इस साल जनवरी में इजरायली एम्बेसी के बाहर हुए ब्लास्ट केस (Israel Embassy Blast Case) में गिरफ्तार चारों संदिग्धों को गुरुवार को जमानत मिल गई है. चारों को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने लद्दाख के करगिल से गिरफ्तार किया था. चारों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं होने के कारण इन्हें जमानत दे दी गई है.
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) से मिले इनपुट्स के आधार पर इन चारों को जून में ही स्पेशल सेल (Special Cell) ने करगिल से गिरफ्तार किया था. स्पेशल सेल के सीनियर अफसरों के मुताबिक, इन चारों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत (Direct Evidence) नहीं मिल रहा था. इन चारों आरोपियों का साइको एनालिसिस टेस्ट भी करवाया गया था, जिसमें दो की रिपोर्ट संदिग्ध आई थी. हालांकि, ब्लास्ट केस में कोई सीधा सबूत नहीं मिलने की वजह से इन्हें जमानत मिल गई.
इजरायली दूतावास के बाहर हुए बम धमाके में इन चारों को संदिग्ध माना गया था. इसका कारण ये था कि ब्लास्ट वाले दिन यानी 29 जनवरी को चारों आरोपियों के फोन बंद थे और ये चारों अचानक ही दिल्ली से गायब हो गए थे.
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29 जनवरी को हुआ था धमाका
दिल्ली में इसी साल इजरायली एम्बेसी के बाहर 29 जनवरी को IED ब्लास्ट हुआ था. हालांकि, इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी. 29 जनवरी को ही भारत और इजरायल की कूटनीतिक दोस्ती के 29 साल भी पूरे हुए थे. इसी दिन बीटिंग रिट्रीट भी थी. तभी शाम को 5 बजकर 5 मिनट पर ये धमाका हुआ था. ये वो समय था जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में शामिल होने के लिए विजय चौक पहुंच रहे थे. कहा गया था कि ये धमाका बड़ा पैनिक फैलाने के मकसद से किया गया था.