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हिट एंड रन: इन दलीलों ने सलमान खान को दिलाई राहत, हाईकोर्ट से मिली बेल

सलमान की जिंदगी का शायद ये सबसे अलग जुम्मा था. इस जुम्मे में सस्पेंस था. सस्पेंस इस बात को लेकर की क्या सलमान को जमानत मिलेगी या नहीं. लेकिन इस सस्पेंस में ड्रामा उस वक्त जुड़ गया जब सलमान के एक फैन ने हाईकोर्ट में खुदकुशी करने की कोशिश की.

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सलमान खान
सलमान खान

सलमान की जिंदगी का शायद ये सबसे अलग जुम्मा था. इस जुम्मे में सस्पेंस था. सस्पेंस इस बात को लेकर की क्या सलमान को जमानत मिलेगी या नहीं. लेकिन इस सस्पेंस में ड्रामा उस वक्त जुड़ गया जब सलमान के एक फैन ने हाईकोर्ट में खुदकुशी करने की कोशिश की.

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दरअसल सलमान खान की असल जिंदगी में पिछले 13 साल से चल रही एक क्राइम सस्पेंस थ्रिलर स्टोरी एक अजब मुकाम पर आकर रुक गई है. 27 सितंबर 2002 की देर रात को अमेरिकन बेकरी के बाहर हुए हिट एंड रन केस में उन्हें 6 मई को मुबई के सेशंन कोर्ट ने 13 साल बाद 5 साल जेल की सजा सुनाई थी. लेकिन 8 मई को बॉम्बे हाईकोर्ट में उनकी जमानत की अपील की सुनवाई के बाद जज ए एम थिप्से ने सलमान को मिली सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें जमानत दे दी.

कोर्ट की इस बहस में हुई सलमान खान की जीत...
अदालत में करीब 11:15 बजे सलमान खान की जमानत केस की कार्रवाई शुरू हुई और जज ने पहले सलमान खान की पैरवी कर रहे वकील अमित देसाई को अपनी दलील रखने के लिए कहा. इसपर सलमान के वकील अमित देसाई ने उन्हें बताया कि गाड़ी में 4 लोग मौजूद थे- सलमान खान, कमाल खान, रवींद्र पाटिल और सलमान का ड्राइवर अशोक सिंह. देसाई ने कहा, 'लेकिन पुलिस ने जानबूझ कर इस तत्थ को छिपाया .'

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अपनी दलील को आगे बढ़ाते हुए देसाई ने कहा कि कि रवींद्र पाटिल ने एक अखबार को दिए एक इंटरव्यू में गाड़ी में 4 लोगों के बैठे होने की बात कही थी. पुलिस ने उसकी भी जांच नहीं की.मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने भी गाड़ी में तीन से ज्यादा लोगों के होने की बात कही थी.'

जज एएम थिप्से: सलमान पर गैर इरादतन कत्ल की धारा 304 (2) कब लगी?
सलमान के वकील: अगर ये गैर इरादतन हत्या का मामला होता था तो अभियोजन पक्ष या पुलिस ने ये धारा पहले क्यों नहीं लगाई. सलमान खान के वकील अनिल देसाई ने दलील दी, 'हमारे मुवक्किल को अमेरिकन बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे लोगों के बारे में पहले से मालूम नहीं था. तो उन पर गैर इरादतन हत्या की धारा कैसे लगाई जा सकती है?'

अपनी दलील में सलमान के वकील अमित देसाई ने कहा कि सलमान पर ओवर स्पीडिंग का झूठा इल्जाम है. अगर वो ओवर स्पीडिंग कर रहे होते तो जेडब्ल्यू मैरियट से अमेरिकन बेकरी तक जाने में 10 मिनट लगते.लेकिन सरकारी वकील के मुताबिक वो 30 मिनट में मौका-ए-वारदात तक पहुंचे थे.उन्होंने कहा कि इस मामले में सलमान को फंसाया जा रहा है.

जज: अभियोजन पक्ष सलमान खान की बेल का विरोध क्यों कर रहा है?
सरकारी वकील: सलमान को 5 साल की सजा हुई है लिहाजा उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए. वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष रवींद्र पाटिल के पहले बयान को ही सही मानता है जिसमें उसने सलमान खान को नशे की हालत में गाड़ी चलाने की बात कही थी. इसके साथ ही जब सलमान के खून की जांच की गई थी तो उसमें शराब पाई गई थी. उस लैंड क्रूजर के मलिक सलमान ही हैं. इसके बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि कमाल खान एक ब्रिटिश नागरिक हैं और वो हादसे के बाद मौका-ए-वारदात से सलमान के साथ भाग गए थे और बाद में भारत छोड़ गए थे. इसलिए अभियोजन पक्ष उनका क्रास एग्जामिनेशन नहीं कर पाया.

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जज का फैसला: अपना फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि वो सलमान को जमानत देते हैं .लेकिन उन्हें शुक्रवार को ही सेशन कोर्ट जाकर कर तीस हजार रुपये का एक नया बेल बॉन्ड भरना पड़ेगा. जिसके बाद उन्हें बेल मिल जाएगी.

जमानत मिलते ही सलमान खान ने किया सरेंडर
सलमान को जैसे ही उनको जमानत मिलने की खबर मिली वो घर से निकल कर सीधे अपने वकील के दफ्तर पहुंचे. जमानत की कागजी कार्रवाई पूरी की गई और सलमान अपने चंद दोस्तों के साथ सीधे कोर्ट रूम पहुंचे. उन्होंने खुद को सरेंडर किया. इसके बाद 30 हजार रुपये का बेल बॉन्ड भरा. कागजी कार्रवाई पूरी की और फिर वहां से घर के लिए निकल गए.

6 मई को कोर्ट ने सुनाई थी पांच साल जेल की सजा
6 मई को दोपहर 1:30 में बॉम्बे सिटी और सिविल सेशंस कोर्ट के सेशन जज डी डब्ल्यू देशपांडे नेसलमान और उनके वकीलों की तमाम दलीलों को दरकिनार करते हुए उन्हें अमेरिकन बेकरी हिट एंड रन केस का मुजरिम मानते हुए 5 साल जेल की और 25 हजार रुपये के जुर्माने का फैसला सुनाया था.

लेकिन दोपहर 3: 30 पर बॉम्बे हाईकोर्ट मे उनकी तरफ से अपील की गई और शाम 04:50 मिनट पर उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. लेकिन ये अंतरिम जमानत उन्हें सिर्फ दो दिन के लिए ही मिली थी.

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