
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुए एक एनकाउंटर में इनामी गैंगस्टर जयपाल भुल्लर और जसप्रीत जस्सी को पुलिस ने ढेर कर दिया. पंजाब में दोनों पर दो थानेदारों के कत्ल का इल्जाम था. अपने साथी के साथ जयपाल भुल्लर उर्फ मनजीत मारा गया. कभी हैमर थ्रो का नेशनल प्लेयर रहा जयपाल भुल्लर कब गैंगस्टर बना, खुद पिता को भनक नहीं लगी.
पिता भी सामान्य आदमी नहीं, एक पुलिस इंस्पेक्टर था. जयपाल के पिता भूपेंद्र सिंह भुल्लर पुलिस इंस्पेक्टर थे. जयपाल सबसे बड़ा बेटा था और जरायम के रास्ते पर चल निकलता था, जहां उसकी मौत होनी ही थी. बेबस पिता अपने बेटे को अपराध की दुनिया में जाने से रोक नहीं पाया.
जयपाल के पिता के मुताबिक उसकी मुलाकात एक गैंगस्टर से जिम में हुई, जिसके बाद वह लगातार उसके संपर्क में बना रहा. पिता की निगरानी तो रही लेकिन उसे पुलिस इंस्पेक्टर पिता, अपराध की दुनिया से वापस नहीं खींच सका.
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कैसे हुई अपराध की दुनिया में एंट्री?
जयपाल लुधियाना में राज्य सरकार की ओर चलाई जा रही स्पीड फंड अकादमी में था. उसने साल 2004 में पहली बार एक सिनेमा हॉल के मालिक के 7 साल के बेटे का अपहरण किया. स्पोर्ट्स उससे छूटता चला गया और गैंगस्टर के साथ रिश्ते उसके पक्के होते चले गए. भूपेंद्र सिंह के मुताबिक जब उनके बेटे ने पहली बार अपराध को अंजाम दिया, तब उन्होंने कहा कि लौट आओ. जयपाल घर पर भी रुका लेकिन गैंगस्टरों ने कहा कि अगर जयपाल घर पर रहा तो उसके साथ परिवार का भी कत्ल कर दिया जाएगा.
खूंखार गैंगस्टर के साथ संपर्क
जयपाल राजीव राजा नाम के एक गैंगस्टर से मिला. साल 2006 में उस पर लुधियाना के ही एक जूलरी व्यापारी के परिवार के तीन लोगों की हत्या का इल्जाम था. बेल पर जेल से बाहर आने के बाद जयपाल की मुलाकात शेरा से हुई. तीनों ने मिलकर गैंग बनाने का फैसला किया. जनवरी 2009 में दोनों ने राजा को जेल से भगाने में मदद की. जेल से छूटकर इन बदमाशों ने पंजाब में खूब आतंक मचाया.
कैसी है क्रिमिनल हिस्ट्री?
खूंखार गैंगस्टर जयपाल पर तरनतारण और लुधियाना में 2 मर्डर, लुधियाना में व्यवसायी के घर में 60 लाख की डकैती, राजस्थान के किशनगढ़ में 2 करोड़ के तांबे का ट्रक लूटने, लुधियाना के चिराग किडनैपिंग केस, एयरटेल शो रूम डकैती समेत 43 संगीन मामले दर्ज हैं. जयपाल का ड्रग रैकेट से भी कनेक्शन 4 जनवरी 2016 को खुला था, जब मोहाली पुलिस ने स्मगलर गुरजंट भोलू से पूछताछ की.
2016 की वारदात से चर्चा में आया नाम
30 अप्रैल 2016 को चंडीगढ़ हाइवे पर एक टोयोटा फॉर्च्यूनर पर जयपाल अंधाधुंध गोलियां चलाता है. इस वारदात के थोड़ी देर बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में जयपाल ने हत्या की जिम्मेदारी ली. जिस शख्स पर गोलियां बरसाईं गईं थीं, उसका नाम जसविंदर उर्फ रॉकी था. जयपाल रॉकी को मारकर उस गैंग का मुखिया बन गया. कहा गया कि यह बदला गैंगस्टर शेरा की मौत का था.
दरअसल 2012 में जयपाल के गैंगस्टर दोस्त शेरा खूबन को पुलिस ने बठिंडा में मार गिराया था. जब शेरा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, तो जयपाल को शक था कि रॉकी ने शेरा खूबन के बारे में पुलिस को जानकारी दी थी. इसलिए उसने बदला लिया. इस वारदात के बाद उसने फेसबुक पर पोस्ट लिखा था, कल 30 अप्रैल 2016 को रॉकी का हिमाचल में कत्ल हो गया. वो कत्ल मैंने ही किया था. अभी तो खेल शुरू हुआ है, जस्ट वेच एंड वाच.
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जयपाल ने साल 2017 में चितकारा यूनिवर्सिटी के नजदीक चंडीगढ़-पटियाला हाइवे पर कैश ले जा रही वैन में से 1.3 करोड़ रुपए और रोपड़ में एटीएम लोडिंग वैन से 35 लाख रुपए लूटे. साल 2020 में, जयपाल ने एक डकैती को अंजाम दिया, जिसमें उसने लुधियाना में करीब 33 किलो सोना लूटा.
जयपाल की तलाश में पुलिस का ऑपरेशन जैक
इस खूंखार वारदात के बाद जयपाल की तलाश में पंजाब पुलिस ने ऑपरेशन जैक शुरू किया. पंजाब पुलिस की ये तलाश बुधवार 9 जून 2021 को खत्म हो गई. जयपाल सिंह भुल्लर और उसके साथी जसप्रीत जस्सी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया. पंजाब के मोस्ट वांटेड इन दोनों आरोपियों को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की STF ने मार गिराया.
ऐसे हुए ढेर बदमाश
दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी कि जयपाल भुल्लर और जसप्रीत जस्सी एक अपार्टमेंट में छिपे हुए हैं. स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने जब अपार्टमेंट पर छापा मारा तो दोनों ने फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें पुलिस का एक अफसर घायल हो गया. इसके बाद STF की तरफ से भी जवाबी फायरिंग की गई और दोनों बदमाशों की मौके पर ही मौत हो गई.
नशे की तस्करी में शामिल थे बदमाश
एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पंजाब के DGP ने खुलासा किया कि जयपाल पाकिस्तान के बड़े नशा तस्करों के साथ मिलकर सरहद पार से नशे की तस्करी करवाता था. पुलिस ने उसे ए कैटेगिरी के गैंगस्टर लिस्ट में रखा था, जिस पर 10 लाख का इनाम घोषित था.
न्यूज वेबसाइट दी लल्लनटॉप के मुताबिक हाल ही में जयपाल के पिता ने कहा था कि जयपाल के क्राइम कनेक्शन का नतीजा परिवार को भुगताना पड़ा. पुलिस ने पूरे परिवार को टॉर्चर किया. एक SSP फिरोजपुर में आया था, जिसने पता नहीं किसके कहने पर मेरे ऊपर, मेरी पत्नी पर और छोटे बच्चे पर केस दायर कर दिया, चोरी का. छोटे बच्चे को अरेस्ट कर लिया गया, सवा साल जेल में रहा वो, फिर दुबई चला गया. और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.
कौन था जसप्रीत उर्फ जस्सी?
गैंगस्टर जयपाल भुल्लर के साथ जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सी भी ढेर हो गया. उसकी उम्र महज 29 साल थी. जस्सी एक एथलीट था. साल 2015 में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. आरोप लगा मारपीट का. जस्सी धीरे-धीरे ड्रग्स स्मगलिंग में शामिल हो गया. इसका खुलासा तब हुआ जब एसटीएफ को उसके कारनामों की जानकारी मिली.
साल 2018 में जसप्रीत एसटीएफ के हत्थे चढ़ा. 200 ग्राम हेरोइन के साथ पुलिस ने उसे धर दबोचा था. उसे जेल भेजा गया. वह वहीं, गैंगस्टर्स के संपर्क में आया. सोहाना थाने में जनवरी में उस पर अपहरण और आर्म्स एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया. कुछ समय पहले जगरांव में दो पुलिसकर्मियों की हत्या में जस्सी का नाम आया था. आरोप है कि उसी ने पुलिस पर सबसे पहले फायरिंग की थी. इस वारदात के बाद पुलिस ने उसकी पत्नी लवप्रीत कौर पर केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था.
करोड़ों रुपये की फंडिंग!
जरायम की दुनिया में जसप्रीत की पत्नी लवप्रीत, उसे बचाती थी. उसके बैंक खातों में करोड़ों रुपये की फंडिंग की जानकारी सामने आई है. मई 2021 में खरड़ पुलिस ने जसप्रीत उर्फ जस्सी और ऑस्ट्रेलिया में रह रहे दंपती समेत चार लोगों पर केस दर्ज किया था. इसमें गुरजंट सिंह जंटा और उसकी पत्नी कोमलप्रीत शामिल थी. आरोप था वह यहां ड्रग तस्करी करता था. इसके बाद हवाला के जरिए पैसा ऑस्ट्रेलिया भेजता था. एनकाउंटर में मारे गए जस्सी पर पुलिस ने 5 लाख का इनाम रखा था.
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