कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस के एक आतंकी को बेटे की बीमारी ने घर वापसी के लिए मजबूर कर दिया है. आईएस के आतंकी ने ब्रिटिश सरकार से अपनी घर वापसी की अपील की है, ताकि वह अपने बीमार बेटे का इलाज करवा सके. हालांकि दूसरी तरफ उसे अपनी गिरफ्तारी का डर भी सता रहा है.
2014 में थामा था आईएसआईएस का दामन
मामला इंग्लैंड के पश्चिमी मिडलैंड का है. जहां वॉलसाल इलाके में 27 वर्षीय मुसादिकुर रहमान अपनी पत्नी ज़हुरी सिद्देका के साथ रहता था. दिसंबर 2014 को दोनों ने अपने घरवालों को बताया कि वे छुट्टी पर जा रहें है. लेकिन उसके बाद से वे कभी लौटकर वापस नहीं आए. बाद में पता चला कि पति पत्नी दोनों कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस में भर्ती हो गए हैं.
जाने से पहले बेच दिया था सबकुछ
इसके लिए उन दोनों ने अपनी बीएमडब्ल्यू गाड़ी समेत सारे जेवरात और बाकी के सामान बेच दिए थे. इनसे जुटाए गए 10 हजार यूरो बाद में रहमान के दो भाईंयों और दो दोस्तों ने भेजे. खास बात ये है कि वो अकेले नहीं है, उसेक साथ उसकी पत्नी ने भी आईएसआईएस ज्वाइन किया था.
बेटे की बीमारी ने कराया गलती का एहसास
मगर अब रहमान पछता रहा है. वह आईएसआईएस के चंगुल से आजाद होना चाहता है. बेटे की बीमारी ने उसे घर वापसी के लिए मजबूर कर दिया है. दरअसल, मार्च 2015 में उसकी पत्नी ज़हुरी ने एक बच्चे को जन्म दिया था. बाद में पता चला कि बच्चे को एक गंभीर बीमारी है. उस बीमारी का इलाज सीरिया में संभव नहीं था. इस बात को लेकर रहमान ने अपनी 42 वर्षीय बहन नरगिस को फोनकर उससे बात की. नरगिस ने बताया कि रहमान वापस आना चाहता है लेकिन वह काफी डरा हुआ भी है. उसे डर है कि उसे वापस इंग्लैंड आने पर जेल में बंद कर दिया जाएगा.
ड्रोन हमले में हुआ था घायल
रहमान ने अपनी दूसरी बहन से बातचीत में स्वीकार किया कि आईएसआईएस में भर्ती होना उसकी सबसे बड़ी गलती थी और अब वह अपनी गलता सुधारना चाहता है. इस दौरान रहमान ने यह भी बताया कि एक ड्रोन हमले में वह घायल हो गया है. उसके दांए हाथ में चोट आई है. बीमार बच्चा रहमान का दूसरा बेटा है. इसके पहले भी रहमान का एक बेटा था, जिसकी मौत हो गई थी. उसके पहले बेटे को भी दिल की वही बीमारी थी, जो उसके इस बेटे को है.
बेहतर जिंदगी चाहता है रहमान
अब रहमान किसी भी हाल में अपने बेटे की जान बचाना चाहता है. इस लिए वह इस्लामिक स्टेट को छोड़ने के लिए तैयार है. गिरफ्तारी के डर और अपने नवजात बेटे की जान बचाने के लिए उसने ब्रिटिश सरकार से अपील की है कि उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई ना की जाए. वह वादा कर रहा है कि अब वह बेहतर जिंदगी जिएगा और दोबारा ऐसी गलती कभी नहीं करेगा.