शीना बोरा मर्डर केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने इंद्राणी मुखर्जी, पीटर मुखर्जी और संजीव खन्ना पर हत्या और आपराधिक साजिश रचने के आरोप तय कर दिए हैं. जबकि अदालत ने उनके खिलाफ धारा 420 जालसाजी और धारा 468 के तहत दर्ज मामले को रद्द कर दिया है.
सीबीआई की विशेष अदालत में मंगलवार की सुबह तीनों आरोपियों को सुनवाई के लिए पेश किया गया. कोर्ट ने इंद्राणी , पीटर और संजीव को कटघरे में खड़ा कर दिया. और उसके बाद उनके खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप तय कर दिए. तीनों ध्यान से जज को सुनते रहे.
इसी के साथ अदालत ने उनके खिलाफ लगाए गए जालसाजी और धारा 468 के आरोप हटा लिए. ये आरोप काजल शर्मा ने उनके खिलाफ लगाए थे. कोर्ट ने दस्तावेजों की कमी के चलते इन आरोपों निरस्त कर दिया. इसके अलावा उनके खिलाफ सेक्शन 328 और 326 भी अदालत ने हटा दिए.
न्यायाधीश तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप बताए और वे तीनों सुनते रहे. जज ने तीनों आरोपियों इंद्राणी, पीटर और संजीव खन्ना से कहा कि वे इस संबंध में अपने वकीलों से परामर्श कर सकते हैं कि वे दोषी है या नहीं.
गौरतलब है कि शीना बोरा मर्डर केस में सीबीआई ने अक्टुबर में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में दूसरी चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें साफ कहा गया था कि इंद्राणी मुखर्जी इस वारदात की पूरी जानकारी समय-समय पर पीटर मुखर्जी को देती रही थी. शीना बोरा अपनी मां इंद्राणी की हरकतों को पसंद नहीं करती थी.
सीबीआई की इस चार्जशीट के मुताबिक, मिखाइल ने बताया कि इंद्राणी और सिद्धार्थ दास गुवाहाटी में बेकरी का बिजनेस करते थे. एक दिन दोनों के बीच झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि दोनों घर छोड़कर चले गए. उस समय मिखाइल और शीना को उनकी मेड ने उनकी नानी के पास पहुंचाया था. इसके बाद में इंद्राणी ने अपने माता-पिता पर बच्चों को गोद लेने का दबाव बनाया था फिर गायब हो गई.
उधर, शीना के भाई मिखाइल बोरा ने कहा कि वह अपनी बहन को हर संभव तरीके से न्याय दिलाने की कोशिश करेगा. वह बहन को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहा है और आगे भी उसकी लड़ाई लड़ता रहेगा.