'कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं, ज़िंदगी तू ने तो धोके पे दिया है धोका'... मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की ये पंक्तियां गुजरात काडर के आईएएस अफसर रंजीत कुमार जे की पत्नी सूर्या पर सटीक बैठती हैं. बीते दिनों सूर्या ने गांधीनगर स्थित अपने घर के बाहर जहर खाकर अपनी जान दे दी. वो घर के अंदर जाना चाहती थी, लेकिन सिक्योरिटी गार्ड ने मना कर दिया. अपने जीवन से हताश-निराश और परेशान महिला को जान देना, जीने से ज्यादा आसान लगा. सूर्या तो चली गई, लेकिन अपने पीछे भरे-पूरे परिवार के साथ कई कहानियां और सवाल छोड़ गई है.
पहला सवाल ये कि जिसका पति आईएएस अफसर हो, सूबे में अच्छे महकमे और पद पर कार्यरत हो, जिसके दो बच्चे हो, उसे आखिर खुदकुशी करने की क्या जरूरत पड़ गई? उसे अपने ही घर में घुसने से सिक्योरिटी गार्ड क्यों रोक रहा था? आखिर उसकी क्या गलती थी कि पति साथ नहीं दे रहा था? इन सभी सवालों के जवाब उस दिल झकझोर देने वाली कहानी में छिपे हैं, जो आज से आठ महीने पहले शुरू हुई थी. दरअसल, सूर्या और रंजीत के बीच आपसी संबंध ठीक नहीं था. आए दिन झगड़ा होता रहता था. रंजीत को उसके अवैध संबंधों के बारे में पता चल चुका था.
यही वजह है कि सूर्या एक दिन अपने पति का घर छोड़कर गुजरात से अपने गृह राज्य तमिलनाडु आ गई. वहां अपने प्रेमी राजा के साथ रहने लगी. उसका प्रेमी कोई सीधा साधा शख्स नहीं, बल्कि सूबे का सबसे कुख्यात गैंगस्टर है. हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर अपराधों में वांछित है. राजा ने सूर्या को झांसा दिया कि वो अपने पति को छोड़कर आ जाए. दोनों मिलकर कोई बिजनेस शुरू कर लेंगे. सूर्या के पास अच्छी खासी प्रॉपर्टी है, उसके प्रेमी की उस पर नजर थी. वो चहता था कि वो उसे बेंचकर उसे पैसे दे दे, जिससे वो कोई बिजनेस शुरू कर सके.
अभी दोनों बिजनेस की प्लानिंग कर ही रहे थे कि पुलिस ने हत्या के एक पुराने में राजा को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में एक अपराधी को अपने घर में शरण देने के आरोप में सूर्या के खिलाफ भी केस दर्ज कर दिया गया. वो पूरी तरह अकेली पड़ गई. कानूनी लड़ाई लड़ने और बिजनेस की तैयारियों में हुए खर्चों की वजह से उसे आर्थिक नुकसान सहना पड़ा था. इसकी भरपाई के लिए उसने अपनी कुछ संपत्ति संपत्ति लक्ष्मी नामक एक महिला को बेच दिया. इसके बाद वो बंगलुरु चली आई और वहां एक कॉलेज में शेफ बनने के लिए एक कोर्स में दाखिला ले लिया.
अपहरण केस में आया नाम, पुलिस ने शुरू की तलाश
इस दौरान जब पैसे कम पड़ने लगे तो उसने लक्ष्मी से कोर्स की फीस भरने में मदद करने का आग्रह किया, लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया. उल्टे उसने कहा कि यदि उसे पैसे चाहिए तो वो अपनी बची हुई संपत्ति भी उसे बेंच दे. इस पर सूर्या नाराज हो गई. इसी बीच 11 जुलाई को लक्ष्मी के लड़के का अपहरण हो गया. उसने इसका आरोप सूर्या पर लगाते हुए केस दर्ज करा दिया. बच्चे को छोड़ने के एवज में 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई, लेकिन मदुरै पुलिस ने लड़के को सकुशल बरामद कर लिया. इसके बाद पुलिस ने सूर्या समेत आरोपियों की तलाश शुरू कर दी.
जब विपत्ति में फंसी पत्नी तो पति का ख्याल आया
पुलिस से बचते हुए सूर्या इधर-उधर भागने लगी. विपत्ति के इस समय में आखिरकार उसे अपने परिवार और पति का ख्याल आया. उसे लगा कि उसका पति आईएएस अफसर है, शायद वो उसे इन कानूनी पचड़ों में पड़ने से बचा ले. यहीं सोचकर वो गांधीनगर स्थित अपने घर पहुंच गई. लेकिन इधर पति ने तो कुछ दूसरा ही प्लान कर लिया था. वो अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए तलाक लेने की सोच चुके थे. तलाक की याचिका दायर करने की प्रक्रिया में थे. उनको सूर्या के खिलाफ दर्ज केस का भी पता चल चुका था. यही वजह है कि गार्ड ने घर में जाने से रोक दिया.
दुनिया ने दिया धोखा, पति से माफी मांगने पहुंची
अब अपनी समस्याओं का कोई अंत न देखकर सूर्या ने घर के बाहर ही जहर खा लिया. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. इस मामले की जांच कर रही पुलिस को एक पत्र मिला, जिसे सूर्या ने लिखा था. उसने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को संबोधित इस पत्र को तमिल में लिखा है, जिसमें उसने अपनी सारी कहानी कही है. पति से अलगाव से लेकर प्रेमी से मिले धोखे तक की बातें दर्ज हैं. उसने लिखा है कि वो अपने पति से माफी मांगने आई थी, जो एक नेक इंसान हैं और अपने बच्चों की अच्छे से देखभाल करते हैं.
20 साल पहले हुई थी शादी, दो बच्चों की थी मां
गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रवि तेजा वासमसेट्टी ने बताया कि सूर्या फरार चल रही थी. पुलिस उसका पीछा कर रही थी. वो अपने पति से फिर से मिलने की उम्मीद में गांधीनगर वापस आई थी. आईएएस रंजीत कुमार और उस की शादी करीब 20 साल पहले हुई थी. उनके दो बच्चे, एक बेटा और बेटी है, जो अपने पिता के साथ रहते हैं. रंजीत कुमार के वकील हितेश गुप्ता ने कहा कि जब सूर्या वापस आई, तब आईएएस अधिकारी तलाक की याचिका दायर करने की प्रक्रिया में थे. वो 2005 बैच के अधिकारी हैं. वर्तमान में गुजरात विद्युत विनियामक आयोग के सचिव हैं.
खुद पति को दिया धोखा, जिंदगी बार ठगती रही
सूर्या की कहानी से कई सीख और सबक मिलते हैं. उसने एक पाक रिश्ते में धोखा दिया और गैर मर्द पर भरोसा करके उसके साथ रहने चली आई. अपनों से धोखा और गैरों पर भरोसा करके उसने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती कर डाली. उसके प्रेमी ने पहले पैसे ऐंठना चाहा, फिर बिजनेस के नाम पर उसकी संपत्ति बिकवा दी. वो उसके साथ प्यार का नाटक करता रहा, जबकि वो पहले से लक्ष्मी के साथ था. दोनों से धोखे से उसकी संपत्ति ले ली. इसके बाद जब उसने अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करना चाहा, तो अपहरण के केस में नाम आया गया. उसे कहीं सुकून नहीं मिला.