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दो कत्ल, एक मौत पर सस्पेंस और अब पन्नू की खबर... खालिस्तानी साजिशकर्ताओं की इनसाइड स्टोरी

दुनिया के अलग-अलग कोने में जिस तरह से एक-एक खालिस्तानी आतंकी मौत की नींद सुलाए जा रहे हैं, उसने ना सिर्फ इन आतंकियों में भगदड़ मच गई है, बल्कि तमाम खुफिया एजेंसियों के कान भी खड़े हो गए हैं. सवाल ये है कि क्या ये मौतें महज इतेफाक हैं या फिर कुछ और...

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3 खालिस्तानी आतंकियों की मौत के बाद से ही गुरपतवंत सिंह पन्नू अंडरग्राउंड है
3 खालिस्तानी आतंकियों की मौत के बाद से ही गुरपतवंत सिंह पन्नू अंडरग्राउंड है

दो महीने का वक्त. तीन खालिस्तान समर्थकों की मौत. तीन में से दो की हत्या. एक की संदिग्ध मौत. और अब चौथे खालिस्तानी की मौत की ख़बर. ऐसा लग रहा है कि खालिस्तान की मांग करने वाले आतंकियों के लिए ये वक्त कुछ ज्यादा ही खराब चल रहा है. दुनिया के अलग-अलग कोने में जिस तरह से एक-एक खालिस्तानी आतंकी मौत की नींद सोए और सुलाए जा रहे हैं, उसने ना सिर्फ इन आतंकियों में भगदड़ मच गई है, बल्कि तमाम खुफिया एजेंसियों के कान भी खड़े हो गए हैं. सवाल ये है कि क्या ये मौतें महज इतेफाक हैं, जिन्हें इनके दुश्मनों ने निशाना बनाया है या फिर इसके पीछे की कहानी कुछ और है.

6 मई 2023

सबसे पहले खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की लाहौर में गुमनाम क़ातिलों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी.

14 जून 2023

फिर खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा की रहस्यमयी हालात में ब्रिटेन में मौत हो गई थी. जिसकी वजह कैंसर की बीमारी थी या फिर उसे जहर दिए जाने की आशंका भी जताई गई.

18 जून 2023

इसके बाद कनाडा के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ हरदीप निज्जर को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था.

5 जुलाई 2023

और अब प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में सड़क हादसे में मौत की खबर वायरल हो रही है.

मौत की खबर के बाद फिर चर्चाओं में आया पन्नू

अब तक तीन आतंकियों की मौत की खबर तो बिल्कुल कन्फर्म है, लेकिन जिस चौथे आतंकी यानी सिख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू के मौत की खबर हाल ही में सामने आई है, उसने आतंकियों और उनकी मौत के लेकर दुनियाभर में जारी चर्चाओं का बाजार अचानक से गर्मा दिया है. इससे पहले कि हम आपके सामने गुरपतवंत सिंह पन्नू की मौत की खबर से जुड़ी सच्चाई का पूरी तरह खुलासा करें, आइए पहले सोशल मीडिया में तैर रही गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक लेटेस्ट वीडियो की बात करते हैं.

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पन्नू के वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं

उस वीडियो के हवाले से ये बताने की कोशिश की जा रही है कि पन्नू मारा नहीं गया, बल्कि अब भी जिंदा है. वीडियो अमेरिका के यूनाइटेड नेशंस के ऑफिस के बाहर शूट हुआ है. वीडियो के निचले हिस्से में पांच जुलाई की तारीख दिख रही है. इस वीडियो में पन्नू अपनी पुरानी आदतों और हरकतों के मुताबिक ना सिर्फ भारत के लिए आपत्तिजनक बातें कह रहा है, बल्कि एक और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को शहीद बताते हुए 10 सितंबर 2023 से कनाडा में खालिस्तान को लेकर जनमत संग्रह शुरू करने की गीदड़ भभकी दे रहा है. सोशल मीडिया पर मौजूद ये वीडियो कितना सही है और कितना गलत, इसकी फिलहाल पुष्टि नहीं हो पाई है. ऐसे में पन्नू के मारे जाने और जिंदा रहने का सवाल भी जस का तस है.

भारतीय राजदूतों को बताया मौत का जिम्मेदार

वैसे वीडियो प्रोपेगैंडा के कुछ ज्यादा ही शौकीन पन्नू ने इसी बीच एक और वीडियो जारी कर निज्जर की मौत पर अपनी खीझ का इजहार किया था. इस वीडियो में वो अजीबोगरीब ग्राफिक्स और हास्यास्पद इफेक्ट के जरिए लगातार हिंदुस्तान के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाता दिख रहा था. इसी वीडियो में उसने भारत के कई राजदूतों की तस्वीरें दिखाते हुए उन्हें खालिस्तानी आतंकियों की मौत का जिम्मेदार बता रहा था.

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भारतीय दूतावासों से किया संपर्क

भारत सरकार ने राजदूतों के तस्वीरों वाले इस वीडियो पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन चार देशों की सरकार से बात की है, जहां मौजूद भारतीय राजदूतों की तस्वीर का आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपने वीडियो में इस्तेमाल किया. सरकार ने साफ किया कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी को भी आतंकी एजेंडे को आगे बढ़ाने की छूट नहीं दी जा सकती है. भारत के इस प्रतिकार का विदेशी सरकारों ने भी समर्थन किया है. अमेरिका ने राजदूतों को धमकाने की कोशिश को एक आपराधिक करतूत करार दिया है. भारत सरकार ने कनाडा सरकार से भी ऐसे वीडियो जारी करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है और कहा है कि ऐसे किसी तत्व को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. 

पन्नू की मौत के दावे की हकीकत

अब आइए आपको इसी गुरपतवंत सिंह पन्नू की मौत के लेकर किए जा रहे दावे की हकीकत बताते हैं. पन्नू के बारे में ये कहा जा रहा है कि उसकी अमेरिका के हाई-वे नंबर 101 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई. और तो और मौत की इस खबर के साथ सोशल मीडिया में एक्सीडेंट की कई अलग-अलग तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं, लेकिन अभी ना तो पन्नू की मौत की अधिकारिक पुष्टि की गई है और ना ही एक्सीडेंट की उन तस्वीरों की.

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17 दिनों से बंद है पन्नू का मोबाइल

अमेरिका में बैठकर खालिस्तान मूवमेंट की बात करने और लोगों को भड़काने वाला ये आतंकी कितना बुजदिल है, इसका अंदाजा बस इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो महीने में एक-एक कर तीन खालिस्तानी आतंकियों की मौत के बाद से ही ये ऐसे अंडरग्राउंड है कि अब किसी को ढूंढे भी नहीं मिल रहा. पिछले करीब 17 दिनों से वो ना सिर्फ गायब है, बल्कि उसने अपना मोबाइल फोन भी स्विच्ड ऑफ कर लिया है. ऐसे में पहले पन्नू की गुमशुदगी को लेकर चर्चाएं जोर मारती रही और अब उसकी मौत की खबर गर्म है. 

खौफजदा है आतंकी पन्नू

असल में कनाडा में मारा गया खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर पन्नू का बेहद करीबी समझा जाता था और जिस तरह से एक गुरुद्वारे की पार्किंग में उसकी गोली मार कर हत्या की गई, उसने पन्नू की हवा खराब कर दी थी. निज्जर उस गुरुद्वारे की प्रबंधक कमेटी का भी प्रमुख था. जब उस पर हमला हुआ वो अपनी कार से नीचे उतरने की कोशिश कर रहा था, लेकिन कातिलों ने उसे इसके लिए भी मौका नहीं दिया और गोलियों का निशाना बना कर फरार हो गए. जिसके बाद पन्नू बुरी तरह डर गया.

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निज्जर के साथ मिलकर किया रेफरंडम का ड्रामा

गुरपतवंत सिंह पन्नू पहले से देश की आतंकवाद विरोधी एजेंसी एनआईए यानी नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी की रडार पर है. और अब निज्जर के मारे जाने के बाद वो अकेला पड़ गया है. क्योंकि खालिस्तान के लिए रेफरंडम का सारा ड्रामा पन्नू निज्जर के साथ ही मिल कर चला रहा था. हालांकि मौत के डर से अंडरग्राउंड होने से पहले पन्नू ने अपनी पुरानी आदत के मुताबिक निज्जर की मौत के लिए भारतीय एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया और फिर गायब हो गया. 

NIA की लिस्ट में 11 खालिस्तानी आतंकी शामिल

खालिस्तानी आतंकियों की मौत की इन खबरों के बीच ये भी एक सच्चाई है कि एनआईए अब इन देश विरोधी ताकतों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. खबरों के मुताबिक एनआईए ने 54 ऐसे आतंकियों की लिस्ट तैयार की है, जिनमें 11 नाम खालिस्तानी आतंकियों के हैं. और 11 खालिस्तानी आतंकियों की इस लिस्ट में एक नाम गुरपतवंत सिंह पन्नू का भी है. एनआईए हर हाल में उस तक पहुंचने और उसे पकड़ने की कोशिश कर रही है, ताकि उसे उसके किए की सजा दिलाई जा सके. 

ये आतंकी भी लिस्ट में शामिल

एनआईए की लिस्ट में शामिल दूसरे आतंकियों में पाकिस्तान में छुपे बैठे लखबीर सिंह रोडे, रणजीत सिंह नीटा, भूपिंदर सिंह भिंदा, गुरमीत सिंह बग्गा, परमजीत सिंह पम्मा और अर्शदीप सिंह गिल का नाम शामिल है. जबकि लिस्ट में शामिल रहे परमजीत सिंह पंजवड़, हरदीप सिंह निज्जर और हरविंदर सिंह रिंदा मारे जा चुके हैं.

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खालिस्तान मूवमेंट को जोर का झटका

एनआईए समेत भारतीय एजेंसियों के इस एक्शन से खालिस्तान मूवमेंट को जोर का धक्का लगा है. पिछले दिनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की शहर पर विदेश से लौट कर अमृतपाल सिंह ने पंजाब में खालिस्तानी सोच को हवा देने की कोशिश की थी. लेकिन जल्द ही पुलिस के साथ उसके चूहे-बिल्ली का खेल शुरू हो गया और उसे गिरफ्तार कर असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद कर दिया गया. 

ऐसे मारा गया परमजीत सिंह पंजवड़

अब आइए आपको एक-एक मारे जा रहे इन आतंकियों के की मौत की कहानी सुनाते हैं. इस कड़ी में करीब दो महीने पहले, पहली मौत परमजीत सिंह पंजवड़ की हुई, जब 6 मई को उसे पाकिस्तान के लाहौर में गोलियों से उड़ा दिया गया. पंजवड़ खालिस्तान कमांडो फोर्स का सरगना था और और पाकिस्तान से लगातार आतंकी गतिविधियों को हवा देने की कोशिश करता रहता था. साल 1990 में ही वो भारत से फरार हो कर पाकिस्तान में जा छुपा था और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई का मोहरा बन चुका था. लेकिन आईएसआई भी उसकी जान नहीं बचा सकी. वो लाहौर के जौहर टाउन इलाके में ही सनफ्लावर सोसायटी में फर्जी नाम और पहचान से रह रहा था. उसने अपना नाम मलिक सरदार सिंह रख लिया था, लेकिन वारदात वाले रोज गुमनाम कातिल मोटरसाइकिल पर उसकी सोसायटी में घुसे और घर से बाहर निकलते ही उसे निशान बना कर मौके से फरार हो गए और इसी के साथ एक-एक कर कई और आतंकियों के जिंदगी की उल्टी गिनती चालू हो गई.

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पंजवड़ का चैप्टर क्लोज 

पंजाब के तरनतारन का रहनेवाला परमजीत सिंह पंजवड़ वैसे तो कई आतंकी वारदातों में शामिल रहा, लेकिन उसने विदेश में रहते हुए 30 जून 1999 को चंडीगढ़ के पासपोर्ट ऑफिस के पास बम धमाका करवाया था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी. पंजवड़ पहले एक बैंक मुलाजिम था, लेकिन बाद में वो आतंक के रास्ते पर चल निकला और उसने खालिस्तान कमांडो फोर्स नाम के एक संगठन की बुनियाद रखी. आगे चल कर वो आईएसआई के हाथों की कठपुतली बन गया और भारत में ड्रोन के जरिए नशा और हथियारों की तस्करी करवाने लगा लेकिन अब उसका चैप्टर क्लोज हो चुका है.

आतंकी अवतार सिंह खांडा की क्राइम कुंडली

परमजीत सिंह पंजवड़ के बाद ब्रिटेन में रह रहे खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा का नंबर आया. 14 जून को खांडा की ब्रिटेन में मौत हो गई. उसकी मौत के बाद ये खबर उड़ी थी कि खांडा को किसी ने जहर दे दिया. लेकिन बाद में ब्रिटेन के मेडिकल रिकॉर्ड के मुताबिक उसकी मौत की वजह ब्लड कैंसर बताई गई और ये भी बताया गया कि वो बर्मिंघम के एक अस्पताल में भर्ती था. अवतार सिंह खांडा के बारे में कहा जाता है कि अमृतपाल को हिंदुस्तान में खालिस्तान के नए पोस्टर ब्वॉय के तौर पर प्लांट करवाने वाला कोई और नहीं बल्कि यही अवतार सिंह खांडा था. उसी ने अमृतपाल को वारिस पंजाब दे नाम के संगठन पर कब्जा कर यहां अपने पांव पसारने का आइडिया दिया था. खांडा को ब्रिटिश पुलिस इंडियन एबेंसी से भारत का झंडा हटाने के जुर्म में गिरफ्तार कर चुकी थी. खांडा वहां सिख नौजवानों का ब्रेन वॉश करने के साथ-साथ उन्हें आईईडी बनाने की ट्रेनिंग भी दिया करता था. खांडा का पिता कुलवंत सिंह भी खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का आतंकी था. खांडा 2007 में पढ़ाई के बहाने से बिटेन गया और वहीं छुप कर आतंकी हरकतों को अंजाम देता रहा. 

आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की करतूतें

खांडा की मौत के बाद खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का नंबर आया, जिसकी 18 जून 2023 को कनाडा के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मार कर हत्या कर दी गई. निज्जर का नाम भारत सरकार की ओर से जारी की गई 41 आतंकियों की लिस्ट में शामिल था. और उसे भारत सरकार ने डेजिग्नेटेड आतंकी घोषित कर रखा था. सिख फॉर जस्टिस के स्वयंभू नेता निज्जर की हत्या कनाडा के सर्रे इलाके में हुई. वो मूल रूप से जालंधर का रहनेवाला था और कनाडा में रह कर खालिस्तानी सोच को हवा दे रहा था. भारत सरकार लगातार निज्जर पर शिकंजा कस रही थी और उसकी मौत से कुछ समय पहले ही उसके दो साथियों को फिलिपींस और मलेशिया से गिरफ्तार किया गया था.  

निज्जर पर NIA ने रखा था 10 लाख का इनाम

इससे पहले साल 2022 में जालंधर में एक पुजारी की हत्या में निज्जर का हाथ होने की बात सामने आई थी. जिसके बाद उसके खिलाफ ना सिर्फ केस दर्ज किया था, बल्कि उसे भगोड़ा करार देते हुए नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने उसके ऊपर 10 लाख रुपये का इनाम भी रखा था. खालिस्तान टाइगर फोर्स ने पहले भी विदेशों में कई बार भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन किए और लोगों की भावनाएं भड़काने की कोशिश की. 

गुरपतवंत सिंह पन्नू की क्राइम कथा

अब बात गुरपतवंत सिंह पन्नू की. एक के बाद कई खालिस्तानी आतंकियों की मौत के बाद पन्नू को अपनी जान का डर सताने लगा था. भारत सरकार ने उसके खिलाफ साल 2020 में यूएपीए यानी अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसे आतंकवादी करार दिया था. अमृतसर के खानकोट के रहनेवाले पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की. इसके बाद वो विदेश चला गया और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर खालिस्तान के नाम पर लोगों को भड़काने की कोशिश करने लगा. वो अक्सर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी बातें करता रहता है. उसने अमेरिका में रहते हुए सिख फॉर जस्टिस नाम के एक पॉकेट संगठन की शुरुआत की, जिस पर भारत सरकार ने 2019 में प्रतिबंध लगा दिया था. पन्नू अक्सर भोले-भाले नौजवानों को पैसों का लालच देकर भड़काता है और भारत में और भारत के खिलाफ दंगे भड़काने और दहशत फैलाने की कोशिश करता है.

खालिस्तानी आतंकियों का नया ठिकाना पुर्तगाल

अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के बाद अब खालिस्तानी आतंकियों ने पुर्तगाल को अपना नया बेस बना लिया है. यहां से वो भारत में आतंक की नई साजिश रच रहे हैं. खालिस्तान मूवमेंट को हवा देने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले दिनों पंजाब में पकड़े गए कुछ अपराधियों के पास पुर्तगाली हथियारों की खेप मिलने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है और इसी के साथ भारतीय खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं.

खालिस्तानी आतंकियों के पीछे ISI का हाथ

दरअसल इस पूरी साजिश के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है, जो आतंकियों को हथियार और पैसे मुहैया करा रही है, ताकि भारत को अशांत किया जा सके और पंजाब समेत दूसरे राज्यों में आतंक की आग भड़काई जा सके. पिछले दिनों पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले एक खालिस्तानी आतंकी के पास से ISI ने एक-47, MP-5 मशीन गन, हैंड गेनेड और पिस्टल जैसे हथियार बरामद हुए थे, जिन्हें आगे अपराधियों को पहुंचना था. ये आतंकी पुर्तगाल में नाजायज तरीके से टूरिस्ट वीजा पर रह रहा था. असल में आईएसआई कनाडा और ब्रिटेन में रह रहे खालिस्तानी आतंकियों को लगातार सपोर्ट कर रहा है, ताकि आतंक का नया और बड़ा मॉडयूल खड़ा किया जा सके. 

भारतीय काउंसलेट पर हमले की साजिश

उधर, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय काउंसलेट को खालिस्तानी आतंकवादी बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. वहां तैनात भारत सरकार के नुमाइंदों के कत्ल की साजिश तक उनकी ओर से रची जा रही है. साथ ही काउंसलेट बिल्डिंग को तोड़ना और तिरंगे का अपमान करना भी इन आतंकियों के एजेंडे में शामिल है. NIA यानी नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी ने भारतीय काउंसलेट पर हमले की इस खतरनाक साजिश का जिक्र 16 जून को दर्ज अपनी एक FIR में किया है. इस साजिश का सूत्रधार सैन फ्रांसिस्को में रह रहा बाबा सरवन सिंह और उसके 7 सहयोगी हैं. ये सारे के सारे आतंकी फिलहाल एनआईए की रडार पर हैं. पहले 18 मार्च को भारतीय काउंसलेट को नुकसान पहुंचाया गया था, इसके बाद 2 जुलाई को भारतीय काउंसलेट पर फिर से हमला हुआ.

आतंकियों की खास रणनीति

असल में पिछले कुछ महीनों में कनाडा, इंग्लैंड और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय काउंसलेट पर हुआ हमला आतंकियों की खास रणनीति का हिस्सा है. खुफिया एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक सैन फ्रांसिस्को के काउंसलेट पर हमले के बाद मिशन में तैनात भारतीय डिप्लोमेट की नाम और उनके पिक्चर को भी खालिस्तान समर्थित गुटों की ओर से सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है, जिससे उनकी सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा हो गया है. सैन फ्रांसिस्को में मौजूद भारतीय काउंसलेट में आगजनी की घटनाओं को देखते हुए अब इसकी जांच देश की सबसे बड़ी जांच ऐजेंसी NIA से कराए जाने का फैसला किया गया है और जल्द ही इस मामले की जांच के लिए एनआईए की टीम सैन फ्रांसिस्को जा सकती है.

 

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