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बीवी का कत्ल, लाश के टुकड़े और प्रेशर कुकर का इस्तेमाल... दिल दहला देगी रिटायर्ड फौजी की ये खौफनाक करतूत

हैदराबाद के मीरपेट इलाके का एक मकान चर्चाओं में है. खासकर उस मकान का वो किचन, जिसमें बिखरे बर्तनों के बीच रखा एक बड़ा सा प्रेशर कुकर देखकर कौन कह सकता है कि उस साफ सूथरे कुकर में अब से चंद रोज़ पहले एक इंसान के जिस्म के टुकड़ों को उबाला गया था.

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गुरुमूर्ति ने अपनी पत्नी की लाश के टुकड़े कुकर में उबाले थे
गुरुमूर्ति ने अपनी पत्नी की लाश के टुकड़े कुकर में उबाले थे

Hyderabad Madhvi Murder Case: एक रिटायर्ड फौजी अपनी बीवी का कत्ल करता है. मगर कत्ल करने के बाद उसे समझ नहीं आता कि लाश को ठिकाने कैसे लगाए? तभी उसे एक खौफनाक आइडिया आता है. वो अपनी बीवी की लाश के छोटे-छोटे टुकड़े करता है. फिर उन टुकड़ों को बारी बारी से घर के किचन में रखे प्रेशर कुकर में उबालता है. अगले 72 घंटों तक वो ऐसा ही करता रहता है. इसके बाद वो इंसानी जिस्म के उबले हुए उन टुकड़ों को एक लेक में ले जाकर फेंक देता है. इसके बाद की कहानी और भी ज्यादा हैरान करने वाली है.

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लाश के टुकड़ों को कुकर में उबाला
हैदराबाद के मीरपेट इलाके का एक मकान चर्चाओं में है. खासकर उस मकान का वो किचन, जिसमें बिखरे बर्तनों के बीच रखा एक बड़ा सा प्रेशर कुकर देखकर कौन कह सकता है कि उस साफ सूथरे कुकर में अब से चंद रोज़ पहले खुद उसी महिला के शरीर के टुकड़ों को उबाला गया, जो कल तक खुद इस कुकर में खाना पकाया करती थी.

वारदात ने सकते में डाला
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के उस मकान से सामने आई यकीन न आने वाली इस कहानी ने अब हर किसी को सकते में डाल दिया है. ख़ौफ और जिज्ञासा से भरे लोग इस मकान को देखने आ रहे हैं. और इसी के साथ हैदराबाद के मीरपेट थाने की पुलिस इस भयानक वारदात के सुराग तलाशने में जुटी है. एक ऐसा क़त्ल जिसने दिल्ली के श्रद्धा वाल्कर मर्डर केस और मुंबई के सरस्वती मर्डर केस की यादें फिर से ताजा करा दी हैं.

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16 जनवरी को गायब हो गई थी माधवी
इस मकान में रहने वाली 35 साल की हाउसवाइफ पी वेंकटा माधवी पिछले 16 जनवरी को गायब हो गई. मूल रूप से आंध्र प्रदेश के नांदयाल की रहने वाली माधवी की शादी 13 साल पहले गुरुमूर्ती से हुई थी. गुरुमूर्ति आंध्र प्रदेश के ही प्रकाशम जिले का रहने वाला है. 45 साल के गुरुमूर्ति ने पहले एक फौजी के तौर पर इंडियन आर्मी में काम किया और फिर वहां से रिटायर होने के बाद उसने अपने बीवी बच्चों के साथ हैदराबाद में सेटल हो गया. 

DRDO में सिक्योरिटी गार्ड था गुरुमूर्ति
गुरुमूर्ति इन दिनों डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी डीआरडीओ के कंचन बाग सेंटर में एक सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम किया करता था. माधवी और गुरुमूर्ति को दो बच्चे भी हैं. यानी देखा जाए तो दोनों की जिंदगी खुशहाल थी. लेकिन सबकुछ अच्छा होने के बावजूद 16 जनवरी को माधवी अचानक अपने घर से गायब हो गई. माधवी फोन पर अक्सर अपने माता-पिता और रिश्तेदारों से बात किया करती थी, लेकिन 16 जनवरी को वो अपने घर से गायब क्या हुई, उसका मोबाइल फोन भी स्विच्ड ऑफ हो गया. 

बेटी की तलाश में हैदराबाद पहुंचे माधवी के घरवाले
उधर, नांदयाल में उसके माता-पिता अपनी बेटी के गायब हो जाने से काफी परेशान हो गए. उन्होंने अपने दामाद गुरुमूर्ति से माधवी के बारे में पूछा, लेकिन गुरुमूर्ति ने उन्हें जवाब दिया कि उसका और माधवी का झगड़ा हो गया था, जिसके बाद वो घर से निकल गई है. इससे माधवी के माता-पिता हैरान हो गए. वो लगातार गुरुमूर्ति से माधवी की गुमशुदगी को लेकर सवाल-जवाब करते रहे और आखिरकार दो दिन बाद 18 जनवरी को अपनी बेटी की तलाश में हैदराबाद की वेंकटेश्वरा नगर कॉलोनी पहुंचे. 

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दर्ज कराई गुमशुदगी की रिपोर्ट 
वहां उन्होंने अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने का फैसला किया. हैदराबाद आने के बाद पहले उन्होंने अपने दामाद से बात की और फिर तीनों मिल कर माधवी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने मीरपेट थाने पहुंचे. वैसे रिपोर्ट बेशक माधवी के माता-पिता और पति ने साथ मिल कर दर्ज करवाई हो, लेकिन सच्चाई यही थी कि आखिरी बार अगर किसी ने माधवी को देखा था, तो वो उसका पति गुरुमूर्ति ही था, क्योंकि माधवी अपने पति के घर से ही गायब हुई थी. ऐसे में पुलिस ने माधवी के माता-पिता से सवाल जवाब करने के साथ-साथ गुरुमूर्ति से भी पूछताछ करने का फैसला किया. 

पत्नी को मायके नहीं भेजना चाहता था गुरुमूर्ति
गुरुमूर्ति ने पुलिस को बताया कि 16 जनवरी के दिन माधवी मकर संक्रांति की छुट्टियों में अपने घर नांदयाल जाना चाहती थी. वैसे तो मकर संक्रांति बेशक 14 जनवरी को मनाई गई, लेकिन दक्षिण भारत में ये पोंगल के तौर पर 4 से 7 दिनों तक मनाई जाती है. गुरुमूर्ति ने कहा कि वो नहीं चाहता था कि इस बार उसकी पत्नी मकर संक्रांति के मौके पर अपने घर जाए और बस इसी बात को लेकर उसकी माधवी से कहासुनी हुई और माधवी गुस्से में आकर घर से बाहर निकल गई.

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गुरुमूर्ति से पूछताछ करने का फैसला
हालांकि बीवी के घर छोड़ कर चले जाने के बारे में उसका अपनी तरफ से उसके घर वालों कुछ न बताना और खुद भी उसे दो दिनों तक ढूंढने की कोशिश ना करना पुलिस को हैरान कर रहा था. ऐसे में पुलिस ने फिर से माधवी की गुमशुदगी को लेकर गुरुमूर्ति से पूछताछ करने का फैसला किया और इस बार पूछताछ में गुरुमूर्ति ने जो कुछ कहा, उसे सुनकर खुद पुलिस का भी दिमाग घूम गया. गुरुमूर्ति ने कहा कि उसने अपनी बीवी की हत्या कर दी है. और ना सिर्फ हत्या कर दी है, बल्कि हत्या करने के बाद उसकी लाश को भी ठिकाने लगा दिया है.

वारदात के वक्त घर पर नहीं थे बच्चे
अब सवाल ये था कि आखिर गुरुमूर्ति ने महज चंद दिनों के अंदर ऐसा क्या किया कि माधवी की पूरी की पूरी लाश ही ठिकाने लगा दी? तो गुरुमूर्ति ने इसका भी जवाब दिया. पुलिस सूत्रों की मानें तो गुरुमूर्ति ने ये बताया कि 16 जनवरी को ही उसने पहले माधवी से हुए झगड़े के बाद उसकी जान ली और फिर उसकी लाश को टुकड़ों में काट डाला. जब ये वारदात हुई उनके दोनों बच्चे घर में नहीं थे. दोनों मकर संक्रांति की छुट्टियों में गुरुमूर्ति की बहन यानी अपने बुआ के घर गए थे. 

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पति ने सुनाई खौफनाक कहानी
गुरुमूर्ति अब एक रौंगटे खड़े करने वाली कहानी सुना रहा था. उसने बताया कि माधवी की जान लेने के बाद लाश को ठिकाने लगाना उसके लिए एक बड़ी चुनौती थी. जिसके चलते उसने पहले मकान के बाथरूम में माधवी की लाश के टुकड़े किए और फिर उन टुकड़ों को घर में रखे प्रेशर कुकर में उबालना शुरू कर दिया. जिससे उन्हें ठिकाने लगाने में सुविधा हो और लाश भी ना सड़े. इस काम में उसे 48 से 72 घंटों का वक़्त लगा. फिर उसने धीरे-धीरे लाश के टुकड़ों को अलग-अलग बैग में भरा और फिर उन्हें अपने घर के पास मौजूद जिल्लेलागुडा लेक में डाल दिया.

मूसल से तोड़कर बनाया हड्डियों का चूरा 
पूछताछ में गुरुमूर्ति ने बताया कि उसने शव के टुकड़े तो कर डाले, लेकिन हड्डियों की वजह से उन टुकड़ों को पैक करना मुश्किल हो रहा था. ऐसे में उसने मसाला पीसने वाले मूसल से पहले हड्डियों तोड़ा और उन्हें भी चूर-चूर कर जिस्म के बाकी हिस्सों के साथ बैग में भर लिया और फिर लेक में जाकर फेंक दिया. यानी गुरुमूर्ति ने पहले अपनी बीवी का क़त्ल किया, लाश के टुकड़े किए, टुकड़ों को प्रेशर कुकर में पकाया, हड्डियों को तोड़ा और उन्हें चूर-चूर किया और फिर उन्हें पानी में डाल दिया.

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मौका-ए-वारदात को गुरुमूर्ति ने कर दिया था साफ  
गुरुमूर्ति के इस खुलासे के बाद पुलिस हरकत में आ गई और वो गुरुमर्ति को उसके वेंकटेश्वरा नगर कॉलोनी वाले मकान में लेकर पहुंची, ताकि मकान की अच्छी तरह से तलाशी लेकर सबूत जुटाए जा सकें, लेकिन पुलिस ये देख कर हैरत में पड़ गई कि गुरुमूर्ति ने इतना सबकुछ करने के बाद पूरे मकान को इतनी अच्छी तरह साफ कर दिया है कि नंगी आंखों से खून के धब्बों का नजर आना भी तकरीबन नामुमकिन हो गया है. 

मकान की स्कैनिंग
ऐसे में अब पुलिस ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की मदद से उसके पूरे मकान की स्कैनिंग करने का फैसला किया है, ताकि अगर वहां लाश को ठिकाने लगाए जाने से पहले उसे टुकड़े करने और पकाए जाने की कोई घटना सचमुच हुई है, तो उसके सबूत जुटाए जा सकें. हालांकि पुलिस सूत्रों को सीसीटीवी फुटेज की सूरत में कुछ ऐसे तथ्य हाथ लगें, जो इस केस के रहस्य को और बढ़ा रहे हैं. 

पति ने सुनाई अलग कहानी
सूत्रों की मानें तो उसे गुरुमूर्ति की पत्नी माधवी के आखिरी बार इस मकान के अंदर जाने के फुटेज तो मिले हैं, लेकिन बाहर जाने की तस्वीरें नहीं मिली हैं. जबकि गुरुमूर्ति के अंदर आने-जाने की कई तस्वीरें मौजूद हैं. ऐसे में उसने अपनी पत्नी की हत्या को लेकर जो कहानी सुनाई है, उसके सही साबित होने का डर और बढ़ गया है.

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जिल्लेलागुडा लेक की तलाशी
पुलिस ने इस खुलासे के बाद हैदराबाद के जिल्लेलागुडा लेक की भी तलाशी ली. लेकिन पुलिस को वहां से भी मानव शरीर का ऐसा कोई टुकड़ा नहीं मिला, जिसका कनेक्शन माधवी के कत्ल से जुड़ सके. ऐसे में जानकार आशंका जता रहे हैं कि शायद गुरुमूर्ति ने टुकड़ों को बीच पानी में फेंका और वो टुकड़े मछलियों या फिर ऐसे ही दूसरे जलीय जीवों का निवाला बन गए. 

पुलिस मान रही है गुमशुदगी का मामला
जाहिर है, इस मामले में फिलहाल सबूत के नाम पर पुलिस के हाथ बिल्कुल खाली हैं. सिर्फ एक गुरुमूर्ति का बयान ही है, जिसने पुलिस वालों के साथ-साथ हर किसी के होश उड़ा दिए हैं, ऐसे में पुलिस फिलहाल इसे डिस्अपियरेंस यानी गुमशुदगी का मामला मान कर ही चल रही है, लेकिन अगर गुरुमूर्ति की सुनाई गई कहानी वाकई सही साबित होती है, तो ये एक और भयानक सच्चाई होगी.

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