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धर्मांतरण केस की खुलेगी हर परत, NIA को मिलेगी जांच की कमान

धर्मांतरण केस की जांच अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी करेगी. एनआईए मुख्यालय ने यूपी एटीएस से धर्मांतरण केस की पूरी रिपोर्ट मांगी है. सूत्रों के मुताबिक NIA की 2 यूनिट धर्मांतरण केस की जांच में लगाई जा सकती है.

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 मुफ्ती जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम.
मुफ्ती जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • NIA को मिली जांच की जिम्मेदारी
  • 8 राज्यों में फैला है धर्मांतरण केस का जाल
  • यूपी एटीएस कर रही है मामले की जांच

उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण केस की जांच अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी(NIA) करेगी. 8 राज्यों में फैले धर्मांतरण केस की जांच में यूपी एटीएस ने NIA को सौंप दी है. जांच एजेंसी ने यूपी एटीएस से धर्मांतरण केस की पूरी रिपोर्ट मांगी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी की 2 यूनिट पूरे केस की पड़ताल के लिए लगाई जा सकती हैं.

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अब धर्मांतरण केस की जांच एनआईए की दिल्ली और यूपी यूनिट करेगी. केस को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए कागजी कार्यवाही शुरू कर दी गई है. अब यूपी एटीएस की जगह एनआईए पूरे मामले की पड़ताल शुरू कर सकती है.

धर्मांतरण केस में इससे पहले यूपी एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS) टीम, इस्लामिक दावा सेंटर से मिले दस्तावेजों के आधार पर 7 राज्यों में जांच करने वाली थी. लेकिन अब मणिपुर, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, झारखंड, मध्य प्रदेश और बिहार में अब एनआईए की टीम जांच शुरू कर सकती है. धर्मांतरण केस से जुड़ी सभी घटनाओं की पड़ताल जांच संस्था करेगी.

यूपी में धर्मांतरण के रैकेट का पर्दाफाश, करीब एक हजार लोगों के धर्म बदलवाने का आरोप 

इस्लामिक दावा सेंटर में जांच के दौरान यह सामने आया है कि मुफ्ती काजी जहांगीर ने 7 जनवरी से 2020 से लेकर 12 मई 2021 तक 33 लोगों का धर्मांतरण कराया है. इस केस में दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद से ही जांच जारी है. मुफ्ती जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम, दोनों पर आरोप है कि इन्होंने बड़ी संख्या में लोगों का धर्मांतरण कराया है.

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रैकेट में शामिल हैं 100 से ज्यादा लोग

यूपी के नोएडा में धर्मांतरण केस का जब खुलासा हुआ, तब यह सामने आया था कि मूक-बधिर बच्चों और महिलाओं का धर्म परिवर्तन कराया गया है. कुछ लोगों पर दबाव बनाकर, डरा-धमकाकर भी धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया था.

यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने खुलासे के बाद कहा था कि बीते एक साल में 100 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराया गया था. इस केस में विदेशी फंडिंग की बात भी सामने आई थी. जिसके बाद से ही प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य मामलों की जांच में जुटा है.
 

 

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