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Vikas Dubey Encounter: बिकरू शूटआउट से लेकर विकास दुबे के एनकाउंटर तक, जानिए हर दिन क्या हुआ

फरार विकास दुबे अचानक हरियाणा के फरीदाबाद शहर में नजर आया और अगले दिन यानी गुरुवार को ही उसने मध्य प्रदेश के उज्जैन में जाकर आत्मसमर्पण किया. सातवें दिन विकास दुबे कानून की गिरफ्त में आया था. लेकिन आठवें दिन कानपुर में उसकी कहानी का अंत हो गया.

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पुलिस विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लेकर आ रही थी (फाइल फोटो)
पुलिस विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लेकर आ रही थी (फाइल फोटो)

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  • बिकरू गांव में शहीद हो गए थे 8 पुलिसकर्मी
  • विकास दुबे ने रची थी पुलिस के खिलाफ खूनी साजिश
  • उज्जैन में किया था सरेंडर, कानपुर में मारा गया गैंगस्टर

उत्तर प्रदेश के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी विकास दुबे की कहानी आखिरकार नाटकीय ढंग से खत्म हो गई. पुलिस पिछले 7 दिनों से तलाश कर रही थी. लेकिन उसका कुछ अता-पता नहीं था. अचानक वो हरियाणा के फरीदाबाद शहर में नजर आया और अगले दिन यानी गुरुवार को ही उसने मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया था. इस तरह सातवें दिन विकास दुबे कानून की गिरफ्त में आ गया था. लेकिन आठवें दिन कानपुर में उसकी कहानी का अंत हो गया. अब आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि पिछले आठ दिनों में कब-कब क्या-क्या हुआ.

2/3 जुलाई, 2020: कानपुर में विकास दुबे और उसके साथियों ने 8 पुलिस वालों को रात के अंधेरे में घात लगाकर मार डाला. उत्तर प्रदेश का गैंगस्टर विकास दुबे आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी बन गया.

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3 जुलाई, 2020: कानपुर के बिकरू गांव में हुए एनकाउंटर के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने विकास दुबे के चाचा प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे को बिकरू गांव के पास शिवली जंगल में एनकाउंटर कर दिया. इस एनकाउंटर में डीएसपी रैंक का एक अधिकारी घायल भी हुआ था.

4 जुलाई, 2020: अधिकारियों ने बिकरू गांव में स्थित विकास दुबे के किलेनुमा घर को उसी जेसीबी से ध्वस्त कर दिया, जिसका इस्तेमाल उन्होंने पुलिस का रास्ता रोकने के लिए किया था.

4 जुलाई, 2020: यूपी पुलिस ने विकास दुबे को पकड़ने के लिए 25 से अधिक टीमों का गठन किया.

6 जुलाई, 2020: गैंगस्टर विकास दुबे पर रखा गया इनाम बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया.

6 जुलाई, 2020: यूपी पुलिस ने पूरे प्रदेश की सीमाओं को सील कर दिया.

6 जुलाई, 2020: कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के मामले और ड्यूटी में ढिलाई बरतने के आरोप में दो सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल सहित तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया.

7 जुलाई, 2020: भगोड़े गैंगस्टर विकास दुबे को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के फरीदाबाद शहर में देखा गया था, लेकिन विकास दुबे हरियाणा पुलिस के शिकंजे से बच निकलने में कामयाब रहा. उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसे ट्रैक करने के लिए लगभग 100 टीम तैनात की थीं.

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8 जुलाई, 2020: उत्तर प्रदेश के पुलिस के इंस्पेक्टर विनय तिवारी को निलंबित करने के साथ-साथ गिरफ्तार कर लिया गया. उसने एक मामले में गैंगस्टर विकास दुबे को संगीन धाराओं में नामजद करने के बजाय मारपीट करने का आरोपी बनाया गया था. उसी ने विकास दुबे को पुलिस दबिश के बारे में जानकारी दी थी.

8 जुलाई, 2020: यूपी पुलिस ने भगोड़े गैंगस्टर विकास दुबे पर 2.5 लाख रुपये से बढ़ा कर 5 लाख रुपये तक कर दिया. पुलिस द्वारा फरीदाबाद के एक होटल में छापा मारने के कुछ ही घंटे बाद विकास दुबे को देखा गया था. लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह एक ऑटो में बैठकर भागने में सफल रहा.

8 जुलाई, 2020: राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हमीरपुर जिले में विकास दुबे के करीबी और अंगरक्षक अमर दुबे को एक मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया.

8 जुलाई, 2020: विकास दुबे के एक अन्य करीबी प्रभात मिश्रा को भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर के पास मुठभेड़ में मार गिराया. उल्लेखनीय है कि प्रभात को हरियाणा पुलिस ने बुधवार (8 जुलाई) को गिरफ्तार किया था. उसे आगे की पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड पर उत्तर प्रदेश लाया गया था. आरोप है कि उसने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की और इसी दौरान वो एनकाउंटर में मारा गया.

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9 जुलाई, 2020: यूपी पुलिस ने गुरुवार (9 जुलाई) की सुबह गैंगस्टर विकास दुबे एक और करीबी रणबीर उर्फ ​​बब्बन शुक्ला को इटावा में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया. बब्बन के सिर पर 50,000 रुपये का इनाम रखा गया था. वो कानपुर के बिकरू गांव में घात लगाकर हमला करने वाले आरोपियों में से एक था. जिस हमले में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. इस एनकाउंटर को इटावा पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) टीम ने मिलकर अंजाम दिया.

9 जुलाई, 2020: गैंगस्टर विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया. बताया जा रहा है कि पूरी प्लानिंग के तहत विकास दुबे ने वहां जाकर सरेंडर किया है.

9 जुलाई, 2020: उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे की अधिकारिक गिरफ्तारी नहीं दिखाई और सीधे उसे यूपी एसटीएफ की टीम के हवाले कर दिया. इसलिए उसके लिए ट्रांजिट रिमांड की ज़रूरत नहीं पड़ी. एसटीएफ की टीम विकास दुबे लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई.

10 जुलाई, 2020: एसटीएफ का काफिला हाइवे से होते हुए कानपुर नगर की सीमा में दाखिल होता है. सुबह के 6 बजकर 32 मिनट पर हाइवे पर नाका लगाकर ट्रैफिक रोका जाता है. गोलियों के चलने की आवाज़ आती है.

10 जुलाई, 2020: कुछ देर बाद विकास दुबे को खून से लथपथ हालत में कानपुर के हैलट अस्पताल में लाया जाता है. जहां कुछ देर बाद डॉक्टर उसे मृत घोषित कर देते हैं. इस तरह से विकास दुबे का चैप्टर क्लोज हो जाता है.

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