गाजियाबाद से अगवा की गई स्नैपडील की कर्मचारी दीप्ति सरना के परिवार ने भले ही मीडिया के सामने में ज्यादा कुछ नहीं कहा लेकिन दीप्ति ने पुलिस के आला अधिकारियों को आपबीती सुनाई है. जिसके मुताबिक उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया गया.
पुलिस के मुताबिक दीप्ति ने बुधवार की रात वैशाली मेट्रो स्टेशन पर उतरी और उसने करीब 8 बजकर 30 मिनट पर शेयरिंग ऑटो किया. उसमें पहले से एक महिला सवारी बैठी थी. ऑटो गाजियाबाद के पुराने बस अड्डे की तरफ जा रहा था. उसने ऑटो से ही अपने पिता नरेंद्र शर्मा को फोन मिलाया और बात करने लगी.
तीन चार किमी. जाने के बाद अनजान महिला को ऑटो वाले ने जबरन उतार दिया. इसी दौरान उसके पिता ने फोन पर दीप्ति के चिल्लाने की आवाज़ सुनी कि वह गलत दिशा में जा रहा है. और उसके बाद दीप्ति का फोन बंद हो गया. उसके फौरन बाद नरेंद्र शर्मा ने पुलिस को फोन लगाया और इस बारे में जानकारी दी.
पुलिस के अनुसार, हिंडन नदी के पुल पर दीप्ति को चार लोगों ने अगवा कर लिया था. उसे अगवा किए जाने के मामले में थाना सिहानी गेट में मुकदमा लिखा गया. इसके बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया. उसे तलाश करने के लिए कई टीम बनाई गईं. साथ ही सर्विलांस और ड्रॉन कैमरा का इस्तेमाल भी किया गया.
दीप्ति ने शुक्रवार की सुबह ट्रेन में बैठकर अपने पिता को फोन किया. उसने बताया कि वह सुरक्षित है. और पानीपत में है. उसने अपने पिता से कहा था कि वह ट्रेन से घर आ रही है. वे उसे लेने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आ जाएं. दीप्ति की मां ने बताया कि फोन आने के बाद वे सभी पुलिस के साथ दीप्ति को लेने के लिए स्टेशन गए थे.
गाजियाबाद के एसएसपी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि दीप्ति को दो दिन पहले अगवा करके पानीपत में एक सुनसान जगह पर ले जाया गया था. उसकी आंखों पर पट्टी बांधी गई थी. उसे पूरी रात एक कमरे में बंद करके रखा गया था. और सुबह उसे स्टेशन के पास छोड़ दिया गया. उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया गया. यहां तक कि अपहरणकर्ताओं ने उसे खाना भी दिया था.
एसपी सिटी सलमान ताज पाटिल ने बताया कि दीप्ति पूरी तरह फिट है और वह अपने घर आ गई है. हम पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया गया है. हालांकि अभी तक उसका बैग और मोबाइल नहीं मिला है.