scorecardresearch
 

Divya Pahuja Murder Case: गुरुग्राम से दिल्ली और दिल्ली से पंजाब तक... जारी है एक लाश की सबसे बड़ी तलाश

Divya Pahuja Murder Mystery: गैंगस्टर संदीप गाडोली की गर्लफ्रेंड रही दिव्या पाहुजा की मर्डर मिस्ट्री के इर्द-गिर्द रहस्य की मोटी चादर है. वक़्त गुजरता जा रहा है, मगर रहस्य की धुंध नहीं छंट रही. कत्ल के छह दिन बाद भी दिव्या की लाश गायब है. दिव्या के कत्ल के मोटिव पर भी रहस्य बकरार है.

Advertisement
X
6 दिन बाद भी दिव्या की लाश का कुछ अता पता नहीं है
6 दिन बाद भी दिव्या की लाश का कुछ अता पता नहीं है

Divya Pahuja Murder Mystery: एक होटल के कमरे में एक लाश पड़ी थी. खुद कातिल कमरे में लाश होने की जानकारी देता है. जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचती है. फिर बेमन से ही एक कमरे की तलाश लेती है और वापस लौट जाती है. जबकि उसी कमरे से दो कमरों के फासले पर मौजूद तीसरे कमरे में सचमुच एक लाश पड़ी थी. अगर गुरुग्राम पुलिस उस रात और दो कमरों की तलाशी लेती तो अब पिछले 6 दिनों से उसे उसी लाश की तलाश में हरियाणा से दिल्ली और दिल्ली से पंजाब के नदी नाले ना खंगालने पड़ते. जी हां, मॉडल दिव्या पाहुजा की लाश अब भी पुलिस की पहुंच से बाहर है.  

Advertisement

कमरा नंबर 111 का राज़
गैंगस्टर संदीप गाड़ोली की गर्लफ्रेंड रही दिव्या पाहुजा की मर्डर मिस्ट्री के इर्द-गिर्द रहस्य की मोटी चादर है. वक़्त गुजरता जा रहा है, मगर रहस्य की धुंध नहीं छंट रही. कत्ल के छह दिन बाद भी दिव्या की लाश गायब है. दिव्या के क़त्ल के मोटिव पर भी रहस्य बकरार है. कत्ल को अंजाम देने में किसकी क्या भूमिका है, ये भी साफ नहीं है. कत्ल के वक़्त अभिजीत के दोस्त बलराज की लोकेशन पर सवाल है. दिव्या की गुमशुदगी को लेकर अभिजीत झूठ का राज़ क्या है?

दिव्या को 25 जुलाई 2023 को मिली थी जमानत 
दिव्या के कत्ल के पूरे सिक्वेंस पर दिव्या की बहन ने जो बातें कही हैं, वो दिमाग़ घुमा देने के लिए काफी हैं. दिव्या की बहन की मानें तो दिव्या गैंगस्टर संदीप गाडोली के क़त्ल के मामले में जेल में बंद थी और 25 जुलाई 2023 को उसे जमानत मिली थी. लेकिन बाहर उसकी जान को खतरा बना रहता था. और इसीलिए वो हमेशा अपनी बहन दिव्या के साथ कनेक्टेड रहती थी. वो और उसकी बहन दिव्या हमेशा एक दूसरे से अपने मोबाइल फोन की लोकेशन भी शेयर करके रख थे. 

Advertisement

अलग-अलग थी दिव्या के दोनों मोबाइल फोन की लोकेशन
दिव्या की बहन बताती है कि 2 जनवरी को उसकी अपनी बहन दिव्या से आखिरी बात बातचीत हुई. लेकिन जब दोपहर 12 बजे हुई बातचीत के बाद शाम छह बजे तक दिव्या का कोई भी फोन या मैसेज उसके पास नहीं आया, वो थोड़ी परेशान हो गई. इसके बाद जब उसने दिव्या के मोबाइल फोन की लोकेशन चेक की, तो घबरा गई. क्योंकि दिव्या के एक फोन की लोकेशन दिल्ली के साउथ एक्स में आ रही थी, जबकि दूसरी फोन की लोकेशन गुरुग्राम के होटल सिटी प्वाइंट के पास. असल में दिव्या के पास दो फोन थे. एक सैमसंग का और दूसरा एपल का. दिव्या के सैमसंग फोन की लोकेशन साउथ एक्स दिख रही थी, जबकि उसका आईफोन गुरुग्राम के सिटी प्वाइंट में ही था.

अभिजीत के घर से मिला था दिव्या का सैमसंग मोबाइल
इस पर परेशान हो कर जब दिव्या की बहन ने होटल सिटी प्वाइंट के मालिक अभिजीत सिंह को फोन किया, तो उसने बताया कि दिव्या तो उसके पास से 2 जनवरी की सुबह साढ़े ग्यारह बजे ही निकल गई थी. इस पर बहन ने खुद ही दिव्या को ढूंढने का फैसला किया और अपनी गाड़ी से शाम के तकरीबन साढे सात बजे दिल्ली के साउथ एक्स में सीधे अभिजीत सिंह के घर पहुंची. लेकिन वो वहां ये देख कर चौंक गई कि घर में अभिजीत सिंह तो नहीं था, लेकिन उसका दोस्त बलराज मौजूद था, जिसने दिव्या का सैमसंग मोबाइल फोन उसे सौंप दिया, जिसे दिव्या की बहन ने बाद में जांच के लिए गुरुग्राम पुलिस के हवाले कर दिया.

Advertisement

होटलवालों ने नहीं दिखाई थी सीसीटीवी फुटेज
जब दिल्ली के साउथ एक्स में अभिजीत के घर पर भी दिव्या का कोई पता नहीं चला, तो वो फिर से वापस गुरुग्राम पहुंची. यहां शाम तकरीबन 7 बजे उसने होटल सिटी प्वाइंट में पहुंच कर होटल के केयर टेकर अनूप से होटल की सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की, ताकि उसे अपनी बहन के वहां होने और ना होने को लेकर कुछ पता चल सके. लेकिन दिव्या की बहन की मानें तो होटल के केयर टेकर ने सीसीटीवी फुटेज दिखाने से ही मना कर दिया. और तो और उस वक्त होटल का मालिक अभिजीत सिंह भी होटल के कमरे से नीचे उतर आया, लेकिन ना तो उसने दिव्या के बारे में साफ-साफ कुछ बताया और ना ही वो सीसीटीवी फुटेज दिखाने पर राजी हुआ.

शुरू से ही लापरवाही भरा था पुलिस का रवैया 
इसी दौरान अभिजीत ने दिव्या की बहन को उसका आधार कार्ड और पैन कार्ड ये कहते हुए सौंप दिया कि ये सबकुछ उसे सौंप कर दिव्या कहीं चली गई है. जिससे दिव्या की बहन का शक और गहरा गया हो गया और उसे अनहोनी का डर सताने लगा. दिव्या की बहन की मानें तो इस मामले पर पुलिस का रवैया शुरू से ही लापरवाही भरा रहा, जिससे कातिलों ने उसकी बहन की लाश गायब कर दी और तो और अब उसके आईफोन का भी कोई पता नहीं है. अगर पुलिस ने उसकी शिकायत पर ध्यान लेकर पहले ही मामले की गंभीरता से जांच की होती, तो ये सबूत इस वक्त पुलिस के पास होते. 

Advertisement

पहले न्यू कॉलोनी पुलिस स्टेशन गई थी दिव्या की बहन
दिव्या की बहन का कहना है कि उससे बात नहीं होने पर सबसे पहले वो न्यू कॉलोनी पुलिस स्टेशन गई थी, लेकिन वहां के पुलिसकर्मी ने उसे ये कहते हुए थाने से रवाना कर दिया कि मामला सेक्टर 14 का है, तो उसे अपनी शिकायत लेकर वहीं जाना चाहिए. इसके बाद वो अपनी मां के साथ सेक्टर 14 के पुलिस स्टेशन में गई, लेकिन वहां पुलिसकर्मियों ने कहा कि चूंकि अभी रात बहुत ज्यादा हो चुकी है तो वो शिकायत देकर चले जाएं, पुलिस अगली रोज सुबह 10 बजे मामले की जांच शुरू करेगी.

अभिजीत के कमरे से मिली थी दिव्या की चप्पल और ब्लेजर
दिव्या की बहन ने बताया कि रात करीब डेढ़ बजे जब वो सेक्टर 14 की पुलिस को लेकर होटल सिटी प्वाइंट में पहुंची, तो होटल की सारी लाइट्स बंद थी. और कमरा नंबर 114 में होटल का मालिक अभिजीत नशे में धुत्त होकर सोया हुआ था. इसी कमरे से तब दिव्या की चप्पल और उसका ब्लेजर भी बरामद हो गया, लेकिन तब भी पुलिस का कोई सीनियर ऑफिसर मौके पर नहीं पहुंचा. इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने की शुरुआत की. लेकिन इस काम में भी सुबह 8 बजे गए. और तब तक अभिजीत के दोस्त बीएमडब्ल्यू कार में दिव्या की लाश को लेकर दूर निकल चुके थे. दिव्या की बहन का कहना है कि अगर पुलिस ने पहले रिएक्ट किया होता, तो दिव्या की लाश बरामद की जा सकती थी.

Advertisement

केयरटेकर के पास नहीं थी कमरे की चाबी
लेकिन इसके बाद जब पुलिस कत्ल की असली जगह यानी होटल सिटी प्वाइंट के कमरा नंबर 111 में पहुंची, तब जाकर ये साफ हुआ कि दिव्या की हत्या उसी कमरे की गई. दिव्या की बहन की मानें तो उस रात जब वो पुलिस को लेकर होटल में पहुंची, तो रिसेप्शन पर होटल का केयरटेकर और एक बुजुर्ग कर्मचारी मौजूद था. उन दोनों से कमरा नंबर 111 की चाबी मांगी गई, लेकिन चाबी किसी के पास भी नहीं थी. 

खौफनाक था कमरा नंबर 111 का मंजर
असल में उससे एक रोज़ पहले रात को होटल के मालिक अभिजीत सिंह ने 111 और 114 नंबर कमरा ही अपने और अपने गेस्ट के लिए रिजर्व करवाया था. ऐसे में रुम नंबर 111 की जांच बनती थी. अब पुलिस ने जब पत्थरों से रूम नंबर 111 का ताला तोड़ा, तो कमरे का मंजर देख कर सबके कदम ठिठक गए. कमरे में बेड, दीवार, पर्दे हर जगह खून की खून था. कुछ खून के धब्बों को पानी से धो कर और पेट्रोल से साफ कर मिटाने की कोशिश की गई थी. लेकिन मौका-ए-वारदात इस बात की गवाही दे रहे थे कि दिव्या की हत्या उसी कमरे के अंदर हुई है.

Advertisement

पुलिस की भूमिका पर भी सवाल
जाहिर है, इस मामले की जांच गुरुग्राम पुलिस ने इस काहिली भरे तरीके से की, उससे उसकी भूमिका पर भी सवाल खड़े होते हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर पुलिस होटल में लाश होने के बावजूद बिना उसकी ठीक से जांच किए कैसे वापस लौट गई, जिसके चलते कातिलों को लाश ठिकाने लगा का मौका मिल गया.

अब पुलिस ने जताया कातिल की बात पर विश्वास
पहले जब कातिल खुद ये बता रहा था कि दिव्या की लाश होटल के कमरे में है तो गुरुग्राम पुलिस उसकी बात को सच नहीं मान रही थी. लेकिन अब वही पुलिस कातिल की बात को उस बात को सच मान रही है, जिसमें वो दिव्या के कत्ल की वजह बता रहा है. जबकि दूसरी तरफ दिव्या के घरवालों को कहना है कि दिव्या के कत्ल की साजिश की असली वजह कुछ और है.   

अभी तक साफ नहीं ब्लैकमेलिंग का एंगल
क्या दिव्या पाहुजा की हत्या वाकई इसीलिए किया गया क्योंकि वो अपने ब्वॉयफ्रेंड अभिजीत सिंह को कुछ अश्लील तस्वीरों के सहारे ब्लैकमेल कर रही थी? या फिर इस मर्डर मिस्ट्री के पीछे सच्चाई कुछ और है? असल में कत्ल के इल्जाम में पकड़े गए अभिजीत ने बेशक दिव्या के कत्ल के पीछे कुछ यही वजह बताई हो, लेकिन पुलिस की तफ्तीश में अब तक आरोपी का ये क्लेम पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है. ऊपर से दिव्या के घरवालों ने इस थ्योरी को सिरे से खारिज कर दिया है. दिव्या की बहन की मानें तो उसकी बहन न तो ब्लैकमेलर थी और न ही उसके फोन से कोई अश्लील वीडियो बरामद है, जिसका दावा गुरुग्राम पुलिस के अधिकारी कर रहे हैं और ऐसा तब है जब दिव्या का आईफोन अभी भी लापता है.

Advertisement

बलराज गिल और रवि बंगा अभी तक फरार
फिलहाल गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी बना दी है. गुरुग्राम पुलिस की टीम पंजाब में कैंप कर रही है, दिव्या की लाश के लिए नहर में गोते लगा रही है, लेकिन लाख कोशिश करने के बावजूद उसके हाथ खाली हैं. और इसकी सबसे बड़ी वजह तो यही है कि कत्ल के बाद जिन दो लोगों बलराज गिल और रवि बंगा पर लाश निपटाने का इल्जाम है, वही दोनों फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.

अभिजीत की साथी मेघा गिरफ्तार
फिलहाल गुरुग्राम पुलिस ने इस क़त्ल के सिलसिले में एक और लड़की को गिरफ्तार किया है, जिस पर दिव्या के क़त्ल में अभिजीत का साथ देने का इल्ज़ाम है... इस लड़की को अभिजीत की दूसरी गर्लफ्रेंड बताया गया है. पुलिस की मानें तो दिल्ली के मितराऊ गांव की रहनेवाली इस लड़की का नाम मेघा है, जो पोर्टर नाम का एक एप चलाती है. मेघा अभिजीत की चकाचौंध भरी जिंदगी से उसके प्रभाव में आ चुकी थी और कत्ल के बाद उसने कत्ल में इस्तेमाल किए गए हथियार और दिव्या के मोबाइल फोन को ठिकाने लगाने में अभिजीत की मदद की. उधर, सूत्रों का दावा है कि इस लड़की को एसआईटी अभिजीत के खिलाफ सरकारी गवाह बनाने की तैयारी कर रही है.

शाम 5 बजे हुआ था दिव्या का कत्ल
दिव्या की हत्या गुरुग्राम को होटल सिटी प्वाइंट में उसके ब्वॉयफ्रेंड ने कथित तौर पर 2 जनवरी की शाम 5 बजे गोली मार कर दी थी. जिस होटल में ये वारात हुई अभिजीत उस होटल का मालिक है, लेकिन इन दिनों उसने ये होटल अनूप नाम के एक शख्स को लीज़ पर दे रखा था. इधर, नए साल के दूसरे ही दिन दिव्या की हत्या हो चुकी थी और उधर, दिव्या के घरवाले अपनी बेटी के अचानक गायब हो जाने को लेकर काफी परेशान थे.

अनूप ने किया था पुलिस को फोन
दिव्या की हत्या रूम नंबर 111 में हुई. कहानी में ट्विस्ट ये है कि इस वारदात के बाद अभिजीत के होटल सिटी प्वाइंट को लीज पर लेकर चलाने वाले अनूप ने खुद फोन कर पुलिस को होटल के कमरा नंबर 114 में एक लड़की की लाश पड़ी होने की खबर दी, क्योंकि यही वो रूम था, जो होटल का मालिक होने के नाते हमेशा अभिजीत के लिए बुक रहता था. मगर हद देखिए कि गुरुग्राम पुलिस की इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम यहां पहुंची, उसने कमरा नंबर 114 को चेक किया, लेकिन जब वहां कोई लाश नहीं मिली तो वो बैरंग वापस लौट गई. 

कमरा नंबर 111 में हुआ था दिव्या का कत्ल
इसके बाद जब वही पुलिस दिव्या के घरवालों की शिकायत पर करीब 8 घंटे बाद दोबारा उसी होटल में पहुंची सीसीटीवी कैमरा चेक किया, तब उसे ना सिर्फ लाश निपटाए जाने की बात पता चल गई, बल्कि ये भी पता चल गया कि कत्ल कमरा नंबर 114 नहीं बल्कि कमरा नंबर 111 में हुआ था. यानी पुलिस जिस कातिल को ढूंढ रही थी, वो पहली चेकिंग के दौरान कत्ल वाली जगह पर यानी होटल में ही मौजूद था. और लड़की की लाश महज तीन कमरों के फासले पर पड़ी थी. मगर पुलिस बेखबर रह गई. इस बीच रात 11 बजे के आस-पास अभिजीत ने अपने गुर्गों की मदद ले दिव्या की लाश ठिकाने लगवा दी. और पुलिस को पता भी नहीं चला.

सीसीटीवी से हुआ कत्ल का खुलासा
पुलिस की मानें तो इस हत्या के बाद अभिजीत ने पहले होटल के दो मुलाजिमों की मदद से लाश कमरे से बाहर निकलवाई और रात के अंधेरे में ही होटल के बाहर खड़ी अपनी बीएमडब्लू कार में रखवा दी थी. उसने लाश रखते हुए बीएमडब्ल्यू कार ना दिखे, इसलिए बाहर की लाइटें भी ऑफ करा दीं, लेकिन उसे होटल के सीसीटीवी कैमरों का ख्याल नहीं रहा. या फिर यूं कहें कि वो होटल का मालिक तो है, लेकिन चूंकि होटल इस वक्त लीज पर है, उसकी मनमानी नहीं चली. गाड़ी में लाश रखने के बाद उसने अपने दो खासमखास लोग मोहाली के बलराज गिल और हिसार के रवि बंगा को बुलाया और लाश वाली बीएमडबल्यू की चाबी देकर उन्हें लाश ठिकाने लगाने भेज दिया. इसके कई घंटे बाद कत्ल सीसीटीवी की मदद से ही का खुलासा तो हो गया, अभिजीत गिरफ्तार भी हो गया, लेकिन लाश का फिर भी कोई पता नहीं चला.

BMW कार बरामद, मिले खून के निशान
गुरुवार को पुलिस ने पंजाब के पटियाला से लावारिस हालत में पड़ी वो बीएमडब्ल्यू कार भी बरामद कर ली. लेकिन कार में लाश नहीं थी. यानी अभिजीत के गुर्गे लाश को ठिकाने लगा चुके हैं. पुलिस सूत्रों की मानें को कार से पुलिस को खून के धब्बे भी मिले हैं, जो इसबात के सबूत हैं कि इसी कार में लाश थी. लेकिन दिव्या की लाश और दिव्या का मोबाइल फोन अब भी गायब हैं. अब कार लावारिस मिली है, तो लाश ठिकाने लगाने वाले गुर्गे भी गायब हैं. बगैर गुर्गों, दिव्या की लाश और उसके मोबाइल फोन के नहीं मिलने से कत्ल की ये कहानी साफ होकर भी पूरी तरह से साफ नहीं है.

Live TV

Advertisement
Advertisement