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आतंकियों की भर्ती के लिए कोडिंग सिस्टम अपना रहा है ISIS

दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस अपने संगठन में भर्ती के लिए कोडिंग सिस्टम का तरीका इस्तेमाल कर रहा है. वह ऐसी तकनीक अपना रहा है कि जिसे डीकोड नहीं किया जा सकता. दरअसल, बगदादी को पता है कि आतंकियों की भर्ती के लिए वो अगर परंपरागत तरीका अपनाएगा तो उसका बचना आसान नहीं होगा.

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आईएस के आतंकी इस तकनीक से युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं
आईएस के आतंकी इस तकनीक से युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं

दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस अपने संगठन में भर्ती के लिए कोडिंग सिस्टम का तरीका इस्तेमाल कर रहा है. वह ऐसी तकनीक अपना रहा है कि जिसे डीकोड नहीं किया जा सकता. दरअसल, बगदादी को पता है कि आतंकियों की भर्ती के लिए वो अगर परंपरागत तरीका अपनाएगा तो उसका बचना आसान नहीं होगा.

आधुनिक तकनीक से लैस आईएस

एक तरफ दुनिया भर पर केमिकल हमले का खतरा मंडरा रहा है. तो दूसरी ओर आईएसआईएस बड़ी तकनीकी महारत हासिल करके अपना नेटवर्क बढ़ा रहा है. एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआईएस बर्लिन की कंपनी के सोशल मीडिया प्लेट फार्म इनक्रिप्टेड टेलीग्राम मैसेंजर का इस्तेमाल कर रहा है.

इनक्रिप्टेड टेलीग्राम मैसेंजर का इस्तेमाल

यह एक ऐसा मेसेंजर सिस्टम है, जिसको डीकोड कर पाना विश्व की खुफिया एजेंसियों के लिए टेढ़ी खीर है. टेलीग्राम मैसेंजर की मानीटररिंग न होने की वजह से आईएस और उससे जुड़े समर्थक इसे अपना नया हथियार बना रहे हैं. जानकारी के मुताबिक आईएस के आतंकियों के बीच यह प्लेटफार्म ज्यादा फलने फूलने लगा है.

खुफिया एजेंसियों को दी मात

सोशल साइटों पर आईएसआईएस अपने लडाकों के लिए जो पोस्ट करता आया है. उसको एफबीआई अब तक ब्लॉक करता आया है. लेकिन अब आईएस ने खुफिया एजेंसीज को मात देना शुरू कर दिया है. उसने तकनीक और कोडिंग सिस्टम के जरिए नई भर्तियां करने का काम शुरु कर दिया है. अब सुरक्षा एजेंसियां इसे डीकोड करने के रास्ते तलाश रही हैं.

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