कनाडा के ओंटोरियो में रविवार को एक शूटआउट के बाद खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद अर्श डाला ही आतंकी संगठन टाइगर फोर्स को लीड कर रहा है. निज्जर के साथ मिलकर उसने अपने स्लीपर सेल नेटवर्क से पंजाब में टारगेट किलिंग की कई वारदातों को अंजाम दिलवाया था. उसकी गिरफ्तारी के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
इनमें एक बात ये भी सामने आ रही है कि कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की बढ़ती सक्रियता और उसके खौफ से अर्श डाला को बचाने की कोशिश की जा रही है. सभी जानते हैं कि एक वक्त जिगरी यार रहे अर्श और लॉरेंस के बीच अब बहुत गहरी दुश्मनी हो चुकी है. दोनों का गैंग एक-दूसरे के खून का प्यासा है. लेकिन कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की मजबूत स्थिति को देखते हुए अर्श डाला की जान को खतरा बढ़ गया था.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लॉरेंस बिश्नोई गैंग से बचाने के लिए अर्श डाला को गिरफ्तार किया गया है या फिर बदली हुई राजनीतिक स्थिति को देखते हुए उसे सलाखों के पीछे करना मजबूरी बन गई है? इन सवालों के जवाब जानने से पहले आइए ये जान लेते हैं कि अर्श डाला आखिर कैसे बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया, उनके बीच कैसे दोस्ती हुई, कैसे वो उनके गैंग के लिए काम करने लगा और कैसे उनके बीच दुश्मनी हुई?
अर्शदीप सिंह पंजाब के मोगा के डाला गांव का रहने वाला है. वो पहले चोरी और छिनैती जैसी वारदात किया करता था. लेकिन धीरे-धीरे उसने रंगदारी मांगने का काम शुरू कर दिया. इस दौरान लोगों डराने के लिए उन पर जानलेवा हमला करना उसके लिए बहुत छोटी बात हो गई. साल 2018 के बाद वो जरायम की दुनिया में बहुत तेजी से आगे बढ़ने लगा. इसी दौरान उसकी करतूतों पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग की नजर पड़ी.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की मॉडस ऑपरेंडी अर्श डाला के काम करने की शैली से बहुत मेल खा रही थी. ऐसे में लॉरेंस के अजीज दोस्त गोल्डी बराड़ ने उससे संपर्क किया. उसे पैसे का लालच देकर अपने लिए काम करना शुरू कर दिया. उसके इशारे पर अर्श ने पंजाब में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना शुरू कर दिया. वो रंगदारी मांगने से लेकर लोगों की हत्या करने तक का काम करता था. बहुत जल्द पूरे पंजाब में उसका खौफ हो गया.
इधर, कनाडा में बैठे खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को भी उसके जैसे गुर्गे की तलाश थी. उसने उससे संपर्क किया. उसकी बातों में आने के बाद अर्श डाला ने अब उसके लिए काम करना शुरू कर दिया. इसी बीच उसकी गुनाहों की फेहरिस्त बढ़ने के साथ पुलिस का दबाव भी बढ़ने लगा. पुलिस उसकी गिरफ्तारी की कोशिश करने लगी. यही वजह है कि पुलिस का शिकंजा कसता देख वो साल 2020 में कनाडा भाग गया.
उसके पास 1 सितंबर, 2017 को जालंधर में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय द्वारा जारी किया गया पासपोर्ट है, जो 31 अगस्त, 2027 तक वैध है. वो सरे, ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में रह रहा है, जहां कभी निज्जर भी रहा करता था. कनाडा जाने के बाद अर्श डाला पहले खालिस्तानी आतंकियों के लिए काम किया, उसके बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आ गया. इस दौरान वो लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं से भी मिला.
इस तरह आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाला अर्श डाला अब आतंकवादी बन चुका था. वो पाकिस्तान से हिंदुस्तान में अवैध हथियारों और ड्रग्स की तस्करी करने लगा. पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियारों की तस्करी करवाता था. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी के साथ गठजोड़ करके उसने दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक हिन्दू लड़के की हत्या भी करवाई, उसके स्लीपर सेल के नेटवर्क ने गला काटे जाने का वीडियो भी भेजा था.
अर्श डाला कनाडा में पंजाब से फरार कई गैंगस्टरों के साथ रहता है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआ उसकी मदद करती है. वो खुद निज्जर के जाने के बाद खालिस्तान टाइगर फोर्स का मुखिया बन बैठा. इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई के दुश्मन बंबीहा गैंग से भी जुड़ा गया. उसके साथ मिलकर भारत में लॉरेंस गैंग के खिलाफ काम करने लगा. इसमें उसके राइट हैंड गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके की बड़ी भूमिका थी. यही वजह है कि लॉरेन्स बिश्नोई ने साल 2023 में गैंगस्टर सुक्खा दुनुके की कनाडा के पीनीपेग सिटी में गोली मारकर हत्या कर दी.
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इसके बाद फेसबुक पोस्ट करके सुक्खा की हत्या की जिम्मेदारी भी ले ली. इस फेसबुक पोस्ट में लॉरेंस गैंग ने लिखा था...
''हां जी सत श्री कॉल, राम राम. ये सुक्खा दुनुके के बंबिहा ग्रुप का जो इंचार्ज बना फिरता था उसका मर्डर हुआ है, कनाडा के विनिपेग सिटी में. उसकी जिम्मेदारी लारेंस बिश्नोई ग्रुप लेता है. इस ड्रग एडिक्टेड नशेड़ी और सिर्फ अपने नशे को पूरा करने के लिए पैसों के लिए उसने बहुत घर उजाड़े थे. हमारे भाई गुरलाल बराड़, विक्की मिद्दुखेड़ा के मर्डर में इसने बाहर बैठकर सबकुछ किया. संदीप नंगल अंबिया का मर्डर भी इसने करवाया था, पर अब इसके किए हुए पापों की सजा उसे मिल गई है. बस एक बात कहनी है जो दुक्कियां टिक्कियां अभी भी रह गई हैं, जहां मर्जी भाग लो, दुनिया में किसी भी देश में चले जाओ. मत सोचो हमारे साथ दुश्मनी लेकर बचोगे, टाइम जरूर कम ज्यादा लग सकता है. लेकिन सजा सबको मिलेगी.''
गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके की हत्या के बाद से ही लॉरेंस बिश्नोई और अर्श डाला के बीच दुश्मनी गहरी हो गई. दोनों एक-दूसरे के जान के प्यासे हो गए. हालांकि, डाला ने अपना नेटवर्क कनाडा, अमेरिका, दुबई, पाकिस्तान, भारत, यूरोप, फिलीपींस, थाईलैंड से लेकर मिडिल ईस्ट तक फैला लिया है. एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, वो कनाडा में बैठे गैंगस्टर गौरव पटियाल उर्फ सौरव ठाकुर के साथ मिलकर टेरर-गैंगस्टर का नेटवर्क चलाता है. फिलहाल वो कनाडा पुलिस की गिरफ्त में है. इसे अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के आने का असर माना जा रहा है.