scorecardresearch
 

नई जमीन की तलाश में ISIS, अब मिस्र में फैला रहा दहशत

मिस्र की सरज़मीन ने दुनिया को क्या कुछ नहीं दिया. पिरामिड से लेकर ममी तक नामालूम कितनी ही ऐसी चीज़ें हैं, जिन्हें देखकर आज भी दुनिया हैरत में पड़ जाती हैं. ये मिस्र की सभ्यता और साइंस का ही कमाल था कि सदियों पहले सिर्फ़ लेप लगाकर सदियों तक इंसानी लाशों को महफूज़ रखने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसे हम ममी कहते हैं. लेकिन अब इसी मुल्क में आईएसआईएस ने दहशतगर्दी का ऐसा कोहराम मचाया कि बेगुनाहों की ताज़ा लाशें देख कर मिस्र की ममी तक रो पड़ीं.

Advertisement
X
ISIS तलाश रहा है अपने लिए जमीन
ISIS तलाश रहा है अपने लिए जमीन

Advertisement

मिस्र की सरज़मीन ने दुनिया को क्या कुछ नहीं दिया. पिरामिड से लेकर ममी तक नामालूम कितनी ही ऐसी चीज़ें हैं, जिन्हें देखकर आज भी दुनिया हैरत में पड़ जाती हैं. ये मिस्र की सभ्यता और साइंस का ही कमाल था कि सदियों पहले सिर्फ़ लेप लगाकर सदियों तक इंसानी लाशों को महफूज़ रखने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसे हम ममी कहते हैं. लेकिन अब इसी मुल्क में आईएसआईएस ने दहशतगर्दी का ऐसा कोहराम मचाया कि बेगुनाहों की ताज़ा लाशें देख कर मिस्र की ममी तक रो पड़ीं.

मिस्र की सड़कों पर इस वक़्त सब कुछ आम दिनों की मानिंद है. अलबत्ता यहां से करीब 70 मील दूर तांता नाम की जगह पर एक चर्च में हुए आतंकवादी हमले के बाद यहां के सुरक्षा इंतज़ाम पहले के मुकाबले ज़रा कड़े ज़रूर कर दिए गए हैं. लेकिन तभी यहीं लगे सीसीटीवी कैमरों में कुछ दहलाने वाली तस्वीरें क़ैद होती हैं. ये तस्वीरें भी एक चर्च की ही हैं. अलेक्सज़ेंड्रिया इलाक़े के सेंट मार्क्स कैथेड्रल की. लोगों की आवाजाही के बीच एक शख्स अपने गले में नीले रंग की स्वेटर लपेटे पैदल ही चर्च के मेन गेट से अंदर जाने की कोशिश करता है. लेकिन वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी उसे मेटल डिटेक्टर वाले दूसरे गेट से अंदर जाने को कहते हैं. एक महिला पुलिसकर्मी भी यहीं खड़ी-खड़ी एक दूसरी महिला से बातचीत कर रही है. लेकिन वहां मौजूद हर शख्स की सोच से परे ठीक मेटल डिटेक्टर वाले गेट के क़रीब पहुंच कर स्वेटर लपेटे पहुंचा वो शख्स एक ही झटके में खुद को उड़ा लेता है.

Advertisement

चंद मिनटों में सब कुछ हो गया खाक
धमाके के बाद कैमरे से सामने धूल-धुएं और शोलों का ऐसा ग़ुबार उठता है कि अगले चंद मिनटों तक किसी को कुछ नज़र ही नहीं आता. एक दूसरे कैमरे से इसी धमाके की तस्वीरों को थोड़ा और बेहतर तरीक़े से समझने की कोशिश करते हैं. ये तस्वीरें भी रौंगटे खड़े करने वाली हैं. कैमरे में भी वो शख्स चर्च के मेन गेट से अंदर जाने की कोशिश करता हुआ नज़र आता है, जिसे सिक्योरिटी गार्ड दूसरे गेट की तरफ़ जाने का इशारा करते हैं. मगर अगले चंद सेकेंड्स में ही ब्लास्ट हो जाता है. ये ब्लास्ट कितना ज़ोरदार है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दीवार की दूसरी तरफ़ होने के बावजूद इस कैमरे में धमाके का इंपैक्ट साफ-साफ़ दिखाई देता है. दरअसल, मिस्र में हुए बैक टू बैक हुए दो आतंकवादी हमलों में से ये एक की वो लाइव तस्वीर है, जो चर्च के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में क़ैद हुई है. पुलिस इन तस्वीरों के साथ दूसरे सुराग़ों की मदद से मामले की जांच भी कर रही है.

ISIS ने ली फिदायीन हमले की जिम्मेदारी
लेकिन पुलिस के किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले ही दुनिया के सबसे ख़ौफ़नाक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने इन धमाकों की जिम्मेदारी खुद पर ले ली है. जी हां, उन धमाकों की, जिनमें 50 लोग मारे गए, जबकि सौ से ज़्यादा लोग बुरी तरह ज़ख्मी हो गए. अलेक्ज़ेंड्रिया से दूर तांता में भी रविवार की सुबह पहला धमाका हुआ. धमाके से कुछ देर पहले तक यहां सब कुछ खुशनुमा था. गुड फ्राइडे से पहले लोग पाम संडे की प्रार्थनाओं में डूबे थे. लेकिन तभी अचानक हुए एक ब्लास्ट ने खचाखच भरे इस चर्च में कोहराम मचा दिया. फिर तो किसकी जान गई, कौन ज़िंदा बचा और कौन जीते-जीते मौत से भी बदतर हालत में पहुंच गया, किसी को पता ही नहीं चला. वो तो जब धूल और धुएं का ग़ुबार छंटा और हर तरफ़ बिखरे मलबों के बीच से फिर ज़िंदगी के टुकड़ों को बटोरने की कोशिश शुरू हुई, तब जाकर पता चला कि उन्होंने क्या कुछ खोया और क्या गंवाया.

Advertisement

अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बना रहा है ISIS
दरअसल आईएसआईएस की ओर से मिस्र में अल्पसंख्यक समुदाय यानी इसाइयों को निशाना बना कर किए गए उन दो फियादीन हमलों में से एक था, जिसकी मार देखकर सिर्फ़ मिस्र के लोग ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया रो पड़ी. मिस्र में पहले की तरह इस बार भी आईएसआईएस ने ना सिर्फ़ अल्पसंख्यक इसाइयों को अपना निशाना बनाया, बल्कि नुकसान ज़्यादा पहुंचाने के लिए उसने पाम संडे जैसे पवित्र दिन को चुना. पाम संडे के बारे में कहा जाता है कि इसी दिन ईसा मसीह सलीब पर लटकाए जाने से पहले येरुसलेम आए थे. आईएसआईएस ने इसी खास दिन को हमले के लिए चुना. शहर के दो अलग-अलग जगहों पर दो फिदायीन ने हमलों को अंजाम दिया. वो मुल्क जिसने दुनिया को पिरामिड जैसी बेहतरीन चीज़ दी, वो मुल्क जिसने अपने ममी के साइंस से सदियों पहले दुनिया को अपना लोहा मानने पर मजबूर किया और वो मुल्क जिसकी सभ्यता-संस्कृति ने पूरी दुनिया पर अपनी ख़ास छाप छोड़ी.

आतंक की मार से मिस्र लहूलुहान
एक रोज़ वही मुल्क असभ्य और बर्बर दहशतगर्दों की करतूत के आगे इतना बेबस हो जाएगा, ये सोचना भी अजीब सा लगता है. लेकिन नए मिस्र का सच कुछ ऐसा ही है. वैसे ये पहला मौका नहीं है, जब नफ़रत की मार से मिस्र लहूलुहान हुआ है. लेकिन इस बार जिस तरीक़े से चर्च के अंदर घुसकर दहशतगर्दों ने एक ख़ास समुदाय के लोगों को निशाना बनाया है, वैसा कम से कम हाल के दिनों में तो कभी नहीं हुआ. मिस्र शुरू से ही सेक्यूलर सोचवाले लोगों का देश रहा है. ऐसे में देश की कुल आबादी में मुस्लिमों की तादाद सबसे ज़्यादा है. लेकिन ऐन गुड फ्राइडे से पहले पाम संडे पर हुए आईएसआईएस के इस हमले ने मिस्र की संस्कृति पर ही सबसे ज़्यादा चोट पहुंचाई है. 9 अप्रैल को पाम संडे होने की वजह से इस रोज़ दुनिया भर के चर्चों में दूसरे दिनों के मुकाबले कुछ ज़्यादा ही भीड़ थी. ऐसे में मिस्र के तांता इलाक़े में मौजूद ये चर्च भी लोगों से अटा पड़ा था.

Advertisement

आतंकी चर्च को बना रहे हैं निशाना
लोग खजूर के पत्ते हाथ में लिए ईसा मसीह के येरुसलेम आने की तारीख़ याद कर रहे थे. चर्च में सरमन और प्रेयर का दौर अभी चल ही रहा था कि एक शख्स श्रद्धालुओं की तरह चर्च के अंदर पहुंचा, बल्कि चर्च की बेदी के पास पहुंचकर उसने खुद को उड़ा लिया. फिर तो खचाखच भरे इस चर्च में कैसी तबाही मची, ये ऊपर दिए गए इस वीडियो को देखकर ही समझा जा सकता है. धमाके के साथ ही चर्च में भगदड़ के हालात पैदा हो गए. जो सीधे धमाके की चपेट में आए वो तो ख़ैर बेमौत मारे गए लेकिन ऐसे लोग भी कम नहीं थे, जो धमाके में मारे तो नहीं गए, लेकिन ज़िंदगी जीते जी मौत से भी बदतर हो गई. इन सब में सबसे बुरा हाल महिलाओं और मासूम बच्चों का था. लेकिन तांता में हुआ ये धमाका भी जैसे काफ़ी नहीं था. आईएसआईएस के जल्लादों ने दो घंटे बाद अलेक्ज़ेंड्रिया इलाक़े में एक दूसरे चर्च को अपना निशाना बनाया और वहां भी वैसे ही फिदायीन धमाके को अंजाम दिया.

तीन महीनों के लिए लगाई इमरजेंसी
हालांकि अब इन धमाकों के बाद मिस्र के प्रधानमंत्री अब्दुल फतेह अल सीसी ने देश में कम से कम तीन महीनों के लिए इमरजेंसी लगाने की बात कही है. इस इमरजेंसी के दौरान मिस्र की सुरक्षा एजेंसियों की ताकत और बढ़ा दी जाएगी और वो ऐसे में आतंकवाद से और ज़्यादा पुख्ता तरीके से निपट सकेंगे. वैसे इन हमलों के साथ ही आईएसआईएस ने जहां आने वाले दिनों में इसाइयों पर और हमले करने की चेतावनी दी है, वहीं प्रधानमंत्री अल सीसी ने आतंकवादियों से कहा है कि अब उन्हें इसका हिसाब देना होगा और आने वाले दिनों में दहशतगर्दी के खिलाफ़ जंग लंबी और दर्दनाक होगी. आईएसआईएस को अब इस बात का अहसास हो चला है कि सीरिया और इराक़ में उसके दिन बस गिनती के ही रह गए हैं. ऐसे में अब वो मिस्र समेत आस-पास के मुल्कों में अपने लिए नई ज़मीन तलाश रहा है. मिस्र के दो चर्चों में हुए फिदायीन हमले इसी का सुबूत हैं. लेकिन ये भी तय है कि यहां भी उसे करारी शिकस्त खानी पड़ेगी.

Advertisement

सीरिया और इराक़ में कमजोर पड़ रहा है ISIS
सीरिया और इराक़ जैसे मुल्कों में आईएसआईएस की हालत लगातार कमज़ोर पड़ रही है. ऐसे में दुनिया के इस सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन ने अपनी ज़मीन बचाए रखने के लिए मिस्र में ज़मीन तलाशने की शुरुआत कर दी है. गुड फ्राइडे से हफ्ते भर पहले पाम संडे पर मिस्र के दो अलग-अलग चर्च में हुए धमाके इस बात का सुबूत हैं. दरअसल, आईएसआईएस को अब इस बात का एहसास हो चला है कि इराक़ और सीरिया में उसके दिन अब गिनती के ही रह गए हैं, क्योंकि इराक़ में जहां उसे इराकी समेत अमेरिका और मित्र देशों की सेनाएं लगातार शिकस्त दे रही हैं, वहीं सीरिया में वो सीरियाई फ़ौज और रुसी हमलों से बुरी तरह मार खा रहा है. ऐसे में उसे लगता है कि अब मिस्र ही वो जगह है, जहां वो नए सिरे से अपनी दहशत की दुकान चला सकता है. यही वजह है कि अब वो मिस्र में ना सिर्फ़ कट्टरपंथी सोच रखने वाले लोगों को अपने पाले में मिलाने की कोशिश कर रहा है, बल्कि उनके दिमाग़ में जहर भर कर उनके जरिए बेगुनाहों की जान ले रहा है.

चार महीने पहले भी चर्च पर किया था हमला
इसी सिलसिले में करीब चार महीने पहले भी काहिरा में आईएसआईएस ने चर्च पर ही हमले किए थे. असल में आईएसआईएस जानबूझ कर अलग-अलग देशों में उन समुदायों को ही निशाना बनाता है, जिससे बहुसंख्यक मुसलमानों को अपने पाले में किया जा सके. सीरिया और इराक़ में जहां उसके निशाने पर शिया समुदाय के मुसलमान हैं, वहीं मिस्र जैसे देश में वो इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर इसाइयों को टारगेट कर रहा है. वैसे मिस्र की सरकार ने आईएसआईएस से जंग की बात कह कर अपने इरादे जता दिए हैं. उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी मिस्र का साथ देने की बात कही है, लेकिन आईएसआईएस से मिस्र की जंग आसान नहीं होगी.

Advertisement
Advertisement