इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच पांचवें दिन भी हमले जारी हैं. इजरायली सेना लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर भीषण हवाई हमले कर रही है. बुधवार को आईडीएफ ने उसके 100 से अधिक ठिकानों पर हमले किए हैं. इन हमलों में 10 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस लड़ाई को देखते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने अपने नागरिकों से तुरंत लेबनान छोड़ने की चेतावनी दी है.
हिज्बुल्लाह के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी ब्लास्ट में बुरी तरह घायल होने की वजह से उसके 1500 लड़ाकों को लड़ाई से बाहर करना पड़ा है. इन लड़ाकों में कई की आंखों की रौशनी चली गई है, तो कई हाथ-पैर उड़ गए हैं. इसे हिज्बुल्लाह के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. हालांकि, एक अमेरिकी रिपोर्ट में इस आतंकवादी संगठन के लड़ाकों की संख्या 40 से 50 हजार बताई गई है.
इजरायली डिफेंस फोर्स का दावा है कि हिज्बुल्लाह ने इजरायल पर बड़े हमले का प्लान बनाया था. इसमें हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए नरसंहार जैसी साजिश रची गई थी. इस बार उत्तरी इजरायल में हिज्बुल्लाह के लड़ाके उसी तरह घुसपैठ की प्लानिंग में थे, जिस तरह हमास ने दक्षिणी इजरायल में किया था. लेकिन समय रहते इजरायल को इस साजिश की भनक लग गई. इसके बाद इजरायली सेना ने इसमें शामिल कमांडरों का सफाया कर दिया.
आईडीएफ प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि इस साजिश के तहत हिज्बुल्लाह का इरादा इजरायल पर बड़ा हमला करना था. उसके निशाने पर गैलिली इलाके के लोग थे. उसके आतंकी वहां दाखिल होते, हमारे नागरिकों की हत्या करते और उनका अपहरण करते, जैसा कि हमास ने 7 अक्टूबर को किया था. इस हमले को लेकर पूरी प्लानिंग की गई थी. उसे अंजाम देने के लिए शुक्रवार को बैठक हुई थी. इसकी जिम्मेदारी रादवां फोर्स को सौंपी गई थी.
उन्होंने बताया कि इस साजिश का मास्टरमाइंड हिज्बुल्लाह कमांडर इब्राहिम अकील था. ये वही आतंकी है जो शुक्रवार को इजरायली हमले में मारा गया है. इस पर बेरूत में बमबारी कर 241 अमेरिकी सैनिकों की हत्या का भी आरोप था. हमास ने जिस तरह दक्षिण इजरायल के सीमावर्ती गांवों को निशाना बनाया था, उसी तरह हिज्बुल्लाह के निशाने पर उत्तरी इजरायल के गांव थे. इनमें से एक मिसगाव एम लेबनानी सीमा से महज 250 मीटर दूर है, जबकि दूसरा मेतुला 350 मीटर दूर है.
हिज्बुल्लाह के आतंकी बड़ी संख्या में इजरायली सीमा पर हमला करते तो उनके लिए इन गांवों तक मिनटों में पहुंचना कोई बड़ी बात नहीं थी. लेकिन इजरायल का दावा है कि उसने चंद मीटर की दूरी पर मौजूद इस खतरे को भांप लिया और हमले की प्लानिंग कर रहे कमांडरों को सटीक बमबारी से मार गिराया. इजरायल ने कहा कि उसने तेल अवीव के ऊपर हिज्बुल्लाह के मिसाइलों को मार गिराया. ये मध्य इजरायल को निशाना बनाकर किया गया पहला हमला प्रतीत होता है.
इजराइली सेना ने कहा कि उसने बुधवार को तेल अवीव पर हिज्बुल्लाह द्वारा दागी गई मिसाइल को रोक दिया, जो कि सीमा पार संघर्ष के लगभग एक साल में इजराइल में आतंकवादी समूह का सबसे बड़ा हमला प्रतीत होता है. आईडीएफ ने कहा कि सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, जिसने तेल अवीव और नेतन्या में अलर्ट ट्रिगर किया, को इजराइल एयर फोर्स ने मार गिराया गया. हवाई हमले के सायरन ने लोगों को सुबह-सुबह बम शेल्टर में भागने पर मजबूर कर दिया.
हिज्बुल्लाह ने भी दावा किया कि उसने तेल अवीव को अपनी बैलिस्टिक मिसाइल से निशाना बनाया. उसने मोसाद के हेडक्वार्टर को निशाना बनाते हुए कद्र-110 मिसाइल दागी. उसने कहा कि ये हमला उसने पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाकों का बदला लेने के लिए किया गया था. हालांकि इजरायली सेना ने कहा कि उसने डेविड स्लिंग डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल कर मिसाइलों को रोक दिया. इस हमले में किसी के मरने, घायल होने या नुकसान की कोई खबर नहीं है.
हिज्बुल्लाह को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने के लिए इजराइल ने आसमान के साथ जमीन से भी हमले शुरू कर दिए हैं. तोपों से गोले बरसने लगे हैं. इस बार निशाने पर हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह है. इजराइल का खौफ उसके जेहन में इस कदर हावी है कि वो छुपता फिर रहा है. हिजबुल्लाह के तमाम कमांडर ढेर होते जा रहे हैं. जिंदा कमांडरों में उसके अलावा अब दो ही बड़े नाम बचे हैं. इजरायल को अब इन तीनों कमांडारों की तलाश है, जिसके लिए लड़ाई अंतिम चरण में है.