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नफे सिंह राठी मर्डर केस: CBI को सौंपी गई जांच, हरियाणा पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

हरियाणा के कद्दावर नेता नफे सिंह राठी की गोली मारकर हत्या की गई. इस वारदात के बाद से ही पूरे हरियाणा में सनसनी फैली हुई है. हरियाणा सरकार ने इस केस की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी है. बहुत जल्द सीबीआई को जांच सौंप दी जाएगी. हरियाणा पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है.

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नफे सिंह राठी बहादुरगढ़ से पूर्व विधायक थे और दो बार इनेलो प्रमुख रहे थे।
नफे सिंह राठी बहादुरगढ़ से पूर्व विधायक थे और दो बार इनेलो प्रमुख रहे थे।

Nafe Singh Rathee Murder Case: हरियाणा के कद्दावर नेता और इंडियन नेशनल लोक दल के स्टेट चीफ के मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. इसकी जानकारी देते हुए डीसी शक्ति सिंह और एसपी अर्पित जैन ने कहा कि इस केस को सुलझाने के लिए पुलिस की पांच टीमों को गठित किया गया है. दो लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही कुछ संदिग्धों की भी पहचान हुई है. 

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इस हत्याकांड के आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद नफे सिंह के परिजन उनके शव के पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए हैं. पहले उनके बेटे ने अंतिम संस्कार से भी इनकार कर दिया था. लेकिन अब पोस्टमार्टम के बाद आज देर शाम उनका बहादुरगढ़ के रामबाग में अंतिम संस्कार किया जाएगा. अभय चौटाला ने पुलिस को सात दिन का समय दिया है. यदि तब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए, तो वे लोग कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. 

इस केस में हरियाणा पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है. अपराधियों ने अलग-अलग तरह के हथियारों से नफे सिंह राठी पर गोलियां चलाई थीं. मौका-ए-वारदात पर कई तरह के कारतूस बरामद हुए हैं. पुलिस की टीम कई राज्यों में जाकर जांच कर रही है. एक टीम दिल्ली के तिहाड़ जेल में मौजूद कुछ गैंगस्टरों से पूछताछ करने पहुंची है. इस हत्याकांड को जिस तरह से अंजाम दिया गया है, उसे देखते हुए इसमें किसी बड़े गैंग का हाथ दिख रहा है. 

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सिद्धू मूसेवाला के पैटर्न पर नफे सिंह की हत्या

नफे सिंह राठी हत्याकांड का कनेक्शन लॉरेंस बिश्नोई गैंग से मिलता जुलता है. उनकी जिस तरह से हत्या की गई है, उसे देखकर दो साल पहले 29 मई 2022 को पंजाब के मानसा जिले में हुई सिद्धू मूसेवाला की हत्या की यादें ताजा हो गई हैं. उस वक़्त सिद्धू मूसेवाला का मर्डर भी कुछ इसी तरह हुआ था. शूटरों ने उसकी थार गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. उसी ताबड़तोड़ फायरिंग में सिद्धू मूसेवाला को मौत के घाट उतार दिया गया था.

सफेद कार से बदमाशों ने नफे सिंह किया पीछा

इसके बाद में खुलासा हुआ था कि सिद्धू की थार पर करीब 30 गोलियां मारी गई थीं. रविवार को शाम सवा पांच बजे, बहादुरगढ़ के बराही रेलवे फाटक से पहले इस फॉर्च्यूनर पर ऐसे ही ताबड़तोड़ फायरिंग हुई. उस फॉर्च्यूनर गाड़ी पर दो बार के पूर्व विधायक नफे सिंह अपने ड्राइवर और सुरक्षा कर्मियों के साथ थे. एफआईआर के मुताबिक नफे सिंह के ड्राइवर और उसके भांजे राकेश उर्फ संजय को ये अंदाजा हो गया था कि एक सफेद गाड़ी उनका पीछा कर रही है.

यह भी पढ़ें: मॉडस ऑपरेंडी, कत्ल का तरीका और गोलियों की बौछार... मूसेवाला की तरह नफे सिंह का मर्डर

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रेलवे फाटक बंद होने की वजह से घिरे नफे सिंह

ड्राइवर ने तेजी से गाड़ी आगे बढ़ाई लेकिन रेलवे फाटक बंद था. इसलिए गाड़ी रोकनी पड़ी. तभी पीछे से आई उस सफेद आई-10 कार से पांच लड़के उतरे और बिलकुल नज़दीक आकर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे. ड्राइवर के मुताबिक नफे सिंह सामने वाली सीट पर ही बैठे थे. उनके सुरक्षा कर्मी जयकिशन और संजीत पीछे बैठे थे. हमलावरों ने ताबड़तोड़ करीब 50 राउंड फायर किए. इस तरह नफे सिंह हत्या को मूसेवाला हत्याकांड के पैटर्न से जोड़कर देखा जा रहा है.

नफे सिंह हत्याकांड में 12 लोगों के खिलाफ केस

नफे सिंह राठी हत्याकांड में पूर्व विधायक नरेश कौशिक समेत सात लोगों के खिलाफ नामजद और पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. हमला करने से पहले बदमाशों ने शोर मचाते हुए कुछ बाते कहीं थीं और धमकी दी थी. इससे पता चलता है कि इसके पीछे राजनीतिक साजिश है. हमलावरों ने राकेश से कहा था, ''तुझे जिंदा छोड़ रहा हूं, ताकि इनके घरवालों का बता देना.'' चश्मदीद के मुताबिक इस हत्याकांड के लिए एफआईआर में नामजद लोग जिम्मेदार हैं. 

 

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