नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में 30 साल की सजा मिलने के बाद तिहाड़ मे बंद विकास यादव ने दिल्ली हाई कोर्ट मे पैरोल के लिए याचिका लगाई है. विकास की पैरोल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से दो हफ्ते में अपना फैसला लेने का निर्देश दिया है.
विकास के वकीलों ने हाई कोर्ट मे अपना पक्ष रखते हुए कहा कि विकास ने दिल्ली सरकार के पास पैरोल के लिए आवेदन किया था. लेकिन सरकार उस पर कोई भी निर्णय नहीं ले रही. उनके मुवक्किल पिछले 14 वर्ष से जेल में है. नियमों के तहत उन्हें सामन्य जीवन जीने के लिए पैरोल दी जानी चाहिए.
वकीलों ने कहा कि विकास के अपने सामाजिक दायित्व हैं. उनकी मां बीमार हैं. पिता डी पी यादव जेल में है. इस पर दिल्ली पुलिस ने कोर्ट मे अपना पक्ष रखते हुए साफ़ किया कि विकास ने हर समय तय नियमों का उल्लंघन किया है. उसके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया है.
पुलिस ने कहा कि उसके सुधार की कोई आशा नहीं है, इसलिए एलजी पहले ही पैरोल आवेदन को रद्द कर चुके हैं. सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता नीलम कटारा ने कहा कि दोषी ने कानून प्रक्रिया का उल्लंघन किया है. उसके आवेदन पर निर्णय लेने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए.
हाई कोर्ट ने कहा कि विकास का पैरोल के लिए आवेदन सरकार के पास लंबित है. ऐसे में सुनवाई नहीं की जा सकती. तय नियमों के तहत पहले सरकार अपना निर्णय ले. ऐसे में वे सरकार को दो सप्ताह में आवेदन पर निर्णय लेने का निर्देश देते हैं.
बताते चलें कि नीतीश कटारा की गाजियाबाद में एक विवाह समारोह से अपहरण कर 17 फरवरी 2002 को हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने पूर्व सांसद डीपी यादव के बेटे विकास यादव, विशाल यादव और उनके दोस्त सुखदेव पहलवान को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया था.