इस देश में बाबाओं ने नामालूम कैसे-कैसे गुल खिलाए हैं. लेकिन बाबाओं की इस भीड़ में अपने गोल्डन बाबा का कुछ अलग ही जलवा है. बाबा साल भर धंधा-पानी करते हैं. दोनों हाथों से खूब माल कूटते हैं. लेकिन सावन का महीना आते-आते वैरागी चोले में ऐसा गोल्डन अवतार धारण कर लेते हैं कि देखने वालों की आंखें चौंधिया जाती हैं.
एक तरफ तो बाबा भगवा चोला पहनते हैं. जो तमाम सांसारिक चीजों की मोह-माया से दूर रहने का संदेश देता है. वहीं दूसरी तरफ बाबा के जिस्म का आधे से ज्यादा हिस्सा सोने के जेवरों से लदा है. जो दोनों हाथों से दौलत बटोरने और इस दुनियावी मोह-माया में डूबे होने का सबसे बड़ा सबूत है.
गोल्डन बाबा को प्रशासन से मिली सुरक्षा
हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली के ये गोल्डन बाबा अपने जिस्म पर करोड़ों का सोना सजाए भोलेनाथ भगवान शंकर की पूजा के लिए निकल पड़े हैं. बाबा के साथ-साथ उनके चेले-चपाटों
और कांवड़ियों का पूरा काफिला है. बाबा सावन के महीने में हरिद्वार से इसी तरह जल लेकर आते हैं और भगवान शंकर की पूजा करते हैं. लेकिन सैकड़ों कांवड़ियों की भीड़ में गोल्डन बाबा का
आकर्षण कुछ अलग ही होता है. बाबा सोने से लदे होने के बावजूद बेशक खुद को वैरागी साबित करने में जुटे हों, लेकिन उनके इस गोल्डन अवतार के दौरान सोने के जेवरों की हिफाजत के
लिए प्रशासन ने बाकायदा बंदूकधारी पुलिसवालों को भी ड्यूटी पर लगा दिया है. इस पूरी कांवड़ यात्रा के दौरान ये पुलिसवाले भी साए की तरह बाबा से चिपके रहते हैं.
पुलिसवालों के साथ-साथ 30 प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स से घिरे बाबा इस साल भी अपने काफिले में दो फॉर्च्यूनर, दो इनोवा, दो क्वालिस, दो स्कॉर्पियो, तीन बड़े ट्रक, पांच मिनी ट्रक, एक एंबुलेंस और चार टाटा छोटा हाथी गाड़ियां लेकर चल रहे हैं. साथ ही बाबा के सैकड़ों भक्त भी चल रहे हैं. इधर, बाबा हैं कि आशीर्वाद देते और हाथ जोड़ते पूरे आन-बान और शान से कांवड़ यात्रा कर पुण्य बटोर रहे हैं.
ऑलराउंडर हैं गोल्डन बाबा
लेकिन दिल्ली के इन गोल्डन बाबा का ये अवतार जितना दिलचस्प है. बाबा का अतीत और आधा वर्तमान कहीं उससे भी चौंकाने वाला है. गोल्डन बाबा कमाल के ऑलराउंडर हैं. एक तरफ
वचन, प्रवचन, साधूगीरी के साथ धर्म की दुकान चलाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ थाने में भी इनका बही-खाता है. किडनैपिंग, फिरौती, जबरन वसूली, जान से मारने की धमकी समेत बाबा पर इस
वक्त करीब तीन दर्जन मुकदमे अलग-अलग अदालतों में चल रहे हैं. बाबा को सोने की कमीज पहनने का भी बहुत शौक है. हालांकि अब सोना पहनने वाले यही बाबा कभी कई-कई रात भूखे
सोया करते थे.
बाबा पूर्वी दिल्ली के पुराने हिस्ट्रीशीटर हैं
हिस्ट्रीशीट बोले तो थाने में खोला गया बाबा के नाम का वो बही-खाता जिसमें उनके तमाम छोटे-बड़े गुनाहों का पूरा हिसाब-किताब दर्ज हैं. किसी भी शख्स के नाम पुलिस हिस्ट्रीशीटर तभी तैयार
करती है, जब पुलिस को ये यकीन हो जाता है कि ये शख्स सुधर नहीं सकता.
ऐसे बनें गोल्डन बाबा
बाबा पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर इलाके के रहने वाले हैं. उसी गांधीनगर के जहां कपड़ों का अच्छा काम है. बाबा कभी बाबा गांधी नगर की इसी कपड़ा मार्केट में मामूली से दर्जी हुआ करते थे.
लेकिन बाबा को जानने वाले लोग बताते हैं कि बाबा के अरमान शुरू से ही काफी बड़े थे. जल्द ही बाबा ने ट्रैक चैंज कर लिया कुछ दिनों तक प्रॉपर्टी काम भी करते रहे. लेकिन इसी बीच एक
रोज बाबा अंतर्ध्यान हो गए और सीधे हरिद्वार में जा बसे. फिर जब वहां से लौटे तो बाबा का नया अवतार सामने आया. बाबा ने गांधीनगर में मंदिर बनवा लिया और धीरे-धीरे इसे आश्रम में
बदल कर खुद इसके महंत बन बैठे. लेकिन महंत बनने के बावजूद सोने की चमक बाबा को लुभाती रही. बाबा आश्रम के लिए दान भी लेते तो सोने की शक्ल में. बाबा ने इतना सोना बटोरा कि
इस सोने ने रातों-रात बाबा को गोल्डन बाबा बना दिया.
बाबा के हैं सैकड़ों भक्त
किसी भी दूसरे बाबा की तरह गोल्डन बाबा के भक्तों की भी कोई कमी नहीं है. बाबा कुंभ के मेले में भी प्रवचन बांटते हैं. देश-विदेश में बाबा के सैकड़ों भक्त हैं. गोल्डन बाबा की वजह से ही
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी कभी मुसीबत में फंस गए थे. विधानसभा चुनाव से पहले गोल्डन बाबा के साथ केजरीवाल की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. बाबा के
पुराने कारनामों के चलते केजरीवाल अपने विरोधियों के निशाने पर आ गए. हालांकि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी बाबा ने तस्वीरें खिंचा रखी हैं. इनमें केजरीवाल की तरह ही उत्तराखंड
के मुख्यमंत्री हरीश रावत की तस्वीरें भी बाबा के साथ सामने आ चुकी हैं.
कांवड़ियों को ज्ञान बांटते हैं बाबा
हालांकि बाबा ज्ञान बांटने में पीछे नहीं हैं. अपनी 24वीं कांवड़ यात्रा के दौरान बाबा कांवड़ियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, ये बताने से पीछे नहीं हटते.