बिहार के गया में जेडीयू की निलंबित एमएलसी मनोरमा देवी ने अपने घर में चोरी का आरोप लगाते हुए लगते हुए रिसीव करने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि जबतक चोरी हुए समान नहीं मिलते तब तक वह घर रिसीव नही करेंगी. घर में शराब मिलने के कारण पुलिस ने एमएलसी के घर को सील किया था. हाईकोर्ट के आदेश से घर का सील खोला गया तो पता चला कि घर से करीब डेढ़ करोड़ का सामान चोरी हो गया है.
मनोरमा देवी का आरोप है कि घर को प्रशासन ने सील किया था, तो चोरी की जिम्मेदारी भी उसकी ही है. चोरी करने के आरोप में पुलिस के आलाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. इसके बाद एफएसएल की टीम इस मामले की जांच कर रही है. चोरी का आरोप गया के सिटी डीएसपी, कोतवाली, रामपुर और विष्णुपद के थानाध्यक्ष, गया नगर के प्रखंड विकास पदाधिकारी और उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर पर लगा है.
सीनियर अफसरों के खिलाफ चोरी का केस
जानकारी के मुताबिक, पुलिस-प्रशासन द्वारा सील किए गए अपने घर से डेढ़ करोड़ की चोरी होने के मामले में मनोरमा देवी ने जिला और पुलिस प्रशासन सहित उत्पाद विभाग के अफसरों पर एफआईआर दर्ज करायी है. आवेदन में कहा है कि उनके घर को सील करते समय सिटी डीएसपी, कोतवाली, विष्णुपद, रामपुर थानाध्यक्ष, नगर प्रखंड के बीडीओ, उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर आदि अधिकारी मौजूद थे, इसलिए चोरी के लिए ये लोग जिम्मेदार हैं.
हथियार, ज्वैलरी और कैश चोरी का आरोप
आवेदन में उल्लेख किया गया है कि उनके सील घर से जेवरात, 15 लाख रुपये नगद, एक लाइसेंसी रायफल, एक बंदूक और एक रिवॉल्वर सहित अन्य कीमती सामान जिसकी कीमत करीब एक करोड़ होता है चोरी कर ली गई है. अधिकारी हथियार के लाइसेंस और गोली अपने साथ लेते चले गए, जबकि हथियारों को घर में ही छोड़ दिया. एमएलसी घर के बाहर अपना निजी सुरक्षाकर्मी को रखना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने इजाजत नहीं दी.
एमएलसी के घर से बरामद हुई थी शराब
बताते चलें कि गया रोड रेज मामले के मुख्य आरोपी रॉकी यादव की तलाशी के दौरान इसी साल 9-10 मई की रात में मनोरमा देवी के घर से छह शराब की बोतलें बरामद की गई थी. रोड रेज की घटना होने के बाद से मनोरमा फरार हो गई थीं. प्रशासन ने मनोरमा देवी के घर को 11 मई को सील कर दिया था. घर को मुक्त कराने के लिए मनोरमा ने एक याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर की थी. कोर्ट ने मनोरमा देवी को घर सुपुर्द करने का आदेश दिया.