इंदौर पुलिस शहर में अपराधियों की जमात को कम करने के लिए और शहर में अपना रुतबा बढ़ाने के लिए छुटभय्ये अपराधियों का जुलूस निकाल रही है. लेकिन दिसंबर में वारदात में खबर दिखाए जाने के बाद इंदौर पुलिस ने अपनी ये कवायद कुछ दिन के लिए रोक दी थी. पर जैसे ही कुछ वक्त गुजरा वो अपने पुराने ढर्रे पर लौट आई. शहर की सड़कों और गलियों में एक बार फिर बदमाशों के जुलूस निकाले गए. लेकिन इस बार एक नए अंदाज में.
आजकल इंदौर शहर की पुलिस जंजीरों में बांध कर इलाके के छुटभैय्या बदमाशों का जुलूस निकाल रही है. पुलिस का कहना है कि ऐसा करने से इलाके में लॉ एंड ऑर्डर दुरुस्त रहेगा. एक बदमाश प्रदीप कौशल का जुलूस निकाल रही पुलिस के अनुसार उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और इलाके में उसके खौफ को खत्म करने के लिए ही उसका जुलूस निकाला गया. सरेराह उसकी चप्पलों से पिटाई भी की गई. बदमाश प्रदीप की महिला पुलिसकर्मियों ने खूब खातिरदारी की, लेकिन कैमरे से मुंह बचाते हुए.
पुलिस टीम प्रदीप नाम के उस बदमाश को शहर के मल्हारगंज इलाके में काफी देर तक घुमाती रही और इलाके की हर सड़क, गली, नुक्कड़ और चौराहे पर वही मंजर नजर आया. वो रास्तेभर चप्पल और थप्पड़ों की मार खाता रहा और जब पुलिसवालों का दिल भर गया तो पुलिस टीम उसे वापिस ले कर चली गई. पुलिस के अनुसार प्रदीप पर शराब के नशे में एक शख्स के साथ मारपीट करने और अवैध हथियार रखने का आरोप था. इसी आरोप में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश करने से पहले उसका जमकर जुलूस निकालने का फैसला किया.
शहर के कुम्हारखेड़ी इलाके में भी वही कहानी दोहरायी गई. एक सफेद रंग की पुलिस जिप्सी यहां रुकी और उसमें बैठी पुलिस टीम ने दो लोगों को बाहर निकाला, दोनों के हाथ एक रस्सी से बंधे थे. जैसे ही दोनों बदमाश जिप्सी से बाहर निकले पुलिस टीम के साथ चल रही महिला पुलिसकर्मियों ने दोनों बदमाशों पर चप्पलों की बौछार शुरू कर दी. उनका सहयोगी भी बीच-बीच में दोनों को थप्पड़ मारता रहा. इतना ही नहीं सड़क के बीचोंबीच दोनों से उठक-बैठक भी लगवाई गई.
पुलिस का कहना है कि दोनों इलाके के बदमाश हैं और इलाके के लोगों के दिलों में इनका खौफ निकालने के लिए पुलिस ने ये कवायद की थी. पुलिस गिरफ्त में उन दोनों बदमाशों में से एक इलाके का बदमाश चिंटू उर्फ गोविंदा और दूसरा उसका दोस्त है. दोनों पर लोगों के साथ मारपीट और धमकाने के कई मामले दर्ज हैं. इसलिए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर इलाके में उनका जुलूस निकाला ताकि इलाके के लोगों के दिलों से उनका खौफ खत्म हो सके.
दरअसल ये पहली बार नहीं है कि इंदौर पुलिस ने शहर के कई इलाकों में गुंड़ों के ऐसे जुलूस निकाले हैं. इससे पहले भी इंदौर पुलिस ऐसे कारनामे कर चुकी है, लेकिन आज तक पर खबर आने के बाद इस तरह की कार्रवाई रोक दी गई थी. आज तक पर खबर दिखाए जाने के बाद मध्य प्रदेश के डीजीपी ने दोषी पुलिसवालों के खिलाफ जांच की बात कही थी. लेकिन जांच तो दूर अब बदमाशों के ऐसे जुलूस के दौरान उन्हें पीटने का जिम्मा महिला पुलिसकर्मियों को सौंप दिया गया है.