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कश्मीरः हसीनाओं के रूप में आ गए हैं स्नाइपर आतंकी!

तो क्या सच में अब इन नाज़ुक कंधों पर है कश्मीर में दहशत फैलाने की ज़िम्मेदारी. क्या सरहद के उस पार बैठे आकाओं को अब अपने आतंकियों पर यकीन नहीं. और वो इन हसीनाओं को मिशन कश्मीर पर भेज रहे हैं.

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ये स्नाइपर 5 सुरक्षकर्मियों को निशाना बना चुके हैं (फाइल फोटो)
ये स्नाइपर 5 सुरक्षकर्मियों को निशाना बना चुके हैं (फाइल फोटो)

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हाल ही में आतंकवाद की एक बिल्कुल एक नई शक्ल सामने आई है. अब तक आपने आतंकवादियों के अलग-अलग चेहरे देखे होंगे. मगर अब पहली बार सरहद पार से आतंकवादियों की एक ऐसी खेप भेजी गई है, जो दिखने में लड़की जैसे लगते हैं. ये स्नाइपर्स यानी शूटर हैं.

लंबे बाल. कजरारी आंखें. नाज़ुक सी उंगलियां. सर पर दुपट्टा. छरहरा बदन. मगर ये क्या. सिरहने क्यों रखी है इसके गन. कौन है ये? कहीं कोई खूबसूरत बला तो नहीं? शायद हां.. बला ही है ये. तभी तो इंडियन आर्मी को इसकी एक अर्से से तलाश है. क्योंकि क़ातिल है ये. सेना के 2 जवानों समेत 5 सुरक्षाकर्मियों की.

तो क्या सच में अब इन नाज़ुक कंधों पर है कश्मीर में दहशत फैलाने की ज़िम्मेदारी. क्या सरहद के उस पार बैठे आकाओं को अब अपने आतंकियों पर यकीन नहीं. और वो इन हसीनाओं को मिशन कश्मीर पर भेज रहे हैं.

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पहले पहल जब भारतीय सेना के हाथ ये तस्वीरें लगी तो उन्हें भी शायद ऐसा ही लगा. क्योंकि ये और इनके जैसे करीब 3 और को सरहद इसलिए पार कराई गई है ताकि ये निशाना बना सकें. सुरक्षा बलों को और वो भी अपनी पहचान छुपा कर चेहरे पर नकाब लगाकर ताकि पहचान बाकी रहे.

मगर यकीन जानिए जब इन चेहरों से नकाब उतरा तो यकीन नहीं हुआ. जब जैसे जैसे इन चेहरों से नकाब उतरा. सबके चेहरे का मिज़ाज भी बदल गया. जी.. हां जब सच सामने आया तो हर कोई हैरान रह गया. क्योंकि अगर इस चेहरे से नकाब ना उतरता तो आप भी वही सोच रहे होते जैसा हम सोच रहे थे. यही आतंक के आकाओं की भी कोशिश थी. क्योंकि ये स्नाइपर्स हैं. आसान ज़ुबान में ये छुप कर अपने टार्गेट को निशाना बनाते हैं.

कश्मीर में ऐसे ही चार लोगों ने सुरक्षा बलों की नाक में दम कर रखा है. अब चूंकि ये चेहरे पर नकाब लगाए होते हैं तो ये पता करना भी मुश्किल होता है कि नकाब के पीछे मर्द है या कोई औरत. ऐसे ही बहरुपिया बनकर ये कश्मीर में आर्मी के जवानों को निशाना बना रहे हैं. अब तक 5 सुरक्षकर्मियों को ऐसे स्नाइपरों ने निशाना बनाया है.

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आतंकी संगठन जैश ने हमले के लिए अपने स्नाइपर्स को सीमा पार कराई है. दो-दो स्नाइपर्स के दो गुट बनाए गए हैं. जिन्हें बाकायदा खुफिया हमले की ट्रेनिंग देकर भेजा गया है. उन्हें ये ट्रेनिंग पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने खुद दी है.

सूत्रों के मुताबिक स्पाइपर्स को लेकर एक खुफिया रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गई है. उसके मुताबिक जैश के ये स्नाइपर दो समूहों में सितंबर के महीने में भारत में दाखिल हुए हैं. जो अत्याधुनिक हथियारों से लैश हैं. और इनमें से खूबसूरत सी लड़की की तरह दिखने वाले जिस स्नाइपर की ये तस्वीर आप देख रहे हैं उसका नाम अबु कारी है.

अबु कारी का चेहरा अब बेनकाब हो चुका है. और अब तक जो स्नाइपर छिप-छिप कर सेना पर हमले कर रहा था. अब वो खुद सेना के निशाने पर आ गया है. पिछले कई दिनों से अबू कारी नाम का ये स्नाइपर अपने आतंकी गिरोह के साथ सुरक्षा बलों के जवानों को टारगेट कर रहा था. 5 सुरक्षकर्मियों की हत्या के पीछे अबु कारी और उस जैसे स्नाइपर्स का ही हाथ बताया जा रहा है.

18 सितंबर 2018

स्नाइपर हमले का पहला संदिग्ध मामला सामने आया. पुलवामा के नेवा में एक सीआरपीएफ जवान घायल हुआ. उस पर दूर से हमला हुआ था.

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21 अक्टूबर 2018

स्नाइपर हमले का दूसरा संदिग्ध मामला सामने आया. पुलवामा में ही सीआरपीएफ कैंप के अंदर एक एसएसबी जवान की जान संदिग्ध स्नाइपर हमले में चली गई.

25 अक्टूबर 2018

स्नाइपर हमले का तीसरा संदिग्ध मामला सामने आया. त्राल के लुरागाम में 42 राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर हमला हुआ और गार्ड की ड्यूटी पर तैनात सिपाही नगम सियामलियाना शहीद हो गए.

27 अक्टूबर 2018

स्नाइपर हमले का तीसरा संदिग्ध मामला सामने आया. श्रीनगर के बाहरी इलाके नौगाम में ऐसे ही एक संदिग्ध स्नाइपर्स हमले में सीआईएसएफ के सब इंस्पेक्टर राजेंद्र प्रसाद शहीद हो गए.

इन संदिग्ध स्नाइपर हमलों के बाद कश्मीर में सुरक्षाबलों के कान खड़े हो गए हैं. सुरक्षा बलों के चौकस जवानों की नज़र अब उन 4 संदिग्ध स्नाइपर्स को तलाश रही है. बताया जा रहा है कि इनमें से अबु कारी दक्षिणी कश्मीर में घूम रहा है. कश्मीर में आतंकियों के स्नाइपर हमलों को लेकर सेना अभी और सबूत जुटा रही है. हालांकि खुफिया एजेंसियां ऐसे हमलों के लिए आगाह कर चुकी हैं.

कश्मीर घाटी में सक्रिय संदिग्ध स्नाइपर हमलावरों के पास ऐसे एम-फोर कार्बाइन होने की आशंका जतायी जा रही है. जैसे कार्बाइन नाटो सैनिकों ने अफगानिस्तान में इस्तेमाल किए थे. ऐसे हथियारों से 500 से 600 मीटर दूर से हमला किया जा सकता है. साथ ही हमलावरों के पास नाइट विजन डिवाइस होने की आशंका जतायी जा रही है क्योंकि संदिग्ध स्नाइपर हमले रात में ही हुए हैं.

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संदिग्ध स्नाइपर हमलों के दौरान जहां आतंकियों की साजिश और तैयारी देखी जा रही है, वहीं भारतीय सुरक्षाकर्मियों से हुई चूक भी सामने आई है. क्योंकि हमलों के वक्त भारतीय सुरक्षाकर्मी अपनी पोस्ट पर बाहर थे और मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे.

कश्मीर घाटी में संदिग्ध स्नाइपर हमलावरों की मौजूदगी ने सुरक्षाबलों के लिए तो चुनौती पेश की है, राज्य में वीआईपी सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ गई है. कश्मीर पुलिस के आईजी ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को चिट्ठी लिखकर ऐसे स्नाइपर्स के बारे में आगाह कर दिया है और सुरक्षाकर्मियों को गाइडलाइन भी जारी की गई है.

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