
Jasmeen Kaur Case: उसका नाम जसमीन कौर था. वो ऑस्ट्रेलिया में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी. 21 साल की जसमीन एक रोज अचानक गायब हो जाती है. पुलिस तफ्तीश शुरू करती है और उसके पुराने ब्वॉयफ्रेंड को पकड़कर उससे पूछताछ करती है. और तब वो लड़का एक चौंकाने वाला खुलासा करता है. वो पुलिस को बताता है कि जसमीन अब इस दुनिया में नहीं है. उसने सुसाइड कर लिया और उसी ने जसमीन की लाश को दफ्न किया है. और जब पुलिस जसमीन की लाश को जमीन से बाहर निकालती है, तो सामने आती है एक नई सनसनीखेज कहानी.
जिंदा दफ्न होने की कैफियत
फर्ज कीजिए किसी के हाथ उसकी पीठ के पीछे कस कर बांधे गए हों, उसके मुंह पर टेप चिपकी हो, दोनों पैरों को भी कस कर बांध दिया गया हो और उसे इसी हाल में जीते-जी किसी कब्र में औंधे मुंह पटक कर दफना दिया जाए, तो उसकी हालत क्या होगी? ऐसे किसी मंजर के बारे में सोच कर भी रौंगटे खड़े हो जाते हैं. किसी का दम घुटना अपने आप में कितनी भयानक बात होती है, लेकिन अगर हर सांस के साथ नाक और मुंह के रास्ते रेत और मिट्टी किसी के फेफड़ों में भरती रहे, तो उसकी कैफियत क्या होती होगी?
पुलिस और जज भी हैरान
ऑस्टेलिया के शहर एडिलेड में रह कर नर्सिंग की पढ़ाई कर रही 21 साल की जसमीन कौर को कुछ ऐसी ही मौत मिली. ऐसी भयानक मौत जिसकी सच्चाई जानकर ऑस्टेलिया के तेज तर्रार पुलिसवालों और जज के भी होश उड़ गए. अदालत में इस हत्या को अनकॉमन लेवल ऑफ क्रुएल्टी यानी अस्वाभाविक किस्म की बर्बरता करार दिया गया और जस्मीन के कत्ल के गुनहगार को ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई. यानी अब वो जीते जी कभी जेल की सलाखों से बाहर नहीं आ सकेगा.
कातिल और मकतूल दोनों भारतीय
लेकिन आखिर जसमीत का कत्ल क्यों हुआ? उसे इतनी भयानक मौत क्यों दी गई? उसके साथ ऐसा करने वाला कौन था? और इस भयानक कत्ल का राज कैसे सामने आया? तो आज वारदात में आपको एडिलेड में कातिल का शिकार बनी जसमीन की पूरी कहानी तफ्सील से बताएंगे. हमारा दावा है कि बर्बरता की ये कहानी सुनकर आप भी उतने ही हैरान होंगे, जितने इस वक्त ऑस्टेलिया के लोग हैं. इतेफाक से इस कहानी के दोनों ही किरदार यानी कातिल और मकतूल, भारत से हैं यानी दोनों मूल रूप से भारतीय हैं.
5 मार्च 2021, नॉर्थ प्लिम्टॉन, एडिलेड
यही वो तारीख थी, जब जसमीन कौर अपने वर्क प्लेस यानी अपने दफ्तर से रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई. नर्सिंग की स्टूडेंट होने के साथ वो साउथ ऑस्टेलिया के नॉर्थ प्लिम्टॉन में मौजूद एक ओल्ड एज होम में काम भी करती थी. एडिलेड में अपने अंकल-आंटी के साथ रहने वाली जसमीन रोजाना की तरह इस दिन भी तय वक्त पर अपने वर्क प्लेस पर पहुंच गई थी. लेकिन इसके बाद जब वो देर तक घर नहीं लौटी, तो उसके घर वाले भी परेशान हो गए. उन्होंने जसमीन से संपर्क साधने की काफी कोशिश की. लेकिन उसका फोन लगातार स्विच्ड ऑफ आ रहा था और तब वो अपने तौर पर जसमीन को ढूंढ कर हार गए, तो उन्होंने अगले दिन पुलिस के पास जाकर जसमीन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई.
आरोपी तक ऐसे पहुंची पुलिस
पुलिस ने इस सिलसिले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जसमीन की तलाश शुरू कर दी. सबसे पहले पुलिस उसी जगह पर पहुंची, जहां से वो गायब हुई थी. यानी जसमीन का वर्क प्लेस. इतेफाक से किसी ने भी उसे वहां निकलते या फिर किसी के साथ जाते हुए नहीं देखा था. लेकिन इस जगह पर सीसीटीवी कैमरे में जसमीन के गायब होने वाले दिन एक संदिग्ध कार की तस्वीरें जरूर कैद हुई थी. अब पुलिस इस कार के नंबर के सहारे उसके मालिक तक पहुंची. कार मालिक ने वारदात वाले दिन यानी 5 मार्च को उस ओल्ड एज होम की तरफ जाने की बात से ही इनकार कर दिया, लेकिन उसने इतना जरूर बताया कि उस दिन उसकी कार उसका दोस्त और फ्लैट मेट तारिकजोत सिंह जरूर मांग कर ले गया. अब पुलिस तारिकजोत सिंह के बारे में जानकारी जुटाने लगी.
साजिश के पीछे तारिकजोत का नाम?
इसी बीच पुलिस को अपने बही-खातों में भी तारिकजोत का नाम मिल गया. 21 साल का तारिकजोत पहले जसमीन का ब्वॉयफेंड हुआ करता था. लेकिन जसमीन से हुए ब्रेकअप के बाद से वो लगातार उसका पीछा कर रहा था और उसे परेशान करता था. असल में जसमीन ने इस सिलसिले में एडिलेड पुलिस के पास एक शिकायत भी दर्ज करवाई थी, जिसके बाद पुलिस ने भी तारिकजोत को ना सिर्फ चेतावनी दी थी, बल्कि जसमीन से दूर रहने को कहा था. इत्तेफाक से अपने फ्लैटमेट की कार के जरिए अब तारिकजोत का कनेक्शन जसमीन कौर के वर्क प्लेस से जुड़ने लगा था. तो क्या इस साजिश और जसमीन की गुमशुदगी के पीछे तारिकजोत ही था?
जसमीन कौर की मौत का खुलासा
जसमीन की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाए जाने के अगले ही दिन यानी 7 मार्च को पुलिस तारिकजोत को हिरासत में ले चुकी थी. पहले तो वो जसमीन से मिलने मिलाने की बात से ही इनकार करता रहा, लेकिन जब पुलिस ने उसका सबूतों से सामना करवाया, तो उसने मान लिया कि उसने जसमीन को उसके वर्क प्लेस से पिक किया था. लेकिन थोड़ी ही देर की पूछताछ के बाद उसने ये कह कर पुलिस वालों को चौंका दिया कि अब जसमीन इस दुनिया में नहीं है. उसकी मौत हो चुकी है. तो क्या उसने जसमीन का कत्ल कर दिया था? तारिकजोत की मानें तो नहीं. तारिकजोत लगातार ये कह रहा था कि जसमीन ने खुदकुशी कर ली थी और उसने बस उसकी लाश एक कब्र में दफ्ना दी थी.
643 किलोमीटर दूर दफनाई थी लाश
तारिकजोत की इस बात पर यकीन करना तो मुश्किल था, लेकिन कत्ल की बात साबित करने के लिए भी पुलिस को सबूतों की दरकार थी. अब तारिकजोत पुलिस को उस जगह पर लेकर गया, जहां उसने जसमीन की लाश दफनाई थी. ये जगह एडिलेड से करीब 400 मील यानी करीब 643 किलोमीटर दूर थी. फ्लिंडर्स रेंज इलाके में हाईवे से थोड़ी ही दूरी पर एक सुनसान जगह पर तारिकजोत ने जसमीन की लाश दफनाई थी.
जिंदा जमीन में दफनाए जाने का खुलासा
तारिकजोत के इशारे पर अब पुलिस जसमीन की लाश जमीन खोद कर बाहर निकाल चुकी थी. लिहाजा लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया. लेकिन जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई, जसमीन की मौत का राज खुल गया. पोस्टमार्टम करनेवाले डॉक्टरों ने बताया कि उसकी सांस की नली और यहां तक कि फेफड़ों में भी धुल के कण और मिट्टी मौजूद थी. और ऐसा तभी हो सकता है, जब किसी ने उसे जिंदा जमीन में दफ्ना दिया हो.
कत्ल की खौफनाक कहानी
तारिकजोत अब घिर चुका था. लेकिन उसने तब तक अपना जुर्म कबूल नहीं किया, जब तक कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. 9 महीने बाद मामला ऑस्टेलिया की सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और तब तारिकजोत ने जसमीन को जिंदा दफ्ना कर उसकी हत्या करने की बात कबूल कर ली थी. लेकिन इसी कबूलनामे के साथ उसने जसमीन के कत्ल की जो कहानी सुनाई, वो रौंगटे खड़े करनेवाली थी.
ऐसे जिंदा दफ्न किया था जसमीन को
पुलिस के मुताबिक उसने बिल्कुल ठंडे दिमाग से जसमीन की जान लेने की साजिश रची थी. वो जसमीन के ब्रेकअप कर लिए जाने के बाद से ही बदले की आग में जल रहा था और उसे हर हाल में सबक सिखाना चाहता था. कुछ इसी इरादे से उसने 5 मार्च को जसमीन को अगवा कर लिया, लेकिन पकड़े जाने से बचने के लिए उसने इस काम में अपने फ्लैट मेट की कार का इस्तेमाल किया. वो उसी कार से जसमीन के वर्क प्लेस पर गया था. वहां से वो जसमीन को अपने साथ चलने के लिए राजी करने में कामयाब हो गया. लेकिन इसके बाद बीच रास्ते में ही उसने पहले तो जसमीन के हाथ पैर बांध कर उसे अपनी कार की डिग्गी में बंद कर दिया और फिर करीब 643 किलोमीटर का सफर तय कर एक सुनसान जगह पर पहुंचा. जहां उसी हालत में उसने एक कब्र खोदी और फिर जसमीन को उसी कब्र में जिंदा दफ्न कर दिया. तारिकजोत ने जब उसे कब्र में डाल कर उस पर मिट्टी डालने की शुरुआत की, जसमीन की सांसें तब भी ना सिर्फ चल रही थी, बल्कि वो पूरे होशो-हवास में थी.
पूरी प्लानिंग के साथ किया था मर्डर
पुलिस की तफ्तीश में पता चला कि वो पूरी तैयारी से जसमीन की हत्या करने पहुंचा था. जसमीन को पिक करने से पहले उसने एक दुकान से उसके हाथ पांव बांधने के लिए केबल टाई खरीदी थी और मिट्टी खोदने के लिए एक फावड़ा भी लिया था. पुलिस ने जब तारिकजोत की निशानदेही पर उसकी लाश कब्र से खोद कर बाहर निकाली, तब भी जसमीन के हाथ उसके पीठ के पीछे बंधे हुए थे. पैरों में भी केबल टाई लगी थी यानी पैर भी बंधे थे. जबकि आंख और मुंह पर टेप चिपकी हुई थी. जसमीन को जिंदा दफ्नाने के बाद जब तारिकजोत वापस एडिलेड की तरफ जा रहा था, तो रास्ते में एक रेस्तरां के पास उसने जसमीन की वर्क आईडी, कपड़े और कुछ बचे हुए केबल टाई एक कूडेदान में डाल दिए थे. जिन्हें बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया.
नाकाम हुई सीसीटीवी कैमरों से बचने की तरकीब
इस वारदात को अंजाम देने के लिए तारिकजोत ने कितनी गहरी साजिश रची थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कत्ल की वारदात को अंजाम देने से एक रोज पहले पकड़े जाने से बचने के लिए उसने पूरे एडिलेड शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की लोकेशन का एक ब्यौरा नेट से डाउनलोड किया था. यानी वो पहले से इस बात की तैयारी कर चुका था कि वो किसी भी सीसीटीवी कैमरे की जद में ना आए. लेकिन तकदीर का खेल देखिए कि इतना दिमाग लगाने के बाद भी वो एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से ही पकड़ा गया. पुलिस को उसके दोस्त की कार की फुटेज जसमीन के वर्क प्लेस के बाद नजर आ गई और यही इस मामले का पहला सुराग था.
बचाव पक्ष के वकील ने दी ऐसी दलील
जस्मीन कौर के कत्ल के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से अपनी बात रखते हुए प्रॉसीक्यूटर कारमेन मेट्टेयो एससी ने भरी अदालत में जिस तरह से जसमीन कौर के कत्ल की कहानी बयान की उसे सुन कर हर कोई हैरान रह गया. हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि तारिकजोत सिंह एक नई उम्र का लड़का था, जो ब्रेकअप से मिले सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सका. वो खुद पर काबू नहीं कर पाया. कत्ल के इतने दिन बाद भी तारिकजोत की दिमागी हालत ठीक नहीं है. वो अब भी अपनी गर्लफ्रेंड रही जसमीन कौर की आवाज सुनने की बात करता है. उसे लगता है कि जसमीन अब भी जिंदा है. ऐसे में आप उसकी मानसिक स्थिति को समझ सकते हैं.
दोषी को उम्रकैद की सजा
बहरहाल, तमाम सबूतों को परखने और दोनों पक्षों को सुनने के बाद ऑस्टेलिया की सुप्रीम कोर्ट ने तारिकजोत सिंह को उम कैद की सजा सुनाई है. जज ने ये साफ कर दिया कि उसे पैरोल मिलने और ना मिलने और उसकी समय सीमा तय करने पर फैसला अब अगले महीने लिया जाएगा.