8 जनवरी को ईरान की राजधानी तेहरान के करीब यूक्रेन का जो पैसेंजर प्लेन क्रैश हुआ था वो किसी तकनीकी खामी का नतीजा नहीं था बल्कि इंसानी गलती का अंजाम था. ये बात खुद ईरान ने मान ली है. ईरान ने मान लिया है कि यूक्रेन के उस मुसाफिर प्लेन को ईरानी वायु सेना की मिसाइल ने मार गिराया था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ईरान की वायु सेना ने इस प्लेन को अमेरिकी क्रूज मिसाइल समझ लिया था.
8 जनवरी, 2020 बुधवार सुबह 6:10 बजे, तेहरान एयरपोर्ट
ये उसी दिन की सुबह थी, जिसके चंद घंटे पहले ईरान ने अपने जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला इराक में दो अमेरिकी एयरबेस पर 22 मिसाइलें दाग कर लिया था. मगर इस हमले के कुछ देर बाद ही तेहरान के करीब ईरानी एयर स्पेस में उसकी रडार पर कुछ हलचल दिखाई दी. ईरान को लगा कि ये अमेरिकी क्रूज मिसाइल है.
8 जनवरी, 2020 बुधवार सुबह 6:13 बजे, तेहरान एयरपोर्ट
मगर ये हलचल यूक्रेन की सिविल एयरलाइंस बोइंग 737-800 की थी. जिसने तेहरान एयरपोर्ट से यूक्रेन की राजधानी कीव के लिए अभी-अभी उड़ान भरी थी. यूक्रेन एयरलाइंस के विमान बोइंग 737-800 में कुल 176 मुसाफिर सवार थे. इनमें 82 मुसाफिर ईरान के, 63 कनाडा के, 11 यूक्रेनी, 10 स्वीडिश और जर्मनी-ब्रिटेन के 3-3 मुसाफिर थे. विमान को उड़ान भरे अभी बस तीन मिनट हुए थे. अब ये विमान रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के बेस के बेहद नजदीक से गुजर रहा था. ईरानी मिसाइल ऑपरेटर ईरानी एयर स्पेस पर लगातार नजरें गड़ाए था.
मिसाइल ऑपरेटर का खौफनाक फैसला
इत्तेफाक से ठीक उसी वक्त य़ूक्रेन का ये पैसेंजर विमान वहां से गुजरने लगा. ईरानी मिसाइल ऑपरेटर यूक्रेन के इस विमान को अमेरिकी क्रूज मिसाइल समझ बैठा. उसने इसकी पुष्टि भी करनी चाही लेकिन उस वक्त किसी वजह से उसका संचार उपकरण काम नहीं कर रहा था. दूसरी तरफ विमान तेजी से करीब आ रहा था. उसके पास फैसला लेने के लिए सिर्फ 10 सेकेंड का वक्त था. बदकिस्मती से वो तसदीक नहीं कर पाया और उसने विमान पर मिसाइल दागने का फैसला कर लिया.
क्रूज मिसाइल समझ किया हमला
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर के एयरोस्पेस कमांडर आमिर अली हाजीजादेह ने कहा कि हमने इस विमान को अमेरिकी क्रूज मिसाइल समझने की गलती कर दी. जिसके नतीजे में विमान पर मिसाइल दागनी पड़ी. कमांडर आमिल अली ने कहा कि बाद में गलती का अहसास होने और विमान हादसे का सच जानने के बाद मैं मरने के लिए तरस गया हूं. काश मैं मर जाता और इस तरह का हादसा देखने को नहीं मिलता.
8 जनवरी 2020, बुधवार की दोपहर बाद, तेहरान
अमेरिका से तनातनी के बीच ईरान में इतने बड़े प्लेन क्रैश की खबर शुरुआत में दबने लगी थी. ईरान सरकार ने भी इस विमान हादसे का दोष तकनीकी खराबी पर मड़ दिया. मगर जैसे ही यूक्रेन के राष्ट्रपति ने इस मामले की जांच के आदेश दिए. अमेरिका ने भी इस मसले पर ईरान को घेर लिया और एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि यूक्रेन का विमान ईरानी मिसाइल अटैक का ही शिकार हुआ है. इसके बाद पहले कनाडियन राष्ट्रपति सामने आए और फिर ब्रिटिश प्रधानमंत्री. दोनों ने कहा कि उनके पास पुख्ता रिपोर्ट हैं जो ये साबित करती हैं कि यूक्रेन का विमान ईरानी मिसाइल हमले का ही शिकार हुआ.
8 जनवरी 2020, बुधवार की शाम, तेहरान
अब ये साफ होने लगा था कि यूक्रेनियन विमान तकनीकि खराबी की वजह से नहीं बल्कि मिसाइल हमले का ही शिकार हुआ. लिहाज़ा ईरान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने लगा. सवाल उठ रहे थे कि इराक में अमेरिकी बेस पर मिसाइल हमले करने से पहले ईरान ने तेहरान में सिविल प्लेन की आवाजाही पर रोक क्यों नहीं लगाई.
11 जनवरी 2020, शनिवार, तेहरान
तीन दिन की ना-नुकर के बाद ईरान ने शनिवार को आखिरकार ये मान लिया कि उसकी मिसाइलों ने ही अनजाने में इस विमान को मार गिराया. ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कूटनीतिक चाल चलते हुए इस यात्री विमान हादसे के लिए अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है. अमेरिका की तरफ से अपने संवेदनशील रक्षा क्षेत्रों और दूसरे ठिकानों पर हमले की सटीक जानकारी मिली थी. जिसके चलते ईरान की एंटी-एयरक्राफ्ट यूनिट्स ने बहुत ज्यादा संवेदनशील तरीके को अपनाते हुए मानवीय भूल के चलते यूक्रेन के इस यात्री विमान को मार गिराया.
सरकारी टीवी पर बयान
इसके बाद खुद ईरान के सरकारी टीवी की रिपोर्ट में सेना ने भी माना कि उसने गलती से यूक्रेन के यात्री विमान को मार गिराया था. इसके लिए खुद ईरानी राष्ट्रपति ने ट्वीट कर माफी मांगी. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ट्वीट किया कि ''मानवीय भूल के कारण यूक्रेन के यात्री विमान पर मिसाइल दागी गई और 176 बेगुनाहों की जान चली गई. कहां गलती हुई इसकी शिनाख़्त के लिए अभी जांच जारी है. इस भयावह त्रासदी के लिए जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा. इस विनाशकारी गलती के लिए इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान को बहुत खेद है. पीड़ित परिवारों के साथ मेरी संवेदना है.''
ईरान ने मांगी माफी
ईरान के इस कबूलनामे और माफी मांगने के बाद अब यूक्रेन ने मुसाफिर विमान को मार गिराने के एवज में ईरान से भारी-भरकम मुआवजे की मांग की है. वहीं दूसरी तरफ चूंकि विमान में 82 ईरानी नागरिक भी सवार थे लिहाजा इस हादसे को लेकर ईरानी अवाम भी सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई है. ईरानी जनता ने इस हादसे के खिलाफ सड़कों पर उतर कर अपना गुस्सा जताया और रूहानी सरकार से इस्तीफे की मांग कर रही है.