scorecardresearch
 

सुसाइड की प्लानिंग, जहर का एक्सपेरिमेंट, लेकिन मौत की भेंट चढ़ गए तीन पड़ोसी दोस्त... ऐसे खुली सरकारी टीचर की पोल

नडियाद की पुलिस एक ऐसे केस की बारीकियों को समझने में जुटी थी, जिसमें एक शख्स के हाथों तीन लोगों को खौफनाक साइलेंट डेथ दी गई. यानी एक ऐसा ट्रिपल मर्डर जिसमें मौत की शुरुआती वजह तो हार्ट अटैक पाई गई, लेकिन जब पुलिस वजह की गहराई में उतरी तो पता चला कि ये एक खतरनाक जहरीली साज़िश थी.

Advertisement
X
हरिकिशन को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया
हरिकिशन को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया

Suicide Planning Poison Experiment Neighbor Death: एक स्कूल टीचर को खुदकुशी करनी थी. लेकिन वो नहीं चाहता था कि किसी को भी ये पता चले कि उसने खुदकुशी की है. यानी वो अपनी मौत को नेचुरल दिखाना चाहता था. पर ये कैसे मुमकिन हो पाता. लिहाजा, उस स्कूल टीचर ने एक तरकीब सोची. उसने अपने पड़ोस में रहने वाले एक मूक बधिर शख्स पर एक जहर को आजमाने का फैसला किया, जिस जहर को वो पीना चाहता था. मगर उसे अंदाजा नहीं था कि उसकी ये तरकीब एक नहीं बल्कि तीन-तीन लोगों की जान ले लेगी. ये पूरी कहानी हैरान करने वाली है. 

Advertisement

क्राइम सीन रिक्रिएशन
गुजरात के खेड़ा जिले का नडियाद टाउन, जहां मौजूद है जवाहर नगर विस्तार का इलाका. गुजरात पुलिस एक शख्स को क्राइम सीन रिक्रिएशन के लिए लेकर वहां पहुंची. एक भयानक जुर्म को अंजाम देने के बाद वो शख्स पुलिस के साथ जगह-जगह घूम कर अपने साजिश की कहानी सुना रहा था और पुलिस उसकी कही गई हर बात को हाथों-हाथ वेरिफाई करती जा रही थी.

तीन लोगों की साइलेंट डेथ 
कभी वो पुलिस को किसी दुकान पर लेकर जाता है, कभी किसी स्कूल की दीवार के पास और कभी किसी मोड़ पर. दरअसल, इस तरह नडियाद की पुलिस एक ऐसे केस की बारीकियों को समझने में जुटी है, जिसमें एक शख्स के हाथों तीन लोगों को खौफनाक साइलेंट डेथ दी गई. यानी एक ऐसा ट्रिपल मर्डर जिसमें मौत की शुरुआती वजह तो हार्ट अटैक पाई गई, लेकिन जब पुलिस वजह की गहराई में उतरी तो उसे पता चला कि दरअसल इस हार्ट अटैक के पीछे एक खतरनाक जहरीली साज़िश थी.

Advertisement

मौत के लिए घातक एक्सपेरिमेंट 
साइंस की दुनिया में आपने वैज्ञानिकों को तमाम तरह के एक्सपेरिमेंट करते हुए तो सुना होगा, लेकिन जुर्म की दुनिया में कोई कातिल किसी पर मौत का एक्सपेरिमेंट कर डाले, ऐसा शायद ही पहले कभी सुना हो. लेकिन पुलिस की गिरफ्त में मौजूद इस शख्स पर ऐसा ही एक घातक एक्सपेरिमेंट करने का इल्ज़ाम है, एक ऐसा एक्सपेरिमेंट जिसने एक ही झटके में तीन-तीन लोगों की जान ले ली.

9 फरवरी 2025, नडियाद, गुजरात
यहीं से कहानी की शुरुआत होती है. इसी दिन नडियाद टाउन में मौजूद भंगार की इस दुकान पर जीरा सोडा पीने के बाद एकाएक तीन लोगों की तबीयत बिगड़ जाती है. चूंकि तीनों के तीनों लोग एक खुली जगह पर मौजूद थे, लोगों ने उन्हें कोई संदिग्ध चीज पीकर बेहोश होते हुए देखा. आनन-फानन में लोगों ने उन्हें संभाला और फौरन पास के सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन अस्पताल लाए जाने के साथ ही डॉक्टरों ने तीनों को ब्रॉट डेड यानी मुर्दा करार दिया. ये तीनों लोग नडियाद में ही छोटा-मोटा काम करते थे. इनमें एक कनुभाई चौहान भंगार का काम करता था, गंगाराम कुशवाहा मजदूर था, जबकि रविंद्रभाई जीनाभाई राठौर पानीपुरी की दुकान लगता था.

विसरा रिपोर्ट ने खोला मौत का राज
अब एकाएक इन तीन लोगों की मौत कोई सामान्य बात तो हो नहीं सकती थी, तो मामला पुलिस के पास पहुंचा और नडियाद की पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. शुरू में इस सिलसिले में तीन लोगों की अस्वाभाविक मौत का मामला ही दर्ज किया गया था. यहां तक कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी तीनों की मौत की शुरुआती वजह हार्ट फेल होने को ही बताया गया. पुलिस को इस मामले में शुरुआती शक जहरीली शराब पर था, लिहाजा पुलिस ने तीनों के खून के नमूने जांच के लिए भिजवाए. लेकिन खून के नमूनों में मिथाइल एल्कोहल जैसी कोई चीज नहीं मिली, जिसने जहरीली शराब वाली बात को खारिज कर दिया. मगर इसके बाद जब मरने वाले लोगों की विसरा रिपोर्ट सामने आई, तो असली वजह का खुलासा हो गया.

Advertisement

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया कार्डिएक अरेस्ट
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने तीन लोगों की मौत को लेकर जो फाइनल रिपोर्ट दी, उसमें तीनों की मौत की वजह एक खतरनाक जहर की वजह से कार्डिएक अरेस्ट होना लिखी थी. और ऐसा तभी हो सकता था जब किसी ने उन्हें धोखे से कोई जहर मिली हुई नॉन एल्कोहॉलिक ड्रिंक यानी कोल्ड ड्रिंक या जीरा सोडा जैसी कोई चीज पिला दी हो.

मर्डर केस में बदला अस्वाभाविक मौत का मामला
तीनों की मौत के पीछे ये खतरनाक वजह सामने आते ही पुलिस ने अस्वाभाविक मौत के मामले को क़त्ल के मामले में तब्दील कर लिया और उस कातिल की तलाश शुरू कर दी. अब ये बात साफ हो चुकी थी कि तीनों ने जहर मिला हुआ जीरा सोडा ही पिया था. पुलिस को मौके से एक जहरीली जीरा सोडा की बोतल भी मिली. असल में जहरीली साजिश का शिकार बने इन तीन लोगों के बारे में जब जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि भंगार का काम करनेवाला कनुभाई चौहान सुनने और बोलने से लाचार था यानी गूंगा और बहरा था. लेकिन उसकी एक अच्छी आदत थी कि वो जब भी कुछ खाता-पीता था, वो अपने आस-पास मौजूद लोगों से भी वो जरूर शेयर करता था.

Advertisement

गूंगे और बहरे इंसान से किसी की क्या दुश्मनी?
वारदात के रोज़ कनुभाई को किसी ने जहर मिला हुआ जीरा सोडा पीने को दिया था, जो कनुभाई ने बाकी दो लोगों के साथ भी शेयर किया था और इसी जीरा सोडा ने पलक झपकते तीनों की जान ले ली. लेकिन सवाल ये था कि एक गूंगे और बहरे इंसान से आखिर किसी की ऐसी क्या दुश्मनी हो सकती थी? जिसने भी उसे ज़हर मिला हुआ जीरा रोडा पीने को दिया, उसने ऐसा क्यों किया? तो इस मामले पुलिस के पास कोई भी चश्मदीद नहीं था और ना ही कनुभाई और बाकी के मारे गए लोगों के घरवालों से उनके किसी दुश्मन का ही पता चला. 

टेक्निकल इनवेस्टिगेशन और CCTV से मिली मदद
ऐसे में पुलिस ने टेक्निकल इनवेस्टिगेशन के सहारे ही मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया. पुलिस सीसीटीवी फुटेज के सहारे उस आदमी की पहचान पता करना चाहती थी. मगर दिक्कत ये थी कि उस दुकान पर कोई सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ नहीं था. ऐसे में पुलिस ने वारदात वाली जगह के आस-पास लेकर कनुभाई के घर के आस-पास लगे दसियों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने की शुरुआत की. पुलिस ने पिछले 15 दिनों से लेकर वारदात वाले दिन तक के सीसीटीवी फुटेज जांचे. और इस कोशिश में एक संदिग्ध शख्स वारदात से कुछ देर पहले कनुभाई की दुकान की तरफ बढ़ता हुआ और फिर लौटता हुआ भी दिखा. ये शख्स कोई और नहीं कनुभाई का ही एक पड़ोसी था हरिकिशन मकवाना, जो पेशे से एक स्कूल टीचर था.

Advertisement

ऐसे पुलिस के शिकंजे में आया कातिल स्कूल टीचर
अब पुलिस ने वारदात के वक्त मकवाना की वहां मौजूदगी की तस्दीक करने के लिए उसके मोबाइल फोन की सीडीआर के साथ-साथ डंप डाटा भी निकलवाया और इसमें मकवाना की मौजूदगी उसी इलाके में पाई गई, जहां कनुभाई और बाकी लोगों ने जीरा सोडा पिया था. ये पुलिस के लिए एक बड़ा क्लू था. अब पुलिस ने मकवाना को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. शुरू में तो उसने पुलिस से झूठ बोला, लेकिन फिर जल्द ही उसने कबूल लिया कि उसी ने कनुभाई को एक खतरनाक जहर मिला हुआ जीरा सोडा पीने को दिया था.

सुसाइड को नेचुरल मौत दिखाना चाहता था हरिकिशन
मगर अब सवाल था कि आखिर हरिकिशन की एक गूंगे बहरे इंसान से ऐसी क्या दुश्मनी थी? जो उसने उन्हें जहरीला जीरा सोडा पिला दिया? तो हरिकिशन ने जवाब दिया. दुश्मनी कोई नहीं थी, वो तो बस एक एक्सपेरिमेंट करना चाहता था. जी हां, मौत का एक्सपेरिमेंट. ये बात सुन कर पुलिस चौंक गई. क्योंकि इस एक्सपेरिमेंट ने एक साथ तीन-तीन बेगुनाह लोगों की जान ले ली थी. लिहाजा, पुलिस ने हरिकिशन से गहराई से पूछताछ शुरू कर दी. हरिकिशन ने बताया कि वो और उसकी पत्नी दोनों स्कूल टीचर हैं. उनके दो बच्चे हैं. और एक बेटा तो 12वीं बोर्ड का इम्तेहान भी दे रहा है. लेकिन ऊपर से सबकुछ ठीक नजर आने के बावजूद वो मानसिक रूप से काफी परेशान है और इसी वजह से वो सुसाइड करना चाहता था. लेकिन साथ भी चाहता था कि सुसाइड से उसकी मौत भी हो जाए और किसी को सुसाइड का पता भी ना चले. यानी उसकी मौत एक सामान्य मौत लगे और इसीलिए उसे ये एक्सपेरिमेंट करना था.

Advertisement

हनीट्रैप केस में आया था स्कूल टीचर का नाम
हरिकिशन ने बताया कि उसके खिलाफ हनीट्रैप का एक पुराना केस है, जिसमें अक्सर उसे अदालत में पेश होना पड़ता है. उसे डर था कि अगर कहीं इस मामले में उसे सज़ा हो गई तो उसे और उसके परिवार को बहुत दिक्कत हो जाएगी. हरिकिशन का कहना था कि वो हनीट्रैप के किसी रैकेट में कभी शामिल नहीं रहा, वो तो किसी ने उसके नाम से होटल का एक कमरा बुक करवा लिया था, जहां हनीट्रैप की साजिश रची गई और जब साजिश का खुलासा हुआ, तो होटल का कमरा उसके नाम से बुक होने की वजह से उसका भी नाम इस केस में आ गया. लेकिन अब उसे डर लग रहा था कि कहीं ऐसा ना हो इस मामले में उसे जेल हो जाए. क्योंकि अब इस केस तारीख भी नजदीक आ रही थी. 

जीवन बीमा और सरकारी मदद के लिए रची साजिश
हरिकिशन ने बताया कि उसे उसके पिता काफी सपोर्ट किया करते थे, लेकिन दुर्भाग्य से उसके पिता की भी दो महीने पहले मौत हो गई, जिसके बाद उसने तय किया कि अब वो और जिंदा नहीं रहेगा. लेकिन साथ ही वो ये भी चाहता था कि उसके जाने के बाद उसके परिवार को कोई दिक्कत ना हो. एक सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद सरकार की ओर से उसके परिवार को जो मदद मिलती है, वो सारी मदद भी उसके बच्चों को मिले. साथ ही उसने जो बीमा करवा रखा है, उस बीमा की रकम भी उसके बीवी बच्चों को मिल जाए. जानकारी के मुताबिक उसने अपना लाखों रुपये का बीमा भी करवा रखा था. लेकिन बीमा की एक शर्त ये भी होती है कि इंसान खुदकुशी कर जान न दे. क्योंकि अगर कोई पॉलिसी लेने वाला ऐसा कुछ करता है, उसके नॉमिनीज को बीमा का कोई फायदा नहीं मिलता.

Advertisement

खतरनाक जहर के लिए रिसर्च
लेकिन ऐसा तभी हो सकता था जब वो सुसाइड करता और उसकी मौत नॉर्मल डेथ लगती. और बस इसी के लिए ये स्कूल टीचर ये सारा एक्सपेरिमेंट करना चाहता था. इस एक्सपेरिमेंट के तहत उसने एक ऐसे खतरनाक जहर के बारे में जानकारी जुटाई, जिसकी एक छोटी सी खुराक लेते ही इंसान की फौरन मौत हो जाए और मौत स्वाभाविक मौत लगे. काफी रिसर्च करने के बाद उसे उस जहर के बारे में जानकारी मिली. उसे पता चला कि इस जहर से मरने वाले इंसान के शरीर में ऊपरी तौर पर ऐसा कोई भी निशान नजर नहीं आता, ऊपर से कॉज ऑफ डेथ हार्ट फेल होना ही लगता है. 

जहर की जांच के लिए मौत का एक्सपेरिमेंट
लेकिन दिक्कत ये थी कि आखिर ये जहर उसे मिलेगा कैसे और अगर ऐसा जहर कहीं मिल भी गया, तो ये कैसे पक्का होगा कि इस जहर से वाकई मौत की वजह जहर नहीं बल्कि सामान्य मौत नजर आएगी. बस इसीलिए वो ये एक्सपेरिमेंट करना चाहता था. अब सवाल ये था कि उसने ऐसे अजीब और खतरनाक जहर से एक्सपेरिमेंट कैसे किया?

जीरा सोडा में जहर मिलाकर कनुभाई कौ सौंपा  
उसने तय किया कि वो इस एक्सपेरिमेंट के लिए इस जहर की एक छोटी सी खुराक अपने मूक बधिर पड़ोसी कनुभाई चौहान को देगा. अगर इस जहर से उसकी मौत हो गई और दुनिया को वो सामान्य मौत लगी, तो फिर उसका एक्सपेरिमेंट सक्सेसफुल हो जाएगा, लेकिन अगर मौत के बाद जहर की वजह सामने आ जाए, तो फिर ये एक्सपेरिमेंट फेल हो जाएगा. बस, इसी प्लान के तहत उसने वो खतरनाक जहर मंगवाया, उसे 9 फरवरी की रात को जीरा सोडा की बोतल में मिलाया और फिर वो बोतल लेकर वो कनुभाई के पास पहुंच गया. उसने जहरीली सोडा की वो बोतल कनुभाई के हवाले कर दी. 

कनुभाई के साथ मारे गए उसके दोस्त
लेकिन तकदीर का खेल देखिए कि कनुभाई ने वो सोडा की बोतल अकेले नहीं पी, बल्कि उसे अपने दो दोस्तों के साथ शेयर कर लिया. जिससे ना सिर्फ कनुभाई की जान चली गई, बल्कि कनुभाई के साथ-साथ उसके दो दोस्त भी बेमौत मारे गए. अब एक साथ तीन-तीन लोगों के मारे जाने की वजह से पूरे नाडियाद कस्बे में भूचाल आ गया. खास कर पुलिस के तो हाथ पांव फूल गए और पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी, जिसके बाद ये खतरनाक कहानी सामने आई.

ऑनलाइन खरीदा था जहर
हरिकिशन मकवाना काफी दिनों से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था. और इसी परेशानी के आलम में वो सुसाइड करना चाहता था. लेकिन जैसा कि हमने आपको बताया वो अपनी मौत को सुइसाइड दिखाना नहीं चाहता था और इसीलिए उसे एक ऐसे जहर की तलाश थी, जिससे मौत भी हो जाए और मौत सुइसाइड भी ना लगे. वो टीचर तो था ही, उसे केमिस्ट्री यानी रसायन का भी पता था. उसने तय किया कि वो किसी ऐसे जहर के बारे में जानकारी जुटाएगा, जिससे उसका मकसद पूरा हो जाए. जानकारी मिली भी, लेकिन दिक्कत ये थी कि ये एक ऐसा जहर है, जो खुले बाजार में नहीं मिलता. ऐसे में उसने ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से इसे खरीदने का फैसला किया.

पत्नी ने नष्ट कर दिया था पूरा पैकेट
वैसे आपको बता दें कि इस जहर का नाम अब खुल चुका है, लेकिन हम एहतियातन इस जहर का नाम आपको नहीं बता रहे हैं, ताकि इसका आगे से कोई दुरुपयोग ना हो. बहरहाल, हरिकिशन ने इस जहर को ऑनलाइन तलाशना शुरू किया और उसे ये मिल भी गया. उसने इस जहर का एक पैकेट चोरी से अपने घर पर ही मंगवा लिया. पैकेट करीब 500 ग्राम यानी आधा किलो था. और इत्तेफाक से इस पैकेट पर हरिकिशन की बीवी की भी नजर पड़ गई. उसकी बीवी को ये तो पता था कि हरिकिशन मानसिक रूप से परेशान चल रहा है, लेकिन ये नहीं पता था कि हरिकिशन सुइसाइड करने की सोच रहा है. लेकिन जब उसने जहर का वो पैकेट देखा, तो उसे फौरन नष्ट कर दिया. 

पुलिस ने शॉपिंग वेबसाइट से की तस्दीक
लेकिन हकिकिशन अपनी बीवी से भी चालाक निकला, उसने जहर का वो पैकेट अपनी बीवी के हाथ लगने से पहले ही उसका कुछ हिस्सा निकाल कर अलग रख लिया था. और बस इसी अलग से रखे गए जहर से उसने ये खतरनाक एक्सपेरिमेंट कर डाला. मामले की तफ्तीश कर रही पुलिस इस मामले की जांच करती हुई उस शॉपिंग वेबसाइट के वेयरहाउस तक भी पहुंची, जहां से उसे जहर की डिलीवरी की गई थी. पुलिस ने वहां पूछताछ कर इस बात की तस्दीक कर ली कि वाकई हरिकिशन ने इसी शॉपिंग वेबसाइट से जहर खरीदा था. 

पुलिस के पास पुख्ता सबूत
फिलहाल, पुलिस के पास हरिकिशन के कबूलनामे के अलावा, मारे गए लोगों को अस्पताल पहुंचाने वाले चश्मदीदों की गवाही, सोडा वाटर की बोतल, जहर खरीदने के सबूत, जहर को लेकर की गई रिसर्च का ब्यौरा समेत दूसरे तमाम टेक्निकल एविडेंस मौजूद हैं और पुलिस को पूरा यकीन है कि वो हरिकिशन को जल्द ही इस मामले में सजा दिलाने में कामयाब हो जाएगी.

(नाडियाद से हेताली एम शाह के साथ आजतक ब्यूरो)

Live TV

Advertisement
Advertisement