
Israel Hamas War: इजरायल और हमास बीच चल रही जंग के खत्म होने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं. ये एक ऐसी जंग है, जिसे लेकर दुनियाभर के कई मुल्क दो खेमों में बंट गए हैं. एक वो देश हैं, जो हमास को आजादी के पैरोकार मानते हैं और एक वो जो इजरायल के साथ खड़े दिखाई देते हैं. ऐसे में इजरायल पर यमन की धरती से मिसाइल दागी गई. जिसे इजरायल ने एरो एयर डिफेंस सिस्टम (AADS) ने तबाह कर दिया. इस मिसाइल हमले के पीछे यमन नहीं बल्कि वहां की सरकार के खिलाफ लड़ने वाले हूती विद्रोहियों का हाथ बताया जा रहा है.
मिसाइल और ड्रोन किए तबाह
इजरायली सेना के एरो सिस्टम ने लाल सागर क्षेत्र की ओर से इजरायल पर दागी गई, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल को खत्म कर दिया. इजरायली सुरक्षाबलों के हवाले से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि उनके एयरफोर्स सिस्टम ने मिसाइल की ट्रैजेक्टरी को ट्रैक कर उसे ध्वस्त कर दिया. इसके अलावा आईडीएफ के फाइटर जेट ने अन्य दो ड्रोन को भी मार गिराया है.
हूती विद्रोहियों ने दागी मिसाइलें
तीन मोर्चों पर जंग लड़ रहे इजरायल के सामने इस मिसाइल हमले को नई चुनौती माना जा रहा है. इजरायल से करीब 2200 किलोमीटर दूर यमन से विद्रोही संगठन हूती ने ये मिसाइलें दागी हैं. ईरान समर्थित संगठन हूती का दावा है कि उसने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया है. इस नई चुनौती से निपटने के लिए इजरायल ने रेड सी (लाल सागर) में अपनी मिसाइल बोट को तैनात किया है. इससे पहले इजरायल गाजा में हमास, लेबनान में हिज्बुल्ला और सीरिया में हमास समर्थित संगठनों का सामना कर रहा है.
हूती विद्रोहियों के निशाने पर इजराइली शहर
कहा जा रहा है कि यमन में ईरान सरकार द्वारा समर्थित हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर मिसाइल लॉन्च की थी. इस मिसाइल का टारगेट इजरायल का दक्षिणी शहर इलियट था. आईडीएफ ने कहा कि मिसाइल के अलावा हम पर ड्रोन हमले भी किए गए. लाल सागर क्षेत्र से ड्रोन हमले किए गए जिन्हें नष्ट कर दिया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, हूती के एक अधिकारी ने बताया कि इजरायल में ड्रोन भेजे गए थे. हूती सरकार के प्रधानमंत्री अब्देलअजीज बिन हैबटूर ने कहा कि ये ड्रोन यमन के हैं. ऐसा माना जा रहा है कि सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल को यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा दागा गया.
यमन के लोगों की मांग पर हमला
हौती संगठन के प्रवक्ता याया सरिया ने बताया कि इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से किए गए हमले गाजा के लोगों के लिए धार्मिक, नैतिक, मानवीय और राष्ट्रीय जिम्मेदारी की भावना से किए गए. यह ऑपरेशन यमन के लोगों की मांग के बाद शुरू किया गया.
कौन है हूती?
हूती ने 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था. हूती सरकार को ईरान का समर्थन है. यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया मुस्लिमों का सबसे बड़ा आदिवासी संगठन हूती का उदय 1980 के दशक में हुआ था. हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में ईरान ने इस संगठन को समर्थन दिया है, जिसके बाद इसके लड़ाकों ने लाल सागर से इजरायल की तरफ मिसाइल दागी. मगर, इजरायल ने इसे हवा में ही नाकाम कर दिया. इसे तबाह करने के लिए इजरायल ने पहली बार एरो सिस्टम को इस्तेमाल किया है. एरो डिफेंस सिस्टम इजरायल और अमेरिका का संयुक्त प्रोजेक्ट है.
इजरायल ने तैनात की मिसाइल बोट
हूती द्वारा किए गए हमले के बाद इजरायली नेवी भी अलर्ट पर आ गई है. नेवी ने रेड सी में मिसाइलों से लैस बोट्स को तैनात किया है. IDF ने बताया कि रेड सी में स्थिति का आकलन करने के बाद क्षेत्र में बढ़ते रक्षा प्रयासों के तहत ये तैनाती की गई है. अमेरिकी सेना भी रेड सी रीजन में तैनात है, और उसने दो हफ्ते पहले हूती द्वारा इजरायल की ओर जाने वाली कई मिसाइलों और ड्रोनों को रोका था.
7 अक्टूबर से जारी है जंग
सात अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल पर 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमला कर दिया था. इसके तुरंत बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था. इन दो हफ्तों की जंग में गाजा पट्टी पूरी तरह से तबाह हो गई है.
इजरायल और हमास जंग में मरने वालों फिलिस्तीनी नागरिकों की संख्या बढ़कर 8306 हो गई है. अब तक गाजा के 23 लाख में से आधे नागरिकों ने अपना घर छोड़ दिचा है. इस जंग में 1400 से अधिक लोग घायल हुए हैं. हमास के लड़ाकों ने 200 से ज्यादा नागरिकों को बंधक बनाकर रखा है. हमास का दावा है कि इजरायली बमबारी में 50 से ज्यादा बंधकों की मौत हो गई है.