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खात्मे की ओर ISIS, इराकी सेना लड़ी रही सीधी लड़ाई

इराक के खूबसूरत शहरों में से एक फालूजा फिलहाल आतंक के आंसू रो रहा है. ये शहर इस वक्त एक साथ आईएसआईएस, इराकी फौज और शिया मिलिशिया के लड़ाकों के बीच आर-पार की लड़ाई के जख्म झेलने को मजबूर है.

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ISIS ने बनाए 50 हजार बंधक
ISIS ने बनाए 50 हजार बंधक

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पिछले करीब दो साल से एक सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है. और वो ये कि हाल के वक्त का सबसे खूंखार आंतकवादी बगदादी और उसके संगठन आईएसआईएस का खात्म कब होगा? तो बस ये समझ लीजिए कि बगदादी के खात्मे की शुरूआत हो चुकी है. जिस इराक से उसने आतंक की शुरूआत की थी उसी इराक में अब उसका आखिरी किला बस ढहने ही वाला है. बगदादी और अमन के बीच अब बस एक ही अड़चन है, और वो है, पचास हजार बेगुनाह लोगों की जिंदगी.

फालूजा बना लड़ाई का केंद्र
इराक के खूबसूरत शहरों में से एक फालूजा फिलहाल आतंक के आंसू रो रहा है. ये शहर इस वक्त एक साथ आईएसआईएस, इराकी फौज और शिया मिलिशिया के लड़ाकों के बीच आर-पार की लड़ाई के जख्म झेलने को मजबूर है. ये वो शहर है जिस पर बगदादी ने पूरी तरह कब्जा कर रखा था. मगर जैसे ही शहर पर से बगदादी का कब्जा कमजोर हुआ शहर गोलियों और बमों से थर्रा उठा.

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बगदादी ने लोगों को बनाया ढाल
दरअसल, फालूजा में एक साथ कई मोर्चों पर लड़ाई चल रही है. एक तरफ जहां आईएसआईएस है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की अगुवाई में नाटो और इराकी सेना के अलावा स्थानीय शिया मिलिशिया के लोग हैं. इस ज्वॉइंट ऑपरेशंस की वजह से ही अचानक अब फालूजा में बाजी पलट चुकी है. चौतरफा हमलों से घिरे आईएसआईएस के आतंकवादियों के भागने के रास्ते तक बंद होते जा रहे हैं. ऐसे में अपनी जान बचाने के लिए आखिरी कोशिश के तहत आतंकवादियों ने फालूजा के बेगुनाह शहरियों को अपनी ढाल बना कर लड़ाई शुरू कर दी है.

ISIS ने बनाए 50 हजार बंधक
एक अंदाजे के मुताबिक आईएसआईएस ने पूरे शहर में तकरीबन 50 हजार लोगों को बंधक बना लिया है और उन्हें चेतावनी दी है कि अगर वो मैदान-ए-जंग से भागने की कोशिश करते हैं या सफेद झंडा दिखा कर फौजियों को दावत देते हैं, तो वे उन्हें सीधे गोली मार देंगे.

नाटो और इराकी फौज जहां अत्याधुनिक हथियारों, टैंकों और रॉकेट लान्चरों से लैस है, वहीं स्थानीय शिया मिलिशिया के लड़ाके हैंड मेड रॉकेट और अपने दम पर जुटाए गए अस्लहों से ही आतंकवादियों से लोहा ले रहे हैं.

इराकी फौज की एक और जीत
फालूजा इराक और बगदादी दोनों के लिए बेहद अहम है. इराकी शहर तिकरित और रमादी पहले ही आईएसआईएस के हाथ से निकल चुका है. ऐसे में बगदाद से थोड़ी ही दूर पर बसे फालूजा से पैर उखड़ने का मतलब है आईएसआईएस को एक और करारी शिकस्त. जबकि इराकी फौज के लिए एक और बड़ी जीत.

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बगदादी ने चली खौफनाक चाल
रमादी और तिकरित तो आईएसआईएस के हाथों से पहले ही निकल चुका है. और अब फालूजा में भी उसके पांव उखड़ने लगे हैं. लेकिन इस बड़ी हार से बचने के लिए बगदादी ने अब जो चाल चली है, वो बेहद खौफनाक है. उसने शहर के 50 हजार शहरियों को बंधक बना कर फौज के सामने खड़ा कर दिया है. इस धमकी के साथ कि जो भी भागने की कोशिश करेगा उसे गोली मार दी जाएगी.

नाटो फौज का दावा है कि हाल में हुए ऐसे हवाई हमले और जमीन पर आमने सामने की लड़ाई में 70 से ज्यादा आईएसआईएस के आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा जा चुका है. जिसमें फालूजा में आईएसआईएस का सबसे बड़ा सरगना रहा माहेर अल-बिलावी भी शामिल है.

सेना के सामने है चुनौती
वैसे तो नाटो फौज, इराकी फौज और शिया मिलिशिया पिछले कई महीनों से फालूजा को आतंकवादियों के हाथों से छुड़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन सही मायने में फालूजा की घेरेबंदी अब हुई है. शहर के तमाम अहम रास्तों पर अब फौज मौजूद है और उसे आरपार की लड़ाई के लिए बस आखिरी इशारे का इंतजार है. लेकिन इस लड़ाई में फौज के सामने सबसे बड़ी चुनौती फालूजा के शहरी हैं.

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रक्का में भी फंसे 6 लाख लोग
उधर, इराक के फालूजा से दूर सीरिया के राक्का शहर का हाल भी कुछ ऐसा ही है. आईएसआईएस के कब्जे वाले इस शहर में आम लोग सबसे बड़ी मुसीबत में हैं. वहां से भी लोगों को शहर छोड़ कर भागने की मनाही है. लेकिन रहने से कभी भी जान जा सकती है. ऐसे में स्मगलरों की चांदी हो गई है. वो हर शख्स को शहर से निकालने के लिए मौटी रकम वसूल रहे हैं. राक्का में अब भी लगभग छह लाख लोग फंसे हैं.

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