़ लिया था. फिस उससे पूछताछ भी शुरू कर दी गई थी, लेकिन शुरू से लेकर अब तक सूचना ने एक बार भी ये बात मानी ही नहीं कि उसने अपने बेटे का क़त्ल किया, बल्कि पूछताछ के दौरान उसने कई बार ये कहा कि उसका पति वेंकटरमन उनके बेटे की मौत का जिम्मेदार है. पुलिस ने सूचना को दो बार रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की और 11 दिनों के बाद उसे अदालत में पेश कर दिया. दूसरी बार पांच दिनों की कस्टडी खत्म होने के बाद शुक्रवार को सूचना सेठ को मापुसा की चिल्ड्रेन कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. 

मां-बेटे का DNA सेंपल
पुलिस इस मामले में मां-बेटे के डीएनए सेंपल कलेक्ट किेए हैं और बच्चे का विसरा जांच के लिए भिजवाया गया है, ताकि ये पता चल सके कि हत्या से पहले उसे कोई नशीली चीज दी गई थी या नहीं? हालांकि सूचना के रवैये को देखते हुए पुलिस ने कहा है कि वो इस मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रही है.

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कमरे में नहीं था कोई तीसरा शख्स 
यहां बड़ा सवाल ये है कि इस पूरे मर्डर केस में मुस्तैदी दिखाने वाली गोवा पुलिस हत्या के आरोपी सूचना सेठ को दोषी कैसे ठहरा पाएगी? उसके पास ऐसा कोई चश्मदीद गवाह नहीं है, जो कि साबित कर सके कि सूचना ने ही अपने बेटे की हत्या की है. क्योंकि कत्ल होटल के बंद कमरे में हुआ है और पुलिस की जांच बताती है कि कत्ल के दौरान उस कमरे में क़ातिल और मकतूल के सिवाय तीसरा कोई मौजूद नहीं था. इस बीच सूचना की पुलिस कस्टडी भी खत्म हो गई है. इसलिए पुलिस फिलहाल उससे ज्यूडिशियल कस्टडी में पूछताछ नहीं कर पाएगी. ऐसे में इस केस का क्या होगा? 

इस आधार पर फैसला करेगी कोर्ट
तो सूत्रों की मानें तो इन सवालों का जवाब यही है कि पुलिस अब परिस्थिति जन्य सबूतों, घटनाक्रम और बैग में लाश देखने वालों गवाहों के जरिए पुलिस अदालत में साबित करने की कोशिश करेगी कि अपने बेटे की हत्या सूचना ने ही की है. अब पुलिस ने जो सबूत और गवाह पेश किए हैं, उन्हीं के आधार पर कोर्ट को इस केस में फैसला करना होगा.

पुलिस के पास मौजूद हैं तमाम सबूत
हालांकि, गोवा पुलिस का ये मानना है कि इस मामले में सूचना के खिलाफ उसके पास सारे पुख्ता सबूत हैं. क़त्ल बंद कमरे में हुआ है. और उस कमरे में विक्टिम यानी पीड़ित बच्चे के अलावा सिर्फ एक और शख्स यानी सूचना के होने के सबूत हैं. पुलिस के पास इस बात से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस तो हैं ही, साथ ही दस्तावेज़ी और सरकम्सटैंशियल एविडेंस यानी परिस्थिजन्य साक्ष्य भी हैं. कमरे से लाश के गायब होने के बाद से लेकर उसके कर्नाटक के चित्रदुर्ग में बरामद होने तक का पूरा सिक्वेंस है, साथ ही कत्ल की तरीके के तौर पर बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट है, जिसमें स्मॉदरिंग यानी दम घोंट कर या फिर स्ट्रैंगुलेशन यानी गला घोंट कर हत्या करने के फॉरेंसिक एविडेंस भी हैं. 

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पुलिस को मोटिव की तलाश
ऐसे में अब अगर पुलिस को किसी चीज़ की दरकार है, तो वो है इस वारदात के पीछे का मोटिव, क़ातिल का कबूलनामा. यही वजह है कि पुलिस सूचना से लगातार सवाल जवाब कर रही है. नॉर्थ गोवा पुलिस सूत्रों की मानें तो उसके पास मौजूद सबूत सूचना को सज़ा दिलाने के लिए काफी हैं, बशर्ते वो अदालत में खुद को मेंटली अनस्टेबल यानी दिमागी तौर पर अस्थिर साबित करने की कोशिश ना करे और यही वजह है कि पुलिस इस मामले में अब तफ्तीश के लिए मनोवैज्ञानिक की मदद ले रही है, ताकि सूचना से क़त्ल का सच उगलवाया जा सके. 

पुलिस के लिए मनोवैज्ञानिक की सलाह
इससे पहले पुलिस ने साइकोलॉजिस्ट यानी मनोवैज्ञानिक की मदद से सूचना सेठ से नए सिरे से बातचीत करने की कोशिश की. लेकिन कहानी में मनोवैज्ञानिक की एंट्री के बावजूद सूचना ने खुल कर किसी भी बात का जवाब नहीं दिया. और तब मनोवैज्ञानिक ने अपना सेशन पूरा होने के बाद गोवा पुलिस को ये सुझाव दिया कि वो सूचना से क़त्ल के राज़ उगलवाने में कोई जल्दी ना करे, बल्कि सूचना के थोड़ा और नॉर्मल होने और खुलने का इंतज़ार करें, ताकि वो खुल कर अपने दिल की बात कह सके. 

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थाने में नहीं, इंस्टीट्यूट में काउंसलिंग
यही वजह थी कि पुलिस ने सूचना की साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग भी किसी पुलिस स्टेशन में करने की बजाय गोवा के ही बंबोलिम इलाके में मौजूद इंस्टीट्यूट ऑफ सायकोलॉजिकल हेल्थ एंड हम्यूमन बिहेवियर में कराई. ताकि उसे एक नया और अलग सा माहौल दिया जा सके. मनोवैज्ञानिक के इस नए सुझाव के बाद अब गोवा पुलिस ने सूचना से पूछताछ के मामले में फूंक-फूंक कर क़दम रखने का फ़ैसला किया. वो बंद कमरे हुए इस क़त्ल का राज़ इस मामले के इकलौते चश्मदीद और संदिग्ध का़तिल यानी सूचना से ही जानना चाहती है, ताकि मामले की तफ्तीश आगे बढ़ाई जा सके और उसके खिलाफ़ एक मज़बूत केस तैयार हो.

एक हफ्ते में दो बार गोवा का ट्रिप
कुछ इसी इरादे से गोवा पुलिस ने मनोवैज्ञानिक के सहारे से सूचना से संवाद स्थापित करने यानी बातचीत करने की कोशिश की. इस बीच पुलिस की तफ्तीश में साफ हुआ है कि सूचना सेठ किसी भी कीमत पर अपने बेटे को उसके पापा यानी अपने पति वेंकट से नहीं मिलने देना चाहती थी और इसीलिए वो बार-बार बेंगलुरु से भाग रही थी. उसने एक हफ्ते में दो बार गोवा का ट्रिप किया था और दूसरी ट्रिप में उसने अपने बेटे की हत्या की थी. 

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पहले ट्रिप के बारे में भी नहीं जानता था वेंकट
पुलिस की मानें तो सूचना पिछली बार रविवार, 31 दिसंबर 2023 को बेंगलुरु से अपने बेटे के साथ गोवा आई और नए साल पर वो गोवा में ही रुकी. उसने अपने लिए साउथ गोवा में एक फाइव स्टार होटल का कमरा बुक करवाया था. और 5 दिन रुकने के बाद उसने 4 जनवरी को उस होटल से चेकआउट किया था और फिर बच्चे के साथ ही वो बेंगलुरु लौट गई थी. एक खास बात ये भी रही कि 31 दिसंबर को जब सूचना अपने बच्चे को लेकर पहली बार गोवा आई थी, तब उसने अपने पति वेंकट से कहा कि उनके बेटे की तबीयत खराब है, इसलिए इस संडे उसके बेटे की उससे मुलाकात नहीं हो सकेगी. 

होटल के कमरे में मासूम का कत्ल
हालांकि बेंगलुरु पहुंचने के बाद वो सिर्फ दो दिन तक वहां रही और इससे पहले कि रविवार यानी संडे का दिन आता, वो 6 जनवरी शनिवार को फिर से अपने बेटे को लेकर गोवा चली आई थी. और इस बार उसने नॉर्थ गोवा के कैंडोलिम इलाके में द सोल बनयान ग्रैंडे होटल में कमरा लिया था और अपने बेटे के साथ वहां चेकइन कर लिया था. और वहीं उसने अपने मासूम बेटे का कत्ल किया.

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