इजरायल और हमास के बीच करीब एक महीने से जंग चल रही है. गाजा में एक तरफ इजरायल के लड़ाकू विमान बम बरसा रहे हैं तो दूसरी उसकी सेना जमीनी जंग में हमास के आतंकियों को ठिकाने लगा रही है. इस युद्ध में एक तरफ इजरायल है, जो खुलेआम अपने ऊपर हुए हमले का बदला ले रहा है. दूसरी ओर आतंकी संगठन हमास है, जिसके साथ लेबनान के हिज्बुल्ला और यमन के हूती लड़ रहे हैं. गाजा पट्टी से हमास हमले कर रहा है. हिज्बुल्ला लेबनान की धरती से तेल अवीव की ओर हमले तेज किए है. वहीं हूती आतंकी संगठन भी मिसाइल दाग रहा है.
इजरायल के साथ हो रही इस जंग में हमास का साथ निभाने सबसे पहले हिज्बुल्ला आया. उसने लेबनान से हमले तेज कर दिए. शनिवार को हिज्बुल्ला ने इजरायल की तरफ एंटी टैंक मिसाइल दागे और उसकी जिम्मेदारी भी ली. इतना ही नहीं हिजबुल्ला ने नए मिसाइल का इस्तेमाल भी किया है. हिज्बुल्ला के हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इजरायली फौज ने भी ठान ली है. इजरायल डिफेंस फोर्सेस के जवानों ने हिज्बुल्लाह के रॉकेट डिपो पर पलटवार किया है. उसके मिलिट्री कंपाउंड पर टारगेट किया है. दो दिन पहले ही हिज्बुल्ला प्रमुख नसरूल्लाह ने हमास का खुला समर्थन किया था.
इजरायल को अपना दुश्मन मानता है हिज्बुल्ला
हमास का समर्थन करने वाला हिज्बुल्ला भी इजरायल को अपना दुश्मन मानता है. उसे भी ईरान का समर्थन हासिल है. उसके पास भी घातक रॉकेट और अन्य अत्याधुनिक हथियार हैं. लेबनान के कुछ हिस्से पर हिज्बुल्ला का नियंत्रण भी है. हमास का दूसरा भरोसेमंद साथी यमन का आतंकी संगठन हूती बना है. जंग के 26वें दिन हूती की एंट्री हुई. यमन के हूती विद्रोहियों ने दावा किया कि उन्होंने इजरायल की ओर बैलेस्टिक मिसाइल से हमला बोला. इसके साथ ही हमले की तस्वीरें भी जारी की थी. हूती आतंकियों ने मिसाइल लॉन्च करने से पहले इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी भी की थी.
इजरायल पर तीन बार हमले कर चुका यमन का हूती
7 अक्टूबर को हमास की कायराना करतूत के बाद से हूती इजरायल पर तीन बार हमले कर चुका है. पहला हमला 19 अक्टूबर को हुआ था, लेकिन अमेरिका ने उसकी मिसाइल को बीच में ही तबाह कर दिया. दूसरा हमला 26 अक्टूबर को किया गया था. इस बार भी लाल सागर में इजरायल ने उसके हमले को नाकाम कर दिया. 31 अक्टूबर को तीसरा हमला हुआ. हूती ने बैलेस्टिक मिसाइल दागने का दावा किया, जिसे इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम ने तबाह कर दिया. यमन से इजरायल की दूरी 2200 किमी है. इसके बाद भी हूती विद्रोही इजरायल को निशाना बना रहे हैं. इजरायल ने भी तीनों के खिलाफ कमर कस ली है.
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हमास, हिज्बुल्ला, हूती के साझा हमलों ने बढाई चिंता
हमास, हिज्बुल्ला और हूती के साझा हमलों ने इजरायल की मुश्किलें जरूर बढ़ाई हैं, फिर भी इजरायली फौज ना रूकी है, ना झुकी है. चुनौतियों को स्वीकार कर आईडीएफ जवान करारा जवाब दे रहे हैं. इजरायली सेना और उनके भारी भरकम टैंक तबाही मचा रहे हैं. दुश्मन का सीना गोलियों से छलनी कर रहे हैं. 7 अक्टूबर को हुए हमले के बाद से इजरायल की वायुसेना ने मोर्चा संभाला था. उनके लड़ाकू विमान बारूद बरसा कर गाजा से हमास के सफाए में जुटे थे. अब जमीन से भी जंग तेज हो चुकी है. इजरायली रक्षा मंत्री भी गाजा पहुंच चुके हैं. वहां वो अपने सैनिकों की जमकर हौसला आफजाई कर रहे हैं.
हमास के 20 कमांडर और 1000 से अधिक आतंकी ढेर
इन 30 दिनों में इजरायल ने हमास की कमर तोड़ने में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. दोनों तरफ से करीब 11 हजार जानें गई हैं. हजारों लोग जख्मी हैं. सिर्फ गाजा में करीब 9500 की मौत हुई हैं. मरने वालों में 1000 से ज्यादा आतंकी भी शामिल हैं. हमास के करीब 20 कमांडर भी ढेर किए जा चुके हैं. बड़ी संख्या में आतंकी अड्डों को तबाह किया जा चुका है. आतंकियों के ऑपरेशनल हेडक्वार्टर, लॉन्चिंग पैड, छिपने के ठिकाने, ट्रेनिंग कैंप, और हथियारों के गोदाम पर भी इजरायली फौज ने तबाही मचायी है. अब उन ठिकानों पर टारगेट सेट किया जा रहा है, जहां आतंकियों के छिपे होने के सबूत मिल रहे हैं.
लेबनान के हिज्बुल्ला के बारे में जानिए...
हिज्बुल्ला एक शिया आतंकी संगठन है. यह लेबनान में 1975 से 1990 तक चले गृहयुद्ध में अस्तित्व में आया था. इस आतंकी संगठन को ईरान अपना समर्थन और आर्थिक सहयोग देता है. ईरान शिया मुसलमानों का देश है. साल 1982 में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने इस आतंकी संगठन की स्थापना की थी. इसका मकसद ईरान में हुए इस्लामी क्रांति को दूसरे देश में फैलाना और लेबनान में इजरायली सेना के खिलाफ मोर्चा खड़ा करना था. अब इस संगठन का दक्षिणी लेबनान के कुछ इलाकों पर शासन है. इस पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है. हिज्बुल्ला अपने संगठन में एक लाख से ज्यादा लड़ाके होने का दावा करता है.
यमन के हूती के बारे में जानिए...
यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया मुस्लिमों के सबसे बड़ा आदिवासी संगठन हूती का उदय 1980 के दशक में हुआ था. हूती ने साल 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था. हूती सरकार को ईरान का समर्थन है. वो उसे धन और हथियार भी मुहैया करता है. हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में इस आतंकी संगठन के लड़ाके लाल सागर से इजरायल की तरफ मिसाइल दाग रहे हैं. लेकिन हर बार इजरायल इनकी मिसाइलों को हवा में ही नाकाम कर दे रहा है. इसे तबाह करने के लिए इजरायल ने पहली बार एरो सिस्टम को इस्तेमाल किया है. एरो डिफेंस सिस्टम इजरायल और अमेरिका का संयुक्त प्रोजेक्ट है.