अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी पुलिस के समक्ष सरेंडर करना चाहता था. लेकिन सरकार ने उसकी बात नहीं मानी. उसके साथ छोटा शकील भी आत्म समर्पण करना चाहता था. इस बात का खुलासा खुद पूर्व वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम केसवानी ने किया है. वे दाऊद के वकील भी रहे हैं.
कभी अदालतों में दाऊद की पैरवी करने वाले पूर्व वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम केसवानी ने यह पूरे दावे के साथ कही है. उनका कहना है कि छोटा राजन को जिन शर्तों पर भारत लाया गया वैसे ही दाऊद इब्राहिम भी भारत आना चाहता था. लेकिन उस वक्त सरकार ने इस बात से इंकार कर दिया था.
केसवानी के मुताबिक एक वक्त ऐसा आया था कि दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील दोनों सरेंडर करने के लिए तैयार हो गए थे. लेकिन वे दोनों चाहते थे कि उन्हें ऑर्थर रोड जेल में रखा जाए. या दाऊद को जेल के बजाय उसके घर में ही नजरबंद कर दिया जाए. उस वक्त दाऊद ने भी सरकार से यह कहा था कि जेल में उसकी जान को खतरा है.
एक अखबार के हवाले से बताया गया कि वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कुछ साल पहले भी इस बात का दावा किया था कि दाऊद इब्राहिम भारत में सरेंडर करना चाहता था. मगर उस दौर में महाराष्ट्र मुख्यमंत्री रहे शरद पवार ने उसकी बात और शर्तों को मानने से इंकार कर दिया था.