इराक में कत्ल-ए-आम मचा हुआ है. इस सबके बीच हमारे कुछ अपने वहां फंसे हुए हैं, तो कुछ को आईएसआईएस ने बंधक बनाया हुआ है. ऐसे लोगों को इराक से वापस लाने की जिम्मेदारी एक ऐसे हीरो को दी गई है, जो चुपचाप अपना काम करने में माहिर है. दरअसल यह वो हीरो है, जिसके बारे में हमने सुना तो बहुत है, पर इसे किसी ने कभी देखा नहीं है.
भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक रॉ ने इराक में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने की तैयारी पूरी कर ली है. उसने इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए एक एक्शन प्लान भी बना लिया है. उसकी इस योजना में भारतीय वायुसेना भी उसका साथ देगी.
दरअसल इस वक्त इराक में 40 भारतीय आईएसआईएस के आतंकवादियों की गिरफ्त में हैं. हालांकि अभी तक आईएसआईएस ने उनकी रिहाई के लिए कोई मांग नहीं रखी है, पर वो उन्हें रिहा भी नहीं कर रहे हैं. इनमें से कुछ लोग बसरा में फंसे हैं, तो कुछ लोगों को मोसुल में बंधक बना कर रखा गया है.
मोदी सरकार पर इराक में बंधक बनाए लोगों को सकुशल घर वापस लाने का दबाव दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है, इसलिए रॉ ने एक ऐसा एक्शन प्लान तैयार किया है, जो अगर सफल हो गया, तो इराक में फंसे सारे भारतीय हिंदुस्तान वापस आ जाएंगे. रॉ के इस प्लान में भारतीय वायुसेना एक अहम रोल निभाएगी. इराक में फंसे लोगों को वहां से निकालने के लिए वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर और सी 130 जे सुपर हरक्यूलिस विमानों को तैयार कर लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, ये विमान दिल्ली से सटे हिंडन एयरबेस पर तैनात खड़े हैं. जैसे ही उन्हें इराक जाने का सिग्नल मिलेगा, वो फौरन वहां से इराक की तरफ रवाना हो जाएंगे.
आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना ने इन दोनों ही विमानों सी-17 ग्लोबमास्टर और सी 130 जे सुपर हरक्यूलिस की खासियत को देखते हुए इन्हें इस काम में लगाने का फैसला लिया गया है. दरअसल ये दोनों ही विमान इराक तक बिना कहीं रुके उड़ान भर सकते हैं. सी 130 जे सुपर हरकुलिस बहुत बड़ा और भारी मालवाहक हवाई जहाज होने के बावजूद ना सिर्फ हर मौसम में उड़ान भर सकता है, बल्कि इसे छोटी से छोटी किसी भी हवाई पट्टी पर आसानी से उतारा जा सकता है.
हरक्यूलिस की खासियत यहीं ख़त्म नहीं होती. जरूरत पड़ने पर हरक्यूलिस कच्ची हवाई पट्टी पर भी लैंड किया जा सकता है. इसी तरह सी-17 ग्लोबमास्टर में भी ये तमाम खूबियां मौजूद हैं. इनके अलावा रॉ ने अपने एविएशन रिसर्च सेंटर के विमान भी तैयार रखे हुए हैं. दरअसल ये विमान लंबी दूरी के खुफिया ऑपरेशन में हिस्सा लेते हैं और दुश्मनों पर नज़र रखने और उनकी मूवमेंट की टोह लेने के काम में आते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, रॉ और भारतीय वायुसेना जल्द ही अपने इस प्लान को अंजाम देने वाले हैं. लेकिन वो अपने इस प्लान को दिन में अंजाम देंगे या फिर वो इस प्लान के लिए रात का वक्त चुनते हैं, ये अभी साफ नहीं है. इसके साथ ही अगर भारतीय वायुसेना के हवाई जहाज इराकी सीमा में घुसते हैं, तो उन्हें इसके लिए इराकी सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी, क्योंकि इराकी सरकार को इस योजना में शामिल किए बिना इस योजना का सफल होना पाना थोड़ा मुश्किल लगता है.
वैसे सूत्रों की मानें, तो इस वक्त इराक में बंधक बनाए लोगों को निकालने के लिए अगर कंमाडो कार्रवाई की जाती है, तो ये आईएसआईएस के चंगुल में फंसे भारतीयों के लिए घातक साबित हो सकती है, इसलिए रॉ ने एक ऐसा एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसमें बंधकों की जान को कम से कम नुकसान होगा और अगर उसका प्लान कामयाब हुआ, तो बहुत जल्द इराक में फंसे सारे भारतीय घर वापस लौट आएंगे.
अब बस इंतजार है तो उस पल का कि कब रॉ अपने इस प्लान को अमल में लाता है और इराक में फंसे भारतीयों को सकुशल घर वापस लाने में कामयाब होता है.