संसद में पास होते ही गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून यानी यूएपीए की पहली लिस्ट जारी हो गई. मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की इस पहली लिस्ट में दहशत के उन चार लोगों के नाम दर्ज हैं जिन्होंने हिंदुस्तान को सबसे ज़्यादा खून के आंसू रुलाए हैं. जिनके हाथ संसद हमले से लेकर पुलवामा हमले तक और उरी से लेकर मुंबई तक सैकड़ों बेगुनाहों के खून से सने हैं. ये वो चार हैं जो ना सिर्फ आतंक बोते हैं बल्कि आतंक काटते भी हैं. इन चारों मोस्ट वॉटेड के नाम रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं.
अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों की सबसे बड़ी पोस्ट के लिए दुनियाभर से एकमत से तीन आतंकियों के बॉयो-डाटा को चुना गया है. ये तीन कैंडीडेट हैं- मसूद अज़हर, हाफिज़ सईद और भारत का मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम. एक छोटी पोस्ट के लिए भी रेज़्यूम मंगावाया गया था, जिसके लिए जकी उर रहमान लखवी सेलेक्ट हुआ है.
इनके बॉयो-डेटा में इनके कारनामे लहू के रंग से लिखे हैं. और जो चीज़ें सुनहरे अक्षरों में लिखी हैं वो हैं इनके खिताब जो दुनियाभर ने इन्हें दिया है. इन्हें आतंक का खिताब देने वालों में अब भारत का नाम भी जुड़ गया है. जिसने यूएपीए के तहत मौलाना मसूद अज़हर, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और ज़की-उर-रहमान लखवी को आंतकी घोषित कर दिया है. साथ ही इन सभी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया गया है.
हालांकि इनके लिए तो ये फख्र की बात है क्योंकि आतंक के इनके बायोडाटा में एक खिताब और जुड़ गया है. तो बहरहाल आइये सबसे पहले इनके बायोडाटा को ही खंगाल लेते हैं.
आतंकी मौलाना मसूद अज़हर
सबसे पहला बायोडाटा है मसूद अज़हर का. इसका पता बहावलपुर और कराची है. इससे संपर्क करने के लिए आपको आईएसआई यानी पाकिस्तानी सेना से बात करनी पड़ेगी और वहां मदद ना मिले तो आप इमरान खान से सीधे बात कर सकते हैं. सबसे पहले इसके अनुभवों की बात कर लेते हैं. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया के तौर पर इसने अफगानिस्तान में अमेरिका और नॉटो फोर्स के खिलाफ जंग लड़ी थी.
2001 में दिल्ली में हुए संसद हमले में इसका सीधा हाथ था. 2008 के मुंबई हमले और 2016 का पठानकोट हमले को इसी के इशारे पर अंजाम दिया गया. और 2019 का पुलवामा हमलों कराने में भी इसकी अहम भूमिका थी. अब बात करते हैं खिताबों की तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परीषद और अमेरिका इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर चुका है और अब भारत ने भी यूएपीए कानून के तहत नंबर वन वॉन्टेड आतंकी घोषित कर दिया है.
खास बात ये है कि जिन चार आतंकियों के बायोडाटा दुनियाभर ने एकमत से चुने हैं उनमें सभी के सभी पाकिस्तान से हैं. यूं तो मसूद अपने आका हाफिज़ सईद से उम्र में कम है, मगर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में वो इतना आगे निकल गया कि अपने आका को ही पीछे छोड़ दिया और आका दूसरे नंबर पर आ गए.
आतंकी हाफिज़ सईद
दूसरा बायोडाटा है हाफिज़ सईद का. इसका पता जौहर टाऊन, लाहौर है. मगर फिलहाल वो जेल में है. इससे संपर्क करने के लिए भी आपको आईएसआई यानी पाकिस्तानी सेना या इमरान खान से बात करनी होगी. इसके अनुभवों की बात करें तो इसे जमात उद दावा के मुखिया के तौर पर जाना जाता है. हाफिज सईद 2001 में दिल्ली में हुए संसद हमले में शामिल था. वह 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन धमाकों का मास्टरमाइंड भी था. 2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड भी यही शातिर आतंकी था.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परीषद और अमेरिका इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर चुका है. अमेरिका ने तो इस पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी घोषित कर रखा है. ब्रिटेन, रूस, यूरोपियन यूनियन और ऑस्ट्रेलिया ने इसके संगठन को बैन कर रखा है. और अब भारत ने भी इसे यूएपीए कानून के तहत आतंकी घोषित कर दिया है.
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम
दहशत की बात हो और डॉन का नाम ना आए तो ये खुद डॉन की बेइज़्ज़ती है. यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किए गए आतंकियों में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम तीसरे नबंर पर आया है. लिहाज़ा इनके रेज़्यूम पर भी एक नज़र डाल लीजिए.
दाऊद इब्राहिम का पता क्लिफ्टन रोड, कराची है. इससे संपर्क करने के लिए आपको आईएसआई से बात करनी होगी. इसके अनुभवों की बात करें तो इसे डी कंपनी के मुखिया के तौर पर जाना जाता है. दाऊद 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों में शामिल था. वो भारत में गैरकानूनी तरीके से स्मगलिंग का काम करता है. उसके खिलाफ मुंबई में मर्डर और एक्सटॉर्शन के दर्जनों मामले दर्ज हैं.
दाऊद की उपलब्धियों की बात करें तो अमेरिका ने उसे 2003 में अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया था. उस पर 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है. एफबीआई और फोर्ब्स की टॉप टेन मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में उसका नाम शामिल है. और अब भारत ने भी उसे यूएपीए कानून के तहत आतंकी घोषित कर दिया है.
आतंकी ज़की उर रहमान लखवी
आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए बनाए गए भारत के नए कानून UAPA के तहत भारत ने 4 खूंखार आतंकियों को अपनी टेरर लिस्ट में शामिल किया है. इस सूची में आखिरी नाम है ज़की उर रहमान लखवी का. इस आतंकी का रेज़्यूम भी काफी वज़नदार है. इसका पता ओकारा, पंजाब और मुरीदके है. इससे संपर्क करने के लिए आपको आईएसआई से बात करनी होगी.
इसके अनुभव की बात करें तो लश्कर-ए-तोएबा के सुप्रीम कमांडर के तौर पर इसने 2006 के मुंबई ट्रेन धमाकों में शामिल रहे फिदायिनों को ट्रेनिंग दी थी. 2008 के मुंबई हमले करने वाले आतंकियों को भी इसी ने ट्रेनिंग दी थी. इसे फिदायीन तैयार करने में महारत हासिल है.
इसकी उपलब्धियों की बात करें तो अमेरिका ने इसे 2008 में आतंकी घोषित किया था. और अब भारत ने भी इसे यूएपीए कानून के तहत आतंकी घोषित कर दिया है.
क्या है UAPA कानून?
अब सवाल ये है कि आखिर भारत का ये नया यूएपीए कानून है क्या. तो सुनिए इसके तहत कोई व्यक्ति आंतकवादी गतिविधियों को अंजाम देता है या उसमें भाग लेता है तो उसे आतंकवादी घोषित किया जा सकता है. कोई अगर आंतकवाद को बढावा देता है या आतंकियों की मदद करता है. या उन्हें धन मुहैया कराता है. आतंकवाद के साहित्य का प्रचार-प्रसार करता है या आतंकवाद का पाठ युवाओं के जहन में उतारने की कोशिश करता है तो उसे आतंकवादी घोषित कर दिया जाएगा. ऐसे कामों में ही उपरोक्त चार आतंकियों को महारत हासिल है.
तो कुल मिलाकर यूएपीए की आतंकी लिस्ट में इन चारों के नाम आने से इनके आतंक का बहीखाता और भारी हो गया है. मगर जानते तो ये भी हैं कि अपने रिज़्यूम में ये जो तमगे जमा करते जा रहे हैं. वो बहुत जल्द इनकी मौत का सामान बनेगा.