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बंधकों की रिहाई के बाद इजरायली सेना की दहाड़, IDF चीफ बोले- हमास का विनाश करके दम लेंगे

हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम के तीन दिन बीत चुके हैं. इस दौरान हमास ने 41 बंधकों को अपने चंगुल से रिहा किया है. दूसरी तरफ इजरायली सेना ने कहा है कि गाजा में उसकी कार्रवाई भले ही कुछ दिनों के लिए थम गई हो, लेकिन रुकने वाली नहीं है. आईडीएफ प्रमुख ने कहा कि हमास का विनाश करके ही हम दम लेंगे.

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हमास ने 41 बंधकों को 50 दिनों के बाद अपनी चंगुल से रिहा किया है.
हमास ने 41 बंधकों को 50 दिनों के बाद अपनी चंगुल से रिहा किया है.

हमास और इजरायल के बीच चार दिवसीय युद्ध विराम में महज एक दिन बचा हुआ है. बीते तीन दिन में हमास ने 41 बंधकों को 50 दिनों के बाद अपनी चंगुल से रिहा किया है. इनमें इजरायली महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और चार विदेशी नागरिक शामिल हैं. इसी बीच इजरायली डिफेंस फोर्सेस के प्रमुख एलटीजी हर्ज़ी हलेवी ने कहा है कि हमास के खिलाफ गाजा में उसकी कार्रवाई भले ही कुछ दिनों के लिए थम गई हो, लेकिन रुकने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि हमास का विनाश करके ही हम दम लेंगे.

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आईडीएफ के सैनिकों और कमांडरों को संबोधित करते हुए एलटीजी हर्ज़ी हलेवी ने कहा, ''हमने इस युद्ध विराम के दौरान बंधक बनाए गए बच्चों और महिलाओं के पहले समूह की रिहाई के लिए रूपरेखा तैयार की है. जब ये पूरी हो जाएगी, तो हम बंधकों की निरंतर रिहाई और हमास के पूर्ण विनाश के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपने अभियानों में लौट जाएंगे.'' जनरल हलेवी का ये बयान जताता है कि इजरायल के इरादे मजबूत हैं. वो किसी भी हाल में 7 अक्टूबर को हुए हमले को भूलना नहीं चाहता है.

हमास ने इजरायली बंधकों के दूसरे जत्थे की रिहाई का वीडियो जारी किया. इस वीडियो में हमास के आतंकी बंधकों को रेड क्रॉस को सौंपते नजर आए. 13 इजरायलियों समेत 17 बंधकों को हमास ने शनिवार को रिहा किया था. रिहाई के बाद सभी बंधकों को अस्पताल ले जाया गया. इन बंधकों की रिहाई में अपेक्षाकृत देरी हुई, क्योंकि राहत सामग्री की सप्लाई पर विवाद हो गया था. लेकिन कतर और इजिप्ट की मध्यस्थता से इस विवाद को सुलझा लिया गया. इस पूरे ऑपरेशन पर इजरायली पीएम नजर बनाए हुए थे.

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युद्धविराम से पहले 100 फिलिस्तीनियों की मौत

इजरायली पीएम बेंजामीन नेतन्याहू अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और दूसरे अधिकारियों के साथ सैन्य मुख्यालय में मौजूद रहे. दूसरी तरफ तय योजना के तहत इजरायल की जेल से 39 फिलिस्तीनियों की भी रिहाई हुई है. दूसरे दिन 2 जेल से 6 फिलिस्तीनी महिलाओं और 33 बच्चों को रिहा किया गया. इजरायली जेल से रिहाई पर फिलिस्तीनियों ने जश्न मनाया. कैदियों को अपने कंधों पर लेकर फिलिस्तीनी घूमते नजर आए. इस अस्थाई युद्धविराम में कुल 50 इजरायली बंधकों और 150 फिलिस्तीनियों की रिहाई होनी है.

बताया जा रहा है कि इजरायली हमले में गाजा सिटी में स्थित संसद तबाह हो चुकी है. फिलिस्तीन के मुताबिक 50 दिन के युद्ध के दौरान इजरायली सेना ने संसद की इमारत को निशाना बनाया. युद्धविराम के दौरान बीट हनौन इलाके में अपने घरों के मलबे में जरूरी बची चीजें खोजते हुए लोग देखे गए. इस दौरान गाजा के अल सिफा अस्पताल का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें अस्पताल के बाहर बेड पर लेटे मरीज दिखे गए. अस्पताल खाली कराए जाने के बाद भी करीब 100 मरीज और चिकित्साकर्मी रह गए हैं. 

हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम से महज कुछ घंटे पहले आईडीएफ ने गाजा में अपने हमले तेज कर दिए थे. फिलिस्तीन ने इजरायली सेना पर आरोप लगाया था कि अस्पतालों और रिफ्यूजी कैंपों को निशाना बनाया जा रहा है. इस दौरान इनके आसपास हुए हमलों में 100 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए. इनमें 50 लोग तो एक ही परिवार के रहने वाले थे. फिलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने कहा था, ''बुधवार सुबह जबालिया में एक ही परिवार के 52 लोगों को पूरी तरह से मिटा दिया गया.''

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हमास के चंगुल से आजाद होने के बाद बंधकों के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती है.

दिलचस्प है बंधकों की रिहाई की इनसाइड स्टोरी

चार दिन के युद्धविराम के दौरान इजरायल और हमास के बीच जो सहमति बनी थी, उसके पहले चरण में तय हुआ था कि हमास 50 बंधकों को छोड़ेगा. इसके बदले में इजरायल अपनी जेलों में बंद 300 फिलिस्तीनियों को रिहा करेगा. लेकिन पहली किश्त में वो 150 फिलिस्तीनियों को ही रिहा करेगा. बंधक सौदे की इनसाइड स्टोरी बेहद दिलचस्प है. हमास ने जिस दिन इजरायल पर हमला किया था, यानी 7 अक्टूबर को, उसी दिन कतर ने बंधकों की रिहाई को लेकर एक सेल बना दिया. इसमें तीन देशों के प्रतिनिधि शामिल थे. 

अमेरिका, इजरायल और कतर के प्रतिनिधि इस सेल का हिस्सा थे. सबसे पहले अमेरिका ने कदम उठाया और उसने बंधकों की रिहाई के लिए कतर से बातचीत शुरू कर दी. अमेरिका इतनी तेजी से एक्शन में आया कि बंधकों के परिजनों से इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से पहले बातचीत कर ली. उन्हें भरोसा दिया कि बंधकों को रिहा करा लिया जाएगा. 20 अक्टूबर को 2 बुजुर्ग महिलाओं को हमास ने छोड़ा था. दरअसल ये इस समझौते का पायलट प्रोसेस था. अमेरिका देखना चाहता था कि कतर हमास पर दबाव डाल पाता है कि नहीं?

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25 अक्टूबर को चरणबद्ध रिहाई पर पहली गंभीर बातचीत हुई. लेकिन उसके बाद इजरायल के हमलों से तल्खी बढ़ गई. आखिरकार बाइडेन ने सीधे कतर के अमीर से बात की और 17 नवंबर को हुई बातचीत में पूरा दबाव बनाया. अगले 48 घंटे में बातचीत निर्णायक दौर में पहुंच गई. अमेरिका ने अपने खास दूत को नेतन्याहू से मिलने भेजा. इसके बाद 21 नवंबर को इजरायली कैबिनेट ने भी बंधक समझौते को हरी झंडी दे दी. इस समझौते के तहत जो हमास 47 दिन में सिर्फ 4 बंधक छोड़ पाया था वो 50 के लिए राजी हो गया.

यह भी पढ़ें: मायूस मोसाद, IDF के खाली हाथ, गाजा की सुरंगों में गुम हुआ 'हमास का ओसामा बिन लादेन'

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इजरायली सेना के हमलों से दहल गया हमास

पहले इजरायल ने गाजा पर अपनी सरहद में रहते हुए ही टैंकों और जंगी जहाजों से बेशुमार बम बरसाए. अपने सैनिकों को महफूज रखते हुए इजरायल ने दूर से हमले किए. इसके बाद बारी आई गाजा के भीतर घुसकर जमीनी हमले करने की. टैंक धड़धड़ाते हुए गाजा के भीतर दाखिल होने लगे. एक दो दस बीस नहीं सैकड़ो मरकावा टैंकों ने गाजा की धरती को रौंद डाला. घर के भीतर घुसकर ऐसे हमले किए कि हमास भी दहल गया. इजरायल ने किसी को नहीं बख्शा. हर उस ठिकाने पर हमले किए जहां हमास के आतंकियों के छुपे होने का शक था. पहले गाजा की एक इमारत पर इजरायली झंडा लहरा, फिर हमास की संसद से लेकर सिटी सेंटर हर जगह इजरायल का झंडा शान से लहरा गया.

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इजरायल ने हमास को ऐसे किया है कमजोर

इजरायल ने हर जगह हमले किए चाहे वो अस्पताल हो या फिर रिफ्यूजी सेंटर. मस्जिद हो या फिर स्कूल. हर जगह इजरायल ने भीषण हमले किए. इजरायल ने हमास के कई लडाकों को ढेर किया. कई कमांडर मारे गए. हमास के लड़ाके ईंधन के लिए जूझने लगे. बिजली पानी तक का संकट हो गया. लोगों के मरने वालों की संख्या 14000 के पार हो गई है. 10 हजार इमारतें गिर चुकी हैं. 43 हजार घर जमींदोज हो चुके हैं. 300 स्कूल कॉलेज तबाह हुए हैं. 25 अस्पताल हमलों के बाद बंद हो गए हैं. इजरायल ने अल शिफा अस्पताल पर भी हमले किए. इस अस्पताल के नीचे हमास ने सुरंग बना रखी थी. इजरायल ने हमास को पूरी तरह कमजोर कर दिया है. इसका नतीजा युद्धविराम है.

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