दो और तीन जुलाई की देर रात एक तरफ बिकरू गांव में गोलियां चल रही थीं तो वहीं दूसरी तरफ उसी गांव में कुछ गैंगस्टर की बीवियां डरी-सहमी घरों के अंदर मौजूद थीं. इसके बाद जैसे ही गोलियों का शोर थमता है. बिकरू गांव से एक फोन लखनऊ जाता है. अब फोन पर दो गैंगस्टर की बीवियां थीं. इनमें से एक तो वो थी जिसके अपने दरवाजे और आंगन में तीन पुलिस वालों की लाशें पड़ी थीं.
"भाभी बाहर दो आदमी मरे पड़े हैं. मेरे दरवाज़े और आंगन में मरा पड़ा है. पुलिस वाले हैं.. विकास भैया ने मारा है." ये दो गैंगस्टर की पत्नियों की बातचीत हो रही थी. इनमें से एक आवाज़ गैंगस्टर विकास दुबे के भाई की पत्नी की है, जबकि दूसरी आवाज़ विकास दुबे के खास गुर्गे और 50 हज़ार के इनामी बदमाश शशिकांत की पत्नी की है. फोन शशिकांत की पत्नी ने लगाया है और बात विकास दुबे की भाभी से हो रही है. ये बातचीत दो और तीन जुलाई की रात करीब डेढ़ बजे की है.
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मोबाइल पर रिकॉर्ड दो गैंगस्टर की पत्नियों की ये पूरी बातचीत ठीक उस वक्त की है, जब बिकरू गांव में पुलिस टीम पर हमला थम गया था. हमले के बाद विकास यादव समेत उसके सारे गुर्गे घर छोड़ कर भाग गए थे. पीछे सिर्फ पुलिसवालों की लाशें रह गईं थी. इन्हीं में से तीन लाशें शशिकांत के घर के दरवाज़ें पर और आंगन में पड़ी थीं. तीनों ही लाशें पुलिसवालों की थीं. इन लाशों को देखते ही शशिकांत की पत्नी घबरा गईं. इसके बाद उसने सीधे विकास दुबे की भाभी को उसके मोबाइल पर फ़ोन किया था.
गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे तब तक लखनऊ के कृष्णानंद इलाके के अपने दूसरे घर में थी. उधर, वे दोनों महिलाएं फोन पर बात कर रही थीं. इसका ऑडियो अब जाकर पुलिस के हाथ आया है. इस बातचीत से ये साफ हो जाता है कि दो और तीन जुलाई की रात बिकरू गांव में जो कुछ हुआ, उसकी जानकारी लखनऊ में विकास दुबे की भाभी को थी. ना सिर्फ़ जानकारी थी बल्कि वो शशिकांत की पत्नी को ये सलाह दे रही थी कि पुलिस को कैसे गुमराह करना है.
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शायद यही वजह है कि वारदात के बाद विकास दुबे के भागते ही उसकी पत्नी ऋचा दुबे भी गायब हो गई थी. लेकिन उज्जैन में विकास के हाथ लगते ही लखनऊ में ऋचा दुबे भी अचानक सामने आ जाती है. इसी तरह वारदात के बाद शशिकांत भी मौके से फरार हो गया था. लेकिन सोमवार की देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
गिरफ्तारी के बाद शशिकांत की निशानदेही पर पुलिस से लूटे गए सरकारी हथियार भी बरामद हो गए हैं. जिनमें से एके 47 राइफल, विकास दुबे के उसी घर से मिली, जिसे पुलिस ने ढहा दिया था. जबकि इंसास राइफल शशिकांत के घर से बरामद हुई है.
शशिकांत समेत इस मामले में अब तक कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जबकि विकास दुबे समेत 6 लोगों का अलग-अलग एनकाउंटर हो चुका है. फिर भी 21 नामज़द लोगों में से 11 का पकड़ा जाना अभी भी बाकी है. वैसे हैरानी का बात ये है कि हादसे के फौरन बाद ही तलाशी के नाम पर पुलिस ने विकास दुबे का पूरा घर ढाह दिया था. खोद-खोद कर तलाशी ली थी, मगर तब पुलिस से लूटी गई एके47 राइफल नहीं मिली थी. अब उसी घर से राइफल बरामद हो जाना अपने आप में हैरान करने वाला है.