पठानकोट हमले में शामिल आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए एसपी सलविंदर सिंह दिल्ली में एनआईए ऑफिस पहुंच गए हैं. शुक्रवार को एनआईए ने उन्हें पूछताछ के लिए समन जारी किया था. उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कराया जा सकता है. एसपी, उनके दोस्त राजेश वर्मा और उनके कुक मदनलाल के बयानों के बीच विरोधाभास को देखते हुए उनकी भूमिका शक के घेरे में हैं.
Gurdaspur SP Salwinder Singh reaches NIA office in Delhi for questioning #PathankotAttack pic.twitter.com/CzfRzb3ml5
— ANI (@ANI_news) January 11, 2016
दूसरी तरफ शुक्रवार को पंजाब पुलिस ने सलविंदर सिंह की दूसरी शादी के आरोपों की जांच के आदेश दे दिए हैं. पुलिस महानिदेशक ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धनप्रीत कौर को मामले की जांच सौंपी है. पंजाब के टांडा उरमुर की एक महिला करनप्रीत कौर ने दावा किया है कि अप्रैल, 1994 में उसकी सलविंदर सिंह से शादी हुई थी. उस समय वह अमृतसर में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर तैनात थे.
...तो इसलिए शक के घेरे में हैं एसपी
- एसपी सलविंदर सिंह ने आतंकियों की संख्या चार-पांच, जबकि उनके दोस्त ने चार बताया था.
- एक टैक्सी ड्राइवर की हत्या करने वाले आतंकियों ने एसपी और उनके साथियों को बिना गंभीर नुकसान पहुंचाए कैसे छोड़ दिया.
- पठानकोट जैसी संवेदनशील जगह में बिना हथियार और पुलिस टीम लिए एसपी क्यों निकले.
एसपी ने कहा- पीड़ित हूं, संदिग्ध नहीं
एसपी सलविंदर सिंह ने बताया था वह खुद पीड़ित है, संदिग्ध नहीं. उनको गंभीर चोटें लगी हैं. वह किसी तरह मौत के मुंह से वापस आए हैं. पठानकोट के कोलिआं मोड़ पर उन लोगों ने गाड़ी रोकी थी. गाड़ी उनका दोस्त राजेश वर्मा चला रहा था. उसी समय अचानक आतंकी उनकी गाड़ी में घुस गए. उन्होंने अंदर की लाइट बंद करने के लिए कहा. उन्हें पीछे धकेल दिया. उनके हाथ सीट के पीछे बांध दिए. उन सभी को गन प्वाइंट पर ले रखा था.
दरगाह से लौटते वक्त हुआ था हादसा
उन्होंने बताया था कि आतंकियों के ये नहीं पता चला था कि वे पुलिस अफसर की गाड़ी में हैं. अगवा किए जाने के करीब 30-40 मिनट बाद पंजाब पुलिस की चेक पोस्ट पार करते ही आतंकियों ने सबसे पहले उनको गाड़ी से गिरा दिया. उस समय वह बेहोश थे. होश में आने के बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को आतंकियों की जानकारी दी, लेकिन पुलिस उनकी जानकारी पर यकीन नहीं हुआ. वह दरगाह पर मत्था टेकने के बाद वापस आ रहे थे.