पूरी दुनिया इस वक्त ठंड से कांप रही है. पहाड़ी इलाकों में बर्फ और मैदानी इलाकों में बर्फीली हवाएं लोगों को घरों में कैद किए हुए हैं. क्या हिंदुस्तान, क्या अमेरिका और क्या रूस. यूरोप से लेकर चीन तक. हर तरफ सफेद बर्फ की चादर सी जी हुई है. जब आधी दुनिया में इंसान का खून जमा हुआ है. तब माइनस 35 डिग्री में नंगे बदन एक शख्स निकला है बर्फ को रौंदने के लिए. हम दावे के साथ कह सकते हैं कि दुनिया के इस आठवें अजूबे को देखने के बाद आप भी हैरान होंगे.
आइसमैन का कारनामा
ठंड उससे कांपती है. सर्दी उससे थर्राती है. बर्फ उसे देखकर पिघल जाती है. क्योंकि वो है ठंड का सबसे बड़ा दुश्मन. कभी है ये नंगे पांव, नंगे बदन बर्फ पर मीलों तक दौड़ता है. कभी ये खून जमाने वाले बर्फीले पानी में मछली की तरह तैरता है. कभी ये कपड़े उतार कर माउंट एवरेस्ट की बर्फीली चोटी को फतह करने निकल जाता है. कभी बर्फ से भरे टब में घंटों तक बैठा रहता है. तभी तो पूरी दुनिया में कोई इसे कहता है आइसमैन. तो कोई कहता है हिमपुत्र. तो किसी ने इसे नाम दिया है बर्फीला.
सदियों पुराना हठयोग या कुछ और..
दुनिया में जो भी इस आठवें के अजूबे के कारनामों को देखता है और सुनता है वो ठीक उसी तरह हैरान हो जाता है जैसा इस वक्त आप हो रहे होंगे. इस बर्फीले को देखकर हर किसी के ज़ेहन में यही सवाल उठता है कि किसी भी इंसान के लिए ये असंभव है. लेकिन वो क्या है जिसकी बदौलत इस आइसमैन ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है. कहीं वो हिंदुस्तान का सदियों पुराना हठयोग तो नहीं. बर्फ से जंग लड़ने से पहले आखिर ये क्यों करता है योग. ये बर्फ पर बैठ कर क्यों लगाता है पदमासन. क्या इस योग को सीखकर आप और हम भी दे सकते हैं इस कड़कड़ाती ठंड को मात.
बर्फीली ठंड को देता है मात
हम दावे के साथ कह सकते हैं कि दुनिया के इस आठवें अजूबे को देखने के बाद आप भी हैरान होंगे. आप जानना चाहते होंगे कि आखिर ये हिमपुत्र कैसे इस कड़कड़ाती बर्फीली ठंड को मात दे रहा है. इसका राज़ ज़रुर खुलेगा लेकिन पहले जान लीजिए कैसे इस बर्फ बहादुर ने पूरे 21 किलोमीटर तक अपने नंगे पैरों से बर्फ को रौंदा.
हॉलैंड के रहने वाले हैं विम हॉफ
इसके कई नाम हैं हिम पुत्र, बर्फीला, आइसमैन. लेकिन इसकी कहानी सुनने से पहले जान लीजिए इसका असली नाम.. इसका नाम है विम हॉफ. हॉलैंड के रहने वाले विम हॉफ की कठोर ज़िंदगी का एक ही मकसद है और वो है ठंड पर जीत. ये इंसान जब भी बर्फ में निकलता है एक रिकार्ड बनता है. लोगों को भले ही इसका नाम सुनते ही सर्दी लगने लगे. मगर ये बर्फ में वो-वो कारनामें करता है जिसे करना तो दूर. सुनकर ही लोगों खून जमने लगता है.
माइनस 35 डिग्री में लगाई नंगे बदन दौड़
जहां रज़ाई ओढ़ के भी दौड़ना मुश्किल हो वहां ये ये नंगे बदन, नंगे पैर दौड़ता है. दुनिया के सबसे ठंडे देशों में से एक फिनलैंड और इस वक्त यहां का तापमान है माइनस 35 डिग्री. फिनलैंड के पोलर सर्किल में विम हॉफ ने 21 किलोमीटर तक नंगे बदन और नंगे पैर दौड़कर पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया.
बर्फ पर नंगे पांव दौड़ता है आइसमैन
जब ठंड के मारे होठ सूख के नीले पड़ जाते हैं. जब बर्फीली हवाएं नश्तर बनकर जिस्म में चुभने लगती है. तब ये इंसान सिर्फ इस हॉफ पैंट में निकलता है. बर्फ की इस 5-5 इंच मोटी चादर को अपने नंगे पैरों से रौंदता हुआ दौड़ता है. जब बर्फ पेड़ों और पहाड़ों को ढंक लेती है. जब हर तरफ बर्फ ही बर्फ नज़र आती है. जब जानवर भी अपनी मांद से बाहर निकलने से घबराते हैं. तब ये आइसमैन निकलता है और वो भी एक दो घंटे के लिए नहीं बल्कि कई घंटों तक ये ऐसे ही लगातार दौड़ता रहता है.
पोलर सर्किल में लगाई मैराथन दौड़
फिनलैंड के पोलर सर्किल में 21 किलोमीटर तक नंगे बदन दौड़ने में विम हॉफ को पूरे 5 घंटे और 25 मिनट लगे थे. ये वो विश्व रिकॉर्ड है जिसे तोड़ने का सपना देखने से पहले बड़े बड़े सूरमाओं का कलेजा ठंडा पड़ जाता है. फिनलैंड के पोलर सर्किल में विम हॉफ की मैराथन दौड़ उनकी क्षमता का ही नमूना नहीं बल्कि ये उनके आत्म विश्वास और मानसिक शक्ति के दम पर मुमकिन हो पाया है. जो लोग विम को जानते हैं वो बताते हैं कि विम ज़िद्दी हैं. एक बार जो ठान लेते हैं उसे कर के ही मानते हैं.
बिना ट्रेनिंग के किए कई कारनामे
अब ये बर्फ से विम की दोस्ती कहिये या दुश्मनी लेकिन वो मुकाबला करते हैं तो सिर्फ और सिर्फ बर्फ से. मेडिकल साइंस कहता है कि बिना प्रैक्टिस के ये संभव नहीं. लेकिन असल में विम की इस मैराथन के पीछे कोई ट्रेनिंग नहीं बल्कि उनकी सोच है. मेडिकल साइंस कहता है कि हॉलैंड का ये हठयोगी जिस तरह की आर्कटिक कंडीशन में दौड़ रहा है उसमें किसी भी आम इंसान की मौत हो सकती है. लेकिन बर्फ में आते ही न जाने इस इंसान के शरीर में कौन सी ऐसी ताक़त आ जाती है जो इससे ये अविश्सनीय, अकल्पनीय और असंभव सा काम करवाती है.
बर्फ का दुश्मन है विम कॉफदुनियाभर के डॉक्टर इस बात से परेशान है कि आखिर इस इंसान के जिस्म में ऐसा क्या है जो कड़कड़ाती ठंड को भी घंटों झेल जाता है. ये दुनिया का ऐसा अनोखा इंसान है जो बर्फ का दुश्मन नंबर एक है. हमेशा से इसका पहला मक़सद है ठंड से जंग करना.
आइसमैन का जुनून
इस आइसमैन को कोई जुनूनी कहता है तो कोई सनकी. लेकिन इसे कोई फर्क नहीं पड़ता. कभी ये नंगे बदन ऐवरेस्ट को रौंदने निकल जाता है तो कभी बर्फ से भरे कंटेनर में सबसे लंबे वक्त तक रहकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाता है. बर्फ को हराने के लिए इसका जूनून किसी भी हद को पार कर सकता है. बर्फ को हरा कर ये पूरे नौ बार विश्व रिकार्ड बना चुका है.
बर्फ में रिकॉर्ड बनाना विम हॉफ की फितरत
विम हॉफ ऐसे ऐसे रिकार्ड बना चुके हैं जो हैरान करने वाले हैं. सिर्फ लोगों के लिए ही नहीं बल्कि मेडिकल साइंस के लिए भी. जानते हैं नंगे बदन विम हॉफ किस पहाड़ पर चढ़े थे. विम हॉफ निकले थे माउंट एवरेस्ट पर फतह करने के लिए. इस आइसमैन के जिस्म पर सिर्फ हॉफ पैंट है. आज से पहले किसी ने एवरेस्ट की बर्फीली चोटी पर इस तरह चढ़ने की कोशिश नहीं की.
एवरेस्ट की बर्फीली चोटी पर नंगे बदन चढ़ेंगे विम
विम हॉफ एवरेस्ट पर दौड़ते जा रहे थे और उनकी आंखों में साफ दिख रही थी एवरेस्ट की चोटी. जहां एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोही उपर से लेकर नीचे तक पैक हो कर जाते हैं. लेकिन विम हाफ का 70 फीसदी शरीर खुला हुआ था. लेकिन ऐवरेस्ट में विम हॉफ के पैरों ने उन्हें धोखा दे दिया. और एवरेस्ट के सफर के बीच में ही उन्हें वापस लौटना पड़ा. लेकिन विम के हौंसले में कोई कमी नहीं आई है. वो ऐवरेस्ट की बर्फीली चोटी पर बिना कपड़ों के चढ़ने की अपनी ज़िद पर अब भी कायम हैं.
बर्फीले पानी में 73 मिनट
विम हॉफ भले ही एक बार बर्फीले ऐवरेस्ट से हार गए हों लेकिन उन्होने हर बार दी है बर्फ को शिकस्त. जिस बर्फ में एक मिनट भी खड़े होना मुश्किल है, उसमें विम पूरे 72 मिनट तक पैर से लेकर गर्दन तक डूबे रहे. देखिए कैसे शीशे के इस जार में ये इंसान बर्फ के ये क्यूब्स डालता जा रहा है. और यहां खड़े विम मुस्कुरा रहे है. जैसे इनके शरीर को इस बर्फ में कोई दिक्कत ही नहीं हो रही है.
विम के इस रिकार्ड को तोड़ना नामुमकिन
विम के कारनामे को देखने आया हज़ारों का मजमा आइसमैन-आइसमैन कहकर विम का हौसला बढ़ा रहा है. और पूरे 72 मिनट के बाद विम एक और रिकार्ड बनाकर बाहर निकल आए. ये विम का वो वर्ल्ड रिकार्ड है जिसे तोड़ने का सपना देखना किसी के लिए भी नामुमकिन है. सिर्फ बर्फ में खड़े होना या दौड़ना ही नहीं. विम फ्रीज़र की जमा देने वाली ठंडक में भी बड़े ही आसानी से घंटों खड़े हो जाते हैं. आप यहां बताना ज़रूरी हो जाता है कि जिस फ्रीज़र में विम इस वक़्त खड़े हुए हैं वहां तापमान है माइनस 25 डिग्री. ये सिर्फ खतरनाक नहीं बल्कि जानलेवा है.
बर्फ बहादुर का जमा देने वाला कारनामा
लेकिन बर्फीले खतरों से खेलना विम हॉफ का शगल है. जब तक विम के जिस्म में ताकत है बर्फ और सर्दी यू हीं हारती रहेगी. और हो सकता है हारने की अगली बारी माउंट ऐवरेस्ट की हो. आइसमैन विम हॉफ बनाने वाले हैं एक बहुत बड़ा वर्ल्ड रिकॉर्ड. ये आइसमैन जिस बर्फ पर इस वक्त दौड़ रहा है. वो कोई ज़मीन नहीं बल्कि एक जमी हुई झील है. बर्फ की इस मोटी परत के नीचे हैं एकदम कड़कड़ाता ठंडा पानी. आइसमैन ने उस पानी में तैरने का रिकॉर्ड बनाने की ठानी.
बर्फ से ही करता है मालिश
बर्फ को शिकस्त देने से पहले आइसमैन खुद को तैयार किया. उसने सबसे पहले बर्फीले पानी में नंगे बदन डुबकी लगाई और फिर लेट गया बर्फ के गड्डे में. जिस बर्फ को छूकर इंसान को करंट लगता है उस बर्फ से ये अपने जिस्म पर मालिश कर रहा था. आने वाली मुश्किल का सामना करने के लिए विम हॉफ ने पानी में एक और डुबकी लगाई. अपने शरीर के तापमान को बरकरार रखने के लिए आइसमैन कार में बंद हो गया और ध्यान लगाया.
बना डाले हैं कई वर्ल्ड रिकॉर्ड
इस बीच गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम तैयार थी. झील बर्फ को काटा गया. तैयार किया जा रहा झील में उतरने का वो रास्ता जो विम हॉफ के लिए मौत की मंज़िल भी बन सकता था. विम हॉफ ने चश्मा पहना और नंगे बदन उतर गए पानी में. पहले आइसमैन ने एक गहरी सांस ली और लगा दी डुबकी. खून जमा देने वाले पानी में ये बर्फ बहादुर किसी मछली की तरह तैर रहा था. महसूस कीजिए इतने सर्द पानी में अगर आप होते तो आपका क्या अंजाम होता. वो ऐसा पानी है जिसे हाथ लगाने से ही करंट लग जाता है उसमें बर्फ बहादुर नंगे जिस्म तैर रहा था. तब कुछ भी हो सकता था. आइसमैन की जान भी जा सकती थी. लेकिन बर्फ और ज़िंदगी की जंग जारी है.
जम गया था खून
पांच मीटर. दस मीटर. बीस मीटर. पचास मीटर और पूरे 57 मीटर. आइसमैन विम हॉफ ने बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड. रिकॉर्ड बनाने के बाद आइसमैन जब बाहर निकले तो उनका पूरा शरीर सुन्न पड़ गया. खून जम चुका है और सांसें उखड़ रही हैं. उन्हे दोनों हाथों से पकड़ कर झील से बाहर निकाला गया. माना बर्फ बहादुर जाबांज हैं लेकिन है तो इंसान ही. लेकिन सिर्फ तीन मिनट बाद ही आइसमैन एक दम सामन्य हो गए. जैसे कुछ हुआ ही ना हो. और इसी के साथ इस वीर की छाती पर टंग गया एक और तमगा.