चीन ये नापाक मंसूबा पाले बैठा है कि सर्दियों में लद्दाख में मौसम की मार पड़ेगी और उसका पलड़ा भारी होगा. लेकिन उसे इस बात का अहसास नहीं होगा कि भारतीय शूरवीरों के लिए हमारी सेना ने क्या साजो सामान जुटाए हैं. सच कहा जाए तो नूडल्स खाने वाले चीनी फौजी भारतीय रणबांकुरों के आगे भला कहां टिकेंगे.
जंग के मैदान में शूरवीरों के हौसले और दम खम से आमने-सामने की जंग का फैसला होता है. भारत ने इस बात की पूरी तैयारी कर ली है कि हमारे फौजी डरपोक चीनियों को नाकों चने चबवा दें. इसके लिए भारत ने अपने फौजियों को मजबूत बनाने का हर पुख्ता इंतजाम किया है.
चीन प्रोपेगैंडा वीडियो बना रहा है. उन्हें वायरल कर रहा है. चीन दावा कर रहा था कि उसके फौजियों को ड्रोन के जरिये गर्म नूडल्स मिलेंगे. ये हवा हवाई वीडियो यकीन से परे है. लेकिन ये किसी से छिपा नहीं है कि कैसे भारतीय सेना ने अपने फौजियों का ख्याल रखा है. कैसे उनके लिए गरम कपडों और खास टैंट से लेकर खाने पीने तक का सामान जमा किया है.
शून्य से नीचे वाले पारे में जंग लड़ने वाले फौजियों के लिए खास तौर पर डिजाइन किये गए कपड़ों और टेंट का इंतजाम किया गया है. जवानों के लिए खास तौर पर बर्फ में लड़ने के लिए ऐसे साजो सामान जुटाए गए हैं, जो उनकी ताकत में इजाफा करेंगे.
जंग के मैदान में दम खम बना रहे. हमारे फौजी पूरी तरह चुस्त तंदुरुस्त रहें. इसके लिए खास किस्म का खाना उनको देने का इंतजाम है. चीन सर्दियों की बात कर रहा है, लेकिन ड्रैगन जरा भारत की तैयारी तो देख ले. दो चार नहीं कई महीनों का राशन पानी लेकर भारतीय सेना तैयार है.
सैनिकों के लिए राशन सप्लाई में ग्लोबमास्टर जहाज लगे हैं. एक साथ चार जहाज सैनिकों के लिए साजोसामान लेकर फॉरवर्ड बेस पर उतरे हैं. चीन के उन सैनिकों के मुकाबले जिनको जंग लड़ने का कोई अनुभव बीते सालों में नहीं हुआ, भारत के फौजी हर तरह से भारी पड़ने के लिए तैयार हैं.