देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार तिहाड़ जेल से रिहा हो गए हैं. गुरुवार हो रिहाई के बाद जेएनयू कैंपस पहुंचे कन्हैया ने रात 10:20 बजे कैंपस में छात्रों को संबोधित किया. अपने 40 मिनट से अधिक के संबोधन में कन्हैया ने कहा कि उनका देश के संविधान में पूरा भरोसा है और पूरी उम्मीद है कि बदलाव आकर रहेगा.
कन्हैया ने कहा कि जेएनयू विवाद देश के बुनियादी सवालों से ध्यान भटकाने की कोशिश है. अपने संबोधन में कन्हैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस पर जमकर चुटकी ली, खूब निशाना साधा और इनको हिटलर से भी जोड़ा. कन्हैया ने कहा, 'तुम जितना दबाओगे हम उतनी मजबूती से खड़े होंगे.' संबोधन के अंत में कन्हैया ने 'आजादी' वाले नारे भी लगाए.
#KanhaiyaKumar ends his speech at JNU urging his supporters to raise slogans of 'Azaadi' with context. pic.twitter.com/RGl2xdpM50
— ANI (@ANI_news) March 3, 2016
कन्हैया ने अपने उत्साहपूर्ण भाषण में कहा कि वह यहां लोगों से अपने साथियों से अनुभव साझा करने आए हैं, भाषण देने नहीं. कन्हैया ने कहा, 'अत्याचार के खिलाफ जेएनयू ने हमेशा आवाज बुलंद की है. आगे भी करता रहेगा, लेकिन जेएनयू के खिलाफ सुनियोजित हमला किया गया. हम भारत से आजादी नहीं, भारत में आजादी मांग रहे हैं.'
#KanhaiyaKumar at JNU after his release from Tihar Jail. Slogans of 'Bhookhmari, jaativaad se Azaadi' being raised. pic.twitter.com/FYjjr33Jpu
— ANI (@ANI_news) March 3, 2016
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष ने एबीवीपी पर हमला करते हुए कहा, 'हम एबीवीपी को विपक्षी दल मानते हैं, दुश्मन नहीं.' प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी नारों और कालाधन वापसी के नारों पर वार करते हुए कन्हैया ने कहा कि अभी तक कालाधन नहीं आया. 'अच्छे दिन' और ट्विटर पर पीएम के एक्टिवनेस पर चुटकी लेते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री ट्विटर पर सत्यमेव जयते कहते हैं. सत्यमेव जयते किसी एक दल का नहीं है. यह देश का है. हम भी सत्यमेव जयते कहते हैं.'
Bharat se nhi mere bhaiyon, Bharat mein azaadi maang rhe hain. 'Se' aur 'Mein' mein fark hota hai: #KanhaiyaKumar pic.twitter.com/EvrU8u5SWl
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पुलिस ने पूछा- लाल सलाम क्यों कहते हो
कन्हैया ने जेल के अनुभवों को साझा करते हुए कहा, 'एक पुलिसकर्मी ने मुझसे पूछा कि लाल सलाम क्यों कहते हो. मैंने उसे बताया कि लाल मतलब क्रांति और सलाम मतलब क्रांति को सलाम. पुलिस वाले ने कहा समझ नहीं आया. मैंने कहा इंकलाब जिंदाबाद समझते हैं. पुलिस वाले ने कहा हां. मैंने बताया कि क्रांति को ही उर्दू में इंकलाब कहते हैं.' कन्हैया ने कहा कि लंबे अरसे बाद जेएनयू से कोई जेल गया है. उन्होंने कहा, 'जब तक जेल में चना रहेगा आना जाना लगा रहेगा.'
Kuch ko to aapne 'Har Har' keh ke jhak lia, aaj kal 'Arhar' se pareshaan hain: #KanhaiyaKumar pic.twitter.com/KhfN1BJKM2
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'फर्जी ट्वीट करने वाले संघी से चाहिए आजादी'
जमानत पर रिहा हुए कन्हैया ने कहा कि वह और जेएनयू के उसके साथी अंबेडकर के भारत का निर्माण करना चाहते हैं. कन्हैया ने कहा, 'हमें भूखमरी से आजादी चाहिए. भ्रष्टाचार से आजादी चाहिए. हम सामाजिक लोकतंत्र की बात करते हैं. हमारा संविधान की प्रस्तावना पर पूरा भरोसा है. बाबा साहब ने कहा था कि राजनीतिक लोकतंत्र से काम नहीं चलेगा. क्या देश के अंदर आजादी मांगना गलत है. हम फर्जी ट्वीट करने वाले संघी लोगों से आजादी चाहते हैं.'
We don't look at ABVP as enemy. We look at them as opposition: #KanhaiyaKumar at JNU pic.twitter.com/U4sQwJuT3r
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सैनिकों को सलाम करता हूं, लेकिन...
कन्हैया ने कहा कि वह देश के सैनिकों को सलाम करते हैं. देश के प्रति उनकी पूरी आस्था है और इसलिए वह देशहित में आजाद की मांग कर रहे हैं. कन्हैया ने अपने संबोधन के दौरान कई बार कहा कि उनका किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, 'मेरी अपनी विचारधारा है. मेरा राजनीति से कोई संबंध नहीं है. मेरे साथ खड़े होने वाले नेताओं पर भी देशद्रोह का आरोप लगाया गया. देश में खतरनाक प्रवृति चल पड़ी है. जेएनयू के हित में खड़े होने वालो को सैल्यूट करने की जरूरत है. लेकिन दुर्भाग्य है कि देश में बेचने वाली मानसिकता चल पड़ी है.'
'मुख में राम, बगल में छुरी'
बीजेपी, आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष और हमलों का दौर जारी रखते हुए कन्हैया ने कहा, 'अयोध्या का मुद्दा फिर चल रहा है. लेकिन इस बार मुख में राम बगल में छुरी नहीं चलेगा, इस बार धुरी बदल गई है. मैंने जेल में एक सिपाही से पूछा कि कुछ लोग भगवान के लिए कुछ रचना चाहते हैं क्या राय है. सिपाही ने कहा कि महा बुड़बक राय है.'
कन्हैया ने कहा कि जेएनयू के विरोध का पूरा प्लान नागपुर में तय हुआ. प्रधानमंत्री जी मन की बात तो करते हैं, लेकिन सुनते नहीं हैं. पीएम मोदी को चाहिए कि वह लोगों के मन की बात सुनें और मां की बात भी सुन लें. अपने संबोधन के अंत में जेएनयू के चिरपरिचित अंदाज में 'ले के रहेंगे आजादी' वाली नारेबाजी करते हुए कन्हैया ने कहा कि वह और जेएनयू के छात्र रोहित वेमुला की लड़ाई और अमन की लड़ाई लड़ेंगे.
कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से निकाला गया
बुधवार को हाई कोर्ट ने कन्हैया को छह महीने की सशर्त अंतरिम जमानत दी थी, जिसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को रिहाई के आदेश जारी किए. कन्हैया की रिहाई के बाबत जेएनयू छात्र संघ के तमाम कार्यकर्ता तिहाड़ के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच मौजूद रहे, वहीं कन्हैया रिहा होने के बाद जेएनयू कैंपस पहुंच चुका है.
जानकारी के मुताबिक, कन्हैया को गुरुवार शाम ठीक 6:30 बजे आधिकारिक तौर पर रिहा किया गया. जबकि सुरक्षा कारणाें से उसे पहले ही हरि नगर पुलिस थाने ले जाया गया था. वहां उसे साउथ वेस्ट पुलिस की सिक्योरिटी में लिया गया. बताया जाता है कि जेल में कन्हैया का मेडिकल किया गया, जिसके बाद उसे कॉलोनी रूट से हरि नगर थाने ले जाया गया और फिर आधिकारिक रूप से रिहा किया गया. इससे पहले कन्हैया के वकील शाम करीब 5 बजे रिलीज ऑर्डर लेकर तिहाड़ जेल पहुंचे. ऑर्डर की कॉपी जेल अधिकारियों को सौंप दी गई.
#KanhaiyaKumar released from Tihar prison on interim bail: Celebrations at his residence in Begusarai,Bihar #JNURow pic.twitter.com/OWQZBPUXDC
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कन्हैया की रिहाई के मद्देनजर दोपहर बाद से ही तिहाड़ जेल के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई. वहां बड़ी संख्या में जेएनयू छात्र संघ से जुड़े कार्यकर्ता और छात्र संगठनों के लोग जुट गए. इस कारण दिल्ली पुलिस के कमांडो भी तैनात किए गए. कन्हैया को सुरक्षा देने के लिए सुरक्षाबलों और गाड़ियों का इंतजाम भी किया गया. कोर्ट ने कन्हैया की बेल बॉन्ड और श्योरटी को मंजूर कर लिया है. उसकी अंडरटेकिंग संबंधी कार्रवाई भी पूरी की गई. सुरक्षा के मद्देनजर चाणक्यपुरी में कोर्ट लगाई गई.
'दिल्ली में ही रहेगा कन्हैया'
इंडिया टुडे से बातचीत में कन्हैया के भाई मणिकांत ने कहा, 'कन्हैया अभी दिल्ली में ही रहेगा, बेगूसराय आने का कोई सवाल नहीं उठता.' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो डर गया समझो मर गया. जबकि कन्हैया के पिता जयशंकर सिंह ने कहा कि आरएसएस खुद एक आतंकी संगठन है. इन्होंने ही गांधी जी को मारा था. आज चोर खुद कोतवाल को डांट रहा है.
#KanhaiyaKumar released from Tihar prison on interim bail: Celebrations at his residence in Begusarai,Bihar #JNURow pic.twitter.com/6rDZ2WRXDX
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इस मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई थी. हाई कोर्ट में जहां दिल्ली पुलिस ने कन्हैया के जमानत का विरोध किया, वहीं दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने इसकी पुरजोर वकालत की.
Mai uski maa hun aur mujhe parvarish par poora bharosa hai: #KanhaiyaKumar's Mother pic.twitter.com/V0Fmg6tTSP
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जानकारी के मुताबिक, हाई कोर्ट ने कन्हैया को सशर्त जमानत देते हुए निर्देश दिया कि वह इस मामले की जांच में दिल्ली पुलिस का सहयोग करे. इसके साथ ही कोर्ट ने उसे 10 हजार रुपये का बेल बॉन्ड भरने का भी निर्देश दिया. जमानत मिलने पर खुशी जताते हुए कन्हैया के भाई मणिकांत ने कहा कि सत्य की जीत हुई है. यह लड़ाई आगे जारी रहेगी.
जस्टिस प्रतिभा रानी ने कन्हैया कुमार को किसी प्रकार की 'राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में' प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भाग लेने से मना करते हुए कहा कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष की हैसियत से वह परिसर में किसी भी तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधि पर काबू पाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए हर संभव प्रयास करेंगे. यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनकी जमानत निरस्त हो सकती है.
जेएनयू और घर में है उत्सव का माहौल
कन्हैया को जमानत मिलने के बाद जेएनयू में उत्सव का माहौल देखा गया. विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों ने कन्हैया के समर्थन में नारे लगाए जिनमें ज्यादातर वामपंथ समर्थक छात्र थे. छात्रों का एक समूह जोर से नारे लगा रहा था, 'हम खुश हैं, हम खुश हैं.' उसके गृहनगर बिहार के बेगूसराय में परिजनों और समर्थकों ने आतिशबाजी और मिठाई बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया.
हाईकोर्ट ने पुलिस से मांगा और सबूत
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि टीवी फुटेज के अलावा इस मामले में कोई और सबूत है कि नहीं. इस पर अभियोजन पक्ष ने कहा कि हमारे पास कई सबूत हैं. इस मामले में सीसीटीवी फुटेज के अलावा कई स्वतंत्र गवाह भी हैं. इनमें जेएनयू के चीफ सिक्योरिटी अफसर के अलावा तीन अन्य छात्र शामिल हैं.
सीसीटीवी की निगरानी में था कन्हैया
बताते चलें कि कन्हैया कुमार को न्यायिक हिरासत में दिल्ली के तिहाड़ जेल में रखा गया था. जेल में उसकी सुरक्षा इतनी मजबूत की गई थी कि वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था. उसकी सुरक्षा के लिहाज से हर संभव सावधानी बरती जा रही थी. न सिर्फ उसे अलग सेल में रखा गया था, बल्कि खाने-पीने की जांच से लेकर उसके सेल पर हर पल सीसीटीवी की निगरानी रखी जा रही थी.