scorecardresearch
 

हिट एंड रन केसः 13 साल बाद सलमान के लिए फैसले की घड़ी

वही रात.. जिसमें कभी सलमान गाड़ी की ड्राइविंग सीट से उतरते भी दिखे और कभी गायब भी. उस एक रात में करीब पांच किलोमीटर का फासला तय करने निकले सलमान खान 13 साल बाद भी सुकून की मंजिल पर नहीं पहुंच सके हैं, लेकिन अब 6 मई सुबह ठीक सवा ग्यारह बजे इस केस को उसकी मंजिल मिलने जा रही है.

Advertisement
X
Salman Khan
Salman Khan

13 साल पहले की वो एक रात... सलमान खान की ना जाने कितनी रातों की नींदें उड़ा चुकी है और आज भी उड़ा रही है. वही रात.. जो कभी हिट एंड रन के नाम से सुर्खियों में आई तो कभी गैर-इरादतन कत्ल की शक्ल में. वही रात.. जिसमें कभी सलमान गाड़ी की ड्राइविंग सीट से उतरते भी दिखे और कभी गायब भी. उस एक रात में करीब पांच किलोमीटर का फासला तय करने निकले सलमान खान 13 साल बाद भी सुकून की मंजिल पर नहीं पहुंच सके हैं, लेकिन अब 6 मई सुबह ठीक सवा ग्यारह बजे इस केस को उसकी मंजिल मिलने जा रही है.

Advertisement

करियर के सबसे सुनहरे दौर से गुजर रहे सलमान खान मिट्टी को भी छू दे तो सोना बन जाती है. वो सलमान खान जिसने सौ करोड़ से ज्यादा की कमाई करने वाली फिल्मों की झड़ी सी लगा दी है. मगर मुकद्दर के इस सिकंदर की तकदीर कभी एक जैसी नहीं रही. शोहरत और मुसीबत दोनों सलमान के साथ जुड़वां की तरह चिपके रहे. हिट एंड रन केस का भूत पिछले 13 सालों से सलमान का पीछा कर रहा है और जो उन्हें बार-बार फिल्मी सेट के बाहर असली अदालत में इस तरह हाज़िर होने को मजबूर करता है.

सलमान का कद तब भी उस 70 एमएम की स्क्रीन से कहीं ज्यादा बड़ा था जिसके बड़े पर्दे के वो बड़े सितारे थे पर बड़ा सितारा होने के साथ-साथ बॉलीवुड के बड़े बिगड़ैल का भी खिताब तब तक वो हासिल कर चुके थे. 'हम दिल दे चुके सनम' की सुपरहिट कामयाबी और मोहब्बत और नफरत के बीच ऐशवर्या राय के नाम 'तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही अलाप' के दरम्यान सलमान खान अपने कजिन कमाल खान के साथ रात साढ़े नौ बजे घर से निकलते हैं. बाहर उनका बॉडीगार्ड और मुंबई पुलिस का कांस्टेबल रवींद्र पाटिल खड़ा था. कमाल, पाटिल को बताते हैं कि रेन बार, जुहू चलना है.

Advertisement

रवींद्र पाटिल के पुलिस को दिए बयान के मुताबिक सफेद रंग की टोयटा लैंड क्रूजर कार खुद सलमान ड्राइव करते हैं और फिर तीनों जुहू पहुंचते हैं. रेन बार के मैनेजर रिजवान रखांगी के मुताबिक उस रात बार में बहुत सारे सेलेब्रिटीज थे. सलमान के हाथ में उसने सफेद रंग का ग्लास देखा था, जिसमें सफेद लिक्विड जैसा कुछ था. रिजवान के मुताबिक सलमान और उनके दोस्तों ने फॉस्टर बीयर, कॉस्मोपोटिलन कॉकटेल, व्हाइट बकार्डी रम और स्नैक्स के ऑर्डर दिए थे, जिसका कुल बिल करीब दस हजार रुपए था.

रेन बार से निकलने के बाद सलमान कुछ देर के लिए होटल जेडब्लूयू मैरिएट जाते हैं और फिर वहां से देर रात को तीनों घर के लिए निकल जाते हैं. रात तीन बजे के बाद सलमान पार्टी से बाहर निकलते हैं. सरकारी वकील कहते हैं कि वो नशे में थे, पर सलमान खान कहते हैं कि उन्होंने उस रात बार में सिर्फ पानी पिया था. घर जाने के लिए उनके पास उस रात सफेद रंग की टोयटा लैंड क्रूजर गाड़ी थी. गाड़ी चलाने के लिए साथ में बॉडीगार्ड कम ड्राइवर भी.

सलमान की गाड़ी रात के अंधेरे में करीब तीन बजे बांद्रा के हिल रोड पर पहुंचती है.. गाड़ी की रफ्तार बेहद तेज थी. लिहाजा हिल रोड पर अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी से कुछ पहले ही अचानक ड्राइवर गाड़ी का संतुलन खो बैठता है और पल भर में गाड़ी बाईं तरफ से सड़क छोड़ कर फुटपाथ पर दौड़ने लगती है. बदनसीबी से उस वक्त उसी फुटपाथ पर अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी में काम करने वाले पांच कर्मचारी सो रहे थे. तेज रफ्तार लैंड क्रूजर पांचों को रौदते हुए आगे निकलती है और फिर दुकान के शटर से टकरा कर गाड़ी रुक जाती है.

Advertisement

पुलिस के मुताबिक हादसे के बाद सलमान खान अचानक घबरा जाते हैं. तब तक गाड़ी के फुटपाथ से टकराने और घायलों की चीख-पुकार सुन कर आसपास सो रहे बाकी लोग भी जाग जाते हैं. लोग गाड़ी के नीचे फंसे लोगों को बाहर निकालते हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया जाता है. सलमान कुछ देर बाद गाड़ी मौके पर ही छोड़ कर गायब हो जाते हैं पर 70 एमएम की स्क्रीन से भी जिसका कद बड़ा हो, उसकी एक झलक उसे पहचानने के लिए काफी होती है. भागने से पहले सलमान को कई लोग पहचान चुके थे.

हादसे में एक मजदूर करीब-करीब मौके पर ही दम तोड़ देता है, जबकि चार मजदूर बुरी तरह से जख्मी हो जाते हैं. चारों में से ज्यादातर के पैर को गाड़ी ने रौंद डाला था. चार घायलों में से एक मुस्लिम नियामत शेख ने शुरूआत में पुलिस को बताया था कि हादसे के वक्त वो सो रहा था. तभी जोर की आवाज के साथ उसके बाएं पैर पर कुछ वजनी चीज चढ़ी जिससे उसकी आंख खुल गई. शेख ने बताया कि उसने सलमान खान को गाड़ी के दाहिने दरवाजे यानी ड्राइवर की सीट से नीचे उतरते देखा था. मगर बाद में मजिस्ट्रेट कोर्ट में शेख ने कहा कि उसने ड्राइवर की सीट से सलमान को उतरते नहीं देखा था.

Advertisement

इस हादसे से पहले सलमान खान काले हिरन के शिकार और ऐश्वर्या राय के साथ अपने गुस्से को लेकर सुर्खियां बटोर चुके थे, लिहाज़ा इस हादसे की खबर को फैलते भी देर नहीं लगी. सलमान हादसे के बाद मौके से गायब हो चुके थे. पुलिस घर पहुंची, तो वो घर पर भी नहीं मिले, लेकिन सलमान.... सलमान खान थे, छुपना मुश्किल था. लिहाजा करीब आठ घंटे बाद वो खुद सामने आ जाते हैं.

{mospagebreak}सुबह होते-होते पूरी मुंबई में खबर फैल चुकी थी. सलमान खान के दामन पर एक और दाग लग चुका था पर हादसे के बाद से खुद सलमान गायब थे. गाड़ी का नंबर और चश्मदीद सलमान के खिलाफ चुगली खा चुके थे. लिहाज़ा सुबह-सुबह पुलिस सलमान के घर पहुंचती है लेकिन सलमान घर पर नहीं थे.

दरअसल सलमान खान कानूनी सलाह के लिए कुछ वक्त चाहते थे. इसीलिए वो गायब थे. उन्हें पता था कि ज्यादा देर भागने से मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जमानत मिलने में दिक्कत आएगी. लिहाजा हादसे के करीब आठ घंटे बाद वो खुद सामने आते हैं और आखिरकार बांद्रा पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेती है. गिरफ्तारी के बाद सलमान को जेजे अस्पताल ले जाया जाता है, जहां सलमान का ब्लड सैंपल लिया जाता है.

सलमान के खिलाफ पुलिस लापरवाही और खतरनाक ढंग से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज कर लेती है. गैरजमानती धारा के चलते गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही उन्हें महज 950 रुपए के जुर्माने के साथ जमानत पर रिहा भी कर दिया जाता है. सलमान की इतनी आसानी रिहाई का कुछ सामाजिक संगठन विरोध करते हैं और पांच अक्तूबर 2002 को अदालत पहुंचते जाते हैं. वो अदालत में सलमान के खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल कर सलमान पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हैं.

Advertisement

अदालत ना सिर्फ याचिका मंजूर कर लेती है बल्कि पुलिस को सलमान के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-2 यानी गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने का हुक्म देती है. इसके तहत अधिकतम सजा दस साल कैद है. अदालती आदेश मिलते ही पुलिस 7 अक्तूबर 2002 को गैर इरादतन हत्या के जुर्म में सलमान को फिर से गिरफ्तार कर लेती है. सलमान जेल चले जाते हैं. वो पूरे 18 दिनों तक जेल में रहते हैं. इस दौरान वो चार बार जमानत की अर्जी देते हैं. मगर चारों बार जमानत की अर्जी खारिज हो जाती है. फिर आखिरकार 18 दिन बाद 24 अक्तूबर 2002 को सलमान को जमानत मिल जाती है और वो रिहा हो जाते हैं.

रिहाई के बाद सलमान खान मार्च 2003 में मुंबई सेशन कोर्ट में उनके खिलाफ गैर इदातन हत्या का मामला दर्ज करने के फैसले को चुनौती देते हैं. लेकिन दो महीने के अंदर ही मई 2003 में सेशंस कोर्ट ना सिर्फ उनकी अर्जी को खारिज कर देती है बल्कि मजिस्ट्रेट कोर्ट को सलमान के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने का हुक्म सुना देती है.

हालांकि सलमान ने कानूनी लड़ाई जारी रखी. खुद पर लगे गैर इरादतन हत्या की धारा हटवाने के लिए वो सेशंस कोर्ट के फैसले को अब बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती देते हैं. इस केस मे सलमान को यहां पहली राहत मिलती है. बॉम्बे हाई कोर्ट आईपीसी की धारा 304-II हटा देती है. कोर्ट का कहना था कि इस केस में ये धारा फिट नहीं बैठती.

Advertisement

सलमान के हिस्से ये खुशी बेहद कम वक्त के लिए आई. क्य़ोंकि बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अक्तूबर 2003 में महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई. उसकी दलील थी कि मामला गैर इरादतन हत्या का ही बनता है. दो महीने के इंतजार के बाद दिसंबर 2003 में सुप्रीम कोर्ट से सलमान खान को सबसे बड़ा झटका मिला. सुपीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को पटलते हुए कहा कि सलमान पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चले या ना चले इसका फैसला मजिस्ट्रेट कोर्ट करेगी.

अब चूंकि मजिस्ट्रेट कोर्ट पहले ही पुलिस से आईपीसी की धारा 304-2 के तहत सलमान के खिलाफ चार्जशीट दायर करने का हुक्म सुना चुकी थी लिहाजा अब बस ट्रायल शुरू होना बाकी था. मुंबई पुलिस सलमान खान के खिलाफ आईपीसी की धारा 304(II) के अलावा मोटर व्हिकल एक्ट 1988 और बॉम्बे प्रोहिबेशन एक्ट 1949 के तहत धारा 279, 337, 338 और 427 के अधीन मुकदमा दर्ज कर लेती है.

{mospagebreak}चार्जशीट में सलमान खान के खिलाफ चार बड़े इलजाम लगाए जाते हैं. पहला, हादसे के वक्त सलमान खान ही टोएटा लैंड क्रूजर कार चला रहे थे. दूसरा, सलमान की कार की रफ्तार बेहद तेज थी. तीसरा, हादसे के बाद सलमान मौके से भाग गए थे. और चौथा उस रात सलमान ने सामान्य मात्रा से ज्यादा शराब पी थी.

Advertisement

इनमें से ज्यादातर इलजाम सलमान के सुरक्षा गार्ड और मुंबई पुलिस के सिपाही रवींद्र पाटिल के बयान के आधार पर ही लगाए गए थे. पाटिल ने ही सबसे पहले पुलिस को बयान दिया था कि बार से निकलने के बाद सलमान नशे में थे और उसके मना करने के बाद भी वही गाड़ी चला रहे थे. और गाड़ी की रफ्तार भी करीब 90 से 100 किलोमीर प्रति घंटा थी.

रवींद्र पाटिल इस मामले में एक अहम चश्मदीद था. जी हां. था. क्योंकि पाटिल की तीन अक्तूबर 2007 को मौत हो चुकी है. रवींद्र पाटिल मुंबई पुलिस में कांस्टेबल था. उसने हादसे के बाद पुलिस को जो बयान दिया था उसके मुताबिक उस रात वो कार में सलमान खान के बराबर में बैठा हुआ था. अदालत ने पाटिल की मौत के बाद भी उसके बयान को केस का एक अहम हिस्सा माना है.

मगर सलमान खान की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि जिस रात हादसा हुआ था रवींद्र पाटिल पूरे रास्ते कार में सो रहा था. उसे कुछ पता ही नहीं था. रवींद्र पाटिल ने अपने पहले बयान में पुलिस को ये भी नहीं कहा था कि हादसे वाली रात सलमान नशे में थे. बल्कि ये बात उसने चार महीने बाद कही.

चार्जशीट दाखिल होने के बाद मुकदमा कोर्ट में चलता रहा. इस दौरान केस में कई मोड़ आते हैं. सबसे पहले सलमान की तरफ से कहा जाता है कि उस रात वो गाड़ी चला ही नहीं रहे थे. बल्कि गाड़ी उनका ड्राइवर अशोक सिंह चला रहा था. सलमान ने शराब पीने की बात से भी इंकार किया. साथ ही भी इलजाम लगाया कि उनका ब्लड सैंपल जानबूझ कर बदल दिया गया था.

जेजे अस्पताल के डॉक्टर शशिकांत पवार ने शुरूआती बयान में कहा था कि सलमान ने पहले अपना ब्लड सैंपल देने से मना कर दिया था. मगर उनके मुंह से शराब की बू आ रही थी. बाद में मजिस्ट्रेट के सामने डॉक्टर शशिकांत ने कहा कि ये कहना मुश्किल है कि सलमान के मुंह से बू शराब की ही आ रही थी. जहां तक ब्लैड सैंपल की बात थी तो सलमान के वकील का कहना था कि उस सैंपल के साथ छेड़छाड़ की गई है. दलील ये दी गई कि उस दिन दो अलग-अलग ब्लड सैंपल की शीशी लैब भेजी गई थी पर उन पर नाम का चिट नहीं लगा था.

इस केस में कुल 28 गवाह पेश हुए. इनमें से सिर्फ एक गवाह सलमान खान की तरफ से था. ड्राइवर अशोक सिंह. बाकी 27 गवाहों ने अभियोजन पक्ष की तरफ से सलमान के खिलाफ गवाही दी. इनमें से कई गवाह ऐसे थे जिन्होंने पुलिस को जो बयान दिया अदालत में उससे पलट गए.

{mospagebreak}ट्रायल के दौरान मुंबई पुलिस ने अदालत में सलमान खान के खिलाफ कुल 27 गवाह पेश किए. जबकि सलमान की तरफ से सिर्फ एक गवाह पेश हुआ. सलमान का ड्राइवर अशोक सिंह. सलमान के खिलाफ जो 27 गवाह पेश हुए वो हैं..

1. रवींद्र पाटिल, सिपाही और सलमान का सुरक्षा गार्ड
2.
मुस्लिम नियामत शेख-अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी का कर्मचारी जो हादसे में घायल हो गया था.
3. मुन्नू खून. अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी का मुलाजिम और हादसे का पीड़ित
4. कलीम इकबाल खान. अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी का मुलाजिम और हादसे का पीड़ित
5. माले बाग- रेन बार का मुलाज़िम
6. बालू लक्ष्मण- सोहैल खान का सुरक्षा गार्ड
7. फ्रांसिस फर्नांडीज- हादसे की आवाज सुन कर मौके पर पहंचा चश्मदीद
8. रामासरे रामदेव पांडेय- दूध वाला- मौके पर पहुंचा चश्मदीद
9. रिजवान राखांगी- मैनेजर, रेन बार
10. सचिन गंगाराम कदम- अमेरिकन एक्सप्रेस क्लीनर्स के सामने नील सागर होटल का गार्ड
11. मोहम्मद अब्दुल्ला शेख- अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी का मुलाजिम और हादसे का पीड़ित
12. कल्पेश सरजू वर्मा- जेडब्ल्यू मैरियट होटल का पार्किंग अटेंडेंट
13. अमीन कसम शेख- अमेरिकन एक्सप्रेस 1 बेकरी का मुलाजिम
14. सलीम माजिद पटेल- कस्टम क्लियरिंग एजेंट
15. आलोक शरद पांडे- लैंड क्रूजर कार खरीदवाने में मदद करने वाला कंस्ट्रक्शन बिजनेसमैन
16. गुरुचरण मलहोत्रा- कार इश्योरेंस एजेंट
17. मार्क मार्शल डिसूजा- अमेरिकन एक्सप्रेस क्लीनर्स का मुलाजिम
18. दत्तारे भालशंकर- फॉरेंसिक लैंब पुणे के एनालाइजर, सलमान का ब्लड सैंपल टेस्ट करने वाले
19. राजेंद्र केसकर- आईटीओ इंस्पेक्टर. एक्सीडेंट के बाद सलमान की कार की जांच करने वाला अफसर
20. डॉक्टर शशिशकांत पवार- जेजे अस्पताल के मेडिकल अफसर
21. शरद बापू बोर्डे- पुलिस नाइक, बांद्रा पुलिस स्टेशन
22. विजय मानिकराव सलूखे- सब-इंस्पेक्टर, बांद्रा पुलिस स्टेशन
23. रघुवीर सिंह बिलावर, आईटीओ इंस्पेक्टर, अंधेरी
24. संगीता अन्नासाहेब- पुलिस नाइक, बांद्रा पलिस स्टेशन
25. कैलाश बिहड़े, सलमान के सुरक्षा गार्ड रवींद्र पाटिल का बड़ा भाई
26 और 27 जांच अधिकारी इंस्पेक्टर राजेंद्र कदम और सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर किशन सेंगल
28. अशोक सिंह- सलमान खान का ड्राइवर और बचाव पक्ष की तरफ से इकलौता गवाह

इस केस का सबसे अहम और चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब अदालत में बहस और दलील अब बस खत्म होने जा रही थी. तभी बीस अप्रैल 2015 को अचानक अदालत में अशोक सिंह नाम का एक शख्स पहुंचता है. वो खुद को सलमान खान और उनके वालिद सलीम खान का ड्राइवर बताता है. अशोक सिंह के अदालत में दिए बयान के मुताबिक वो 1990 से खान परिवार का ड्राइवर है. अशोक सिंह ने बताया कि 28 सितंबर की उस रात लैंड क्रूजर सलमान खान नहीं बल्कि वो चला रहा था.

'घटना वाली रात ही पुलिस को सबकुछ बता दिया'
इस पर जब अदालत ने उससे पूछा कि ये बात 13 साल बाद अब क्यों बता रहा है तो अशोक सिंह का कहना था कि उस रात कार का एक पहिया फट गया था, जिसकी वजह से गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वो फुटपाथ पर चढ़ गया. इसके बाद सलमान के कहने पर उसी ने उस रात सौ नंबर पर पुलिस को कॉल किया. फिर वहां से वो बांद्रा पुलिस थाने गया, जहां वो चार बजे सुबह तक रुका रहा. और उसने उसी रात पुलिस को सब कुछ बता दिया था.

सलमान खान उस रात कार की ड्राइविंग सीट से उतरे थे या नहीं ये इस केस के लिए एक अहम सवाल था. मुंबई पुलिस ने चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया है कि उस रात सलमान खान कार के दाहिने दरवाजे यानी ड्राइविंग सीट से नीचे उतरे थे. जबकि सलमान के वकील ने अदालत में कहा कि हादसे के बाद कार का पिछला दरवाजा जाम हो गया था. इसीलिए सलमान को आगे से उतरना पड़ा.

ट्रायल के दौरान सलमान खान से अदालत ने कुल 419 सवाल पूछे थे. सवाल बेशक अलग-अलग थे. पर सलमान खान आखिर तक अदालत को यही यकीन दिलाते रहे कि उस रात ना तो उन्होंने शराब पी थी. ना ही वो गाड़ी चला रहे थे और ना ही उनके हाथों कोई हादसा हुआ. क्योंकि गाड़ी उनका ड्राइवर अशोक सिंह चला रहा था.

अब उसी अशोक सिंह के साथ ही 13 लंबे सालों की आखिरी बहस आखिरी गवाही पूरी हो चुकी है. बॉम्बे सिटी और सिविल सेशंस कोर्ट के सेशन जज डी डब्ल्यू देशपांडे 6 मई को अपना फैसला सुनाएंगे. वो फैसला जिस पर पूरे देश की नजर है.

DISCLAIMER
ये पूरी कहानी मुंबई पुलिस में दर्ज बयान और अदालत में अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच हुई बहस और दलील पर आधारित है. इसमें चैनल का अपना कोई पक्ष या राय नहीं है.

Advertisement
Advertisement