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Murder in Court: रंजिश, दुश्मनी या गैंगवार.. हापुड़ की अदालत में ऐसे हुआ एक कैदी का कत्ल

16 अगस्त को यूपी के शहर हापुड़ में जो कुछ हुआ उसने पूरे शहर के लोगों को दहला दिया. स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी के बाद मंगलवार को अदालत में कुछ ज्यादा ही भीड़ थी. फरियादी, वकील, अहलमद हर तरफ लोग ही लोग थे. तभी वहां गोलियां चलने लगी और लोग इधर-उधर भागने लगे.

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शूटआउट में मारा गया कैदी लखनपाल एक गैंगस्टर रोहित के गैंग का गुर्गा था
शूटआउट में मारा गया कैदी लखनपाल एक गैंगस्टर रोहित के गैंग का गुर्गा था

फरीदाबाद की जेल में बंद एक कैदी को यूपी के हापुड़ की कोर्ट में पेश किया जाना था. एक मुकदमे की सुनवाई की जानी थी. सुरक्षा के तमाम चाकचौबंद इंतजाम किए गए थे. उस कैदी को जेल से निकालकर हापुड़ की अदालत तक लाया गया. अभी वो अदालत की दहलीज तक पहुंचा ही था कि पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने उसे गोलियों से भून डाला. मौके पर ही कैदी की मौत हो गई. जबकि दो पुलिसवाले भी घायल हो गए. और इससे पहले कि पुलिस हमलावरों तक पहुंच पाती, खबर आई कि एक हमलावर ने दूसरी अदालत में जाकर सरेंडर कर दिया है.

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मंगलवार, सुबह 10:40 बजे, ज़िला अदालत, हापुड़ 
16 अगस्त को यूपी के शहर हापुड़ में जो कुछ हुआ उसने पूरे शहर के लोगों को दहला दिया. स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी के बाद मंगलवार को अदालत में कुछ ज्यादा ही भीड़ थी. फरियादी, वकील, अहलमद हर तरफ लोग ही लोग थे. तभी हरियाणा के फरिदाबाद पुलिस की एक वैन बिल्कुल कोर्ट के पास आकर रुकी. गाडी में बैठे चार से पांच पुलिस के जवान एक मुल्जिम को लेकर नीचे उतरे और कोर्ट की तरफ़ बढ़ने लगे. 

लेकिन अभी ये सभी के सभी चंद कदम आगे बढ़े ही थे कि तीन से चार लोग पैदल ही पीछे की तरफ से आए और उन्होंने पुलिस के शिकंजे में मौजूद मुल्जिम लखनपाल को निशाना बना कर गोलियों की बारिश शुरू कर दी. चश्मदीदों की मानें तो कम से कम पांच से छह राउंड फायरिंग हुई और देखते ही देखते लखनपाल सडक के किनारे ढेर हो गया. इस हमले में दो पुलिसवाले भी बदमाशों की गोलियों का निशाना बन गए.

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गैंगस्टर रोहित चौधरी का गुर्गा था लखनपाल
जिस तरह से घात लगाए बैठे बदमाशों ने दिन दहाड़े खुलेआम पुलिस की मौजूदगी में एक बदमाश को निशाना बनाया, वो सबकुछ बेहद डरावना था और इस वारदात से पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई. आनन-फानन में पुलिस के बड़े अफसर भी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी गई. पुलिस ने लखनपाल को उठाकर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मुर्दा करार दिया. लखनपाल दिल्ली के ही एक छंटे हुए गैंगस्टर रोहित चौधरी के गैंग से जुड़ा बदमाश था. जबकि इस फायरिंग में ज़ख्मी हुए दोनों पुलिसवाले खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं.

कत्ल के बाद कोर्ट में सरेंडर
हापुड़ कोर्ट के पास की सड़क और गलियों में लगे सीसीटीवी कैमरों में वारदात की तस्वीरें कैद हो गई. जिनमें देखा जा सकता है कि कैसे कुछ बदमाश पहले से घात लगाए अपने शिकार यानी लखनपाल के हापुड़ कोर्ट लाए जाने का इंतज़ार कर रहे थे और कैसे लखनपाल को पैदल ही जाकर निशाना बनाने के बाद वो खुलेआम हथियार लहराते हुए दो अलग-अलग बाइक पर बैठ कर फरार हो गए. सीसीटीवी तस्वीरों की मदद से पुलिस ने हमला करनेवाले बदमाशों की पहचान करने के साथ-साथ उनकी तलाश शुरू कर दी. लेकिन इससे पहले कि पुलिस सभी बदमाशों तक पहुंच पाती, इनमें से एक हमलावर सुनील ने गौतमबुद्धनगर की सूरजपुर कोर्ट में जाकर खुद सरेंडर कर दिया. 

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पुलिस अफसरों पर गिरी गाज
अब इसे कानून का मजाक नहीं तो और क्या कहेंगे, जिसमें आरोपी ने एक कोर्ट के बाहर कत्ल जैसी भयानक वारदात को अंजाम दिया और चंद घंटों के अंदर दूसरे कोर्ट में जाकर सरेंडर कर दिया. हालांकि इस वारदात के बाद हापुड़ पुलिस ने अपने ही महकमे में सख्ती दिखाते हुए कुछ अफसरों को सस्पेंड कर दिया, जबकि कुछ से उनके काम की जिम्मेदारी ले ली गई.

कत्ल, रेप समेत कई मामलों में आरोपी था लखनपाल
उधर, हरियाणा की फरीदाबाद पुलिस ने कहा है कि इस वारदात में मारा गया लखनपाल फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद था. 34 साल के लखनपाल पर सूरजकुंड में बलात्कार, आर्म्स एक्ट समेत दूसरे आपराधिक मामलों के मुकदमे तो हैं ही, पुलिस की मानें तो उस पर हापुड़ के ही धौलाना में साल 2019 में क़त्ल की एक वारदात को अंजाम देने का भी इल्ज़ाम है. 

वारदात के पीछे पुरानी रंजिश का शक
पुलिस की मानें तो 2019 में ये वारदात एक भरे शादी समारोह के दौरान हुई थी, जहां कुछ बदमाशों ने दुश्मनी के चलते दूल्हे के चाचा को ही गोली मारकर उसकी जान ले ली थी. उस शादी समारोह में जिस सुधीर भडाना नाम के शख्स की हत्या की गई थी, उसकी गिनती धौलाना के रसूखदार लोगों में होती थी. और अब जिस तरह से हापुड़ में ही लखनपाल पर बदमाशों ने घात लगा कर उसकी हत्या की, उससे इस वारदात के पीछे पुलिस को पुरानी रंजिश का शक है.

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हमलावरों ने कर रखी थी पूरी तैयारी
यकीनन वारदात को जिस तरह से दिन दहाडे अंजाम दिया गया और जिस तरह से हमले से पहले बदमाश घात लगा कर लखनपाल को कोर्ट लाए जाने का इंतजार करते रहे, उससे साफ है कि ये मामला गैंगवार का है और हमलावरों को ना सिर्फ लखनपाल को 16 अगस्त को हापुड़ लाए जाने की खबर थी, बल्कि उन्होंने इस हमले के लिए पूरी तैयारी भी की थी.

फिलहाल इस मामले के एक आरोपी सुनील ने बेशक अदालत में जाकर सरेंडर कर दिया हो, लेकिन हमले में शामिल बाकी शूटरों और इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड तक पहुंचना अभी बाकी है. ये तो साफ है कि यह मामला गैंगवार का है, लेकिन इस गैंगवार के पीछे कौन सी रंजिश या साजिश है, ये राज़ खुलना भी अभी बाकी है.

 

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