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हरदा हादसे के 'गुनहगार' अग्रवाल ब्रदर्स की कहानी, जिन्होंने एक शहर की जान हलक में अटका दी

Harda Blast: हरदा में हुए धमाकों के बाद से फरार चल रहे फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल को मंगलवार की रात करीब 9 बजे राजगढ़ जिले के सारंगपुर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों के खिलाफ हरदा सिविल लाइन थाने में आईपीसी की धारा 304, 308, 34 और विस्फोटक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है.

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मध्य प्रदेश के हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.
मध्य प्रदेश के हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.

मध्य प्रदेश के हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. इस हादसे के 24 घंटे बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इसमें अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 184 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. इनमें से 40 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. फैक्ट्री मालिक राजेश और सोमेश अग्रवाल को पुलिस ने राजगढ़ जिले के सारंगपुर से गिरफ्तार किया गया है. 

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अब सवाल उठता है कि हरदा में बारूद की फैक्ट्री लगाने वाले ये अग्रवाल ब्रदर्स कौन हैं, जिनके ठिकानों पर मौत पहरा दे रही थी. एक मामूली सी चिंगारी ने पूरे शहर की आबो हवा ही बदलकर रख दी. हैरानी की बात ये है कि अग्रवाल बंधू इस तबाही और बर्बादी की तस्वीरों के सामने आने के बाद कानून की गिरफ्त से दूर जाने की फिराक में थे, लेकिन समय रहते मध्य प्रदेश पुलिस ने उन्हें धर दबोचा.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे रुक-रुक कर धमाके होते रहे. धमाकों की आवाजें मौका-ए-वारदात से कई किलोमीटर दूर तक सुनी गईं. वहां धुएं का गुबार चारों तरफ फैल गया. दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में लगी रहीं. चश्मदीदों के मुताबिक, कारखाने में विस्फोट के बाद मौके पर कई शव पड़े हुए थे. कई अब भी लापता हैं. कई लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं.

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इस जानलेवा हादसे के असली गुनहगार राजेश अग्रवाल और उसका भाई सुमेश अग्रवाल है. अपने रुआब और अपनी पहुंच के नशे में चूर इस जोड़ी ने पूरे शहर की जान हलक में अटका दी. अपनी ही जिद की वजह से इन दोनों ने इंसानी जिंदगी के साथ मौत का खेल खेला है. इन दोनों भाइयों पर ये भी आरोप है कि झूठ बोलकर और धोखा देकर इस इलाके में पटाखा की फैक्ट्री लगाई गई थी. 

फैक्ट्री के आस-पास के लोगों की बातों पर यकीन किया जाए तो अग्रवाल बंधुओं की जोड़ी को यहां पर किसी की भी जान की कोई परवाह नहीं थी. फिक्र थी तो बस अपनी बारूदी फैक्ट्री की थी. पटाखा फैक्ट्री चलाने वालों को लेकर लोग बेहद गुस्से में हैं. क्योंकि अब उनका गुस्सा फूट रहा है. कहा जा रहा है कि प्रशासन से किसी भी तरह की शिकायत करने के बाद वो हत्या कराने की धमकी दिया करता था. 

सबसे ज़्यादा हैरानी की बात ये है कि इस बारूदी फैक्ट्री के बारे में जब स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से कोई सवाल पूछा जाता तो वो अपने आला अधिकारियों का हवाला देकर कन्नी काट लेते थे. उनके रसूख और पुलिस-प्रशासन के साथ मिली भगत की वजह से लोग चाहते हुए भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करा पाते थे. लेकिन अब मौत के तांडव के बाद अग्रवाल ब्रदर्स के पानी का बुलबुला फूट चुका है.

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सूत्रों के मुताबिक राजेश अग्रवाल के पास फैक्ट्री के 4 लाइसेंस थे. इनमें 2 लाइसेंस एल-5 और 2 एल-2 कैटेगरी के थे. एल-2 कैटेगरी के दोनों लाइसेंस वर्तमान में सस्पेंड है, जबकि एल-5 वाला लाइसेंस एक्टिव है. ए-5 लाइसेंस में फैक्ट्री मालिक 300 किलोग्राम विस्फोटक रख सकता है. ए-2 लाइसेंस में 15 किलोग्राम विस्फोटक रख सकता है. ए-5 लाइसेंस भोपाल से मिलता है, जबकि एल-2 स्थानीय स्तर पर मिल सकता है.

जानकारी के मुताबिक, राजेश और सोमेश अग्रवाल 15 साल पहले तक पटाखे की छोटी दुकान चलाते थे. इसके बाद पटाखे बनाने का काम शुरू किया था. फिर देखते ही देखते एक के बाद एक पांच फैक्ट्री खड़ी कर दी. जिस इमारत में विस्फोट हुआ है, वहां कुल तीन फ्लोर थे. इनमें ग्राउंड पर पटाखे बनाने का काम होता था. साल 2023 में यहां जीएसटी का छापा पड़ा था. इस दौरान फैक्ट्री को सील भी किया गया था.

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अग्रवाल ब्रदर्स की हरदा शहर में तीन मंजिला आलीशान इमारत भी है. इसमें दोनों भाई अपने परिवार के साथ रहते हैं. फैक्ट्री में हुए धमाके के बाद से अग्रवाल फैमिली फरार है. प्रशासन की तरफ से लापरवाही का आलम ये है कि तफ्तीश के लिए अब तक आरोपी के घर को सील तक नहीं किया गया है. परिवारवाले जो ताला लगाकर गए हैं, उसी से घर लॉक है. पड़ोसियों का कहना है कि घर के अंदर भी पटाखे हैं. 

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