जम्मू में टाडा कोर्ट ने जे.के.एल.एफ. चीफ और पूर्व आतंकी यासीन मलिक के खिलाफ 1989 में हुए रूबिया सईद अपहरण मामले में आरोप तय कर दिए हैं. यह देश का बहुत चर्चित अपहरण कांड था. पिछले साल मार्च में जम्मू की टाडा अदालत ने यासीन मलिक और उसके अन्य साथियों के खिलाफ 1990 में आईएएफ अधिकारी की हत्या के मामले में भी आरोप तय किए थे.
घटना 1989 की थी. जब तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद को जेकेएलएफ के आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था.
कश्मीर में अस्सी के दशक के अंतिम सालों में अलगाववाद तेजी से कदम बढ़ा रहा था. इसी दौरान आतंकवादियों ने तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद का अपहरण किया और उसके बदले में सरकार से पांच आतंकवादियों को छोड़ने की मांग की. डॉ. रूबिया सईद अपहरण को मुक्त कराने के लिए सरकार ने पांच आतंकवादियों को रिहा कर दिया था. इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर यासीन मलिक का नाम आया था.
बता दें कि यासीन मलिक के खिलाफ एक मामला अभी भी लंबित हैं. यह जनवरी 1990 को श्रीनगर के रावलपोरा में हुए आतंकी हमले से संबंधित है. वायु सेना के कर्मचारियों पर आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी की गई, जिसमें एक महिला सहित 40 को गंभीर चोटें आईं थीं और वायुसेना के चार जवान शहीद हो गए थे.
इस मामले में जांच के बाद मलिक और पांच अन्य के खिलाफ टाडा कोर्ट में 31 अगस्त, 1990 को आरोप पत्र दायर किया गया था.
जबकि एक मामला तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बहन डॉ रूबिया सईद के अपहरण से संबंधित है.